पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून को लेकर भड़की हिंसा की शुरुआती जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय को सूचित किया गया है कि इस हिंसा में बांग्लादेशी उपद्रवियों की भी भूमिका पाई गई है।
जांच में यह भी पता चला है कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने सीमावर्ती जिलों में घुसपैठियों की निगरानी करने में गंभीर चूक की। मुर्शिदाबाद और दक्षिण 24 परगना जिलों में वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हालात बेकाबू हो गए, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए।
मारे गए लोगों में एक पिता-पुत्र की जोड़ी भी शामिल थी, जिन्हें शमशेरगंज में भीड़ ने बेरहमी से मार डाला। हत्या के आरोप में दो सगे भाइयों को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया है।
राज्य में वक्फ संपत्तियों की संख्या 80,480 से अधिक है, जो उत्तर प्रदेश के बाद देश में दूसरी सबसे अधिक है। इसी महीने वक्फ कानून पास होने के बाद राज्य भर में तीव्र विरोध प्रदर्शन देखने को मिले हैं।
यह कानून वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सरकार की भूमिका को बढ़ाता है, जिसे मुस्लिम समुदाय के कुछ हिस्सों में ज़मीन छीनने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, केंद्र सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
कैसे भड़की हिंसा
मुर्शिदाबाद जिले के सुइटी और शमशेरगंज इलाकों में जब विरोध प्रदर्शन हिंसक हुआ, तो कई दुकानों और वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया, और स्थानीय निवासियों के घरों में तोड़फोड़ की गई। मुस्लिम बहुल इस क्षेत्र में 11 अप्रैल से शुरू हुई अशांति के बाद बड़ी संख्या में लोग अपने घर छोड़कर पलायन कर गए।
2011 की जनगणना के अनुसार, मुर्शिदाबाद की जनसंख्या का 66% हिस्सा मुस्लिम है और यह जिला बांग्लादेश की सीमा से सटा हुआ है।
हिंसा की लपटें सोमवार को दक्षिण 24 परगना के भांगड़ इलाके तक पहुंच गईं, जब इंडिया सेक्युलर फ्रंट (ISF) के नेतृत्व में एक विरोध मार्च हिंसक हो गया। कोलकाता की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोका, जिसके बाद टकराव हुआ और कई गाड़ियों को जला दिया गया।
इस बीच, राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने भी मामले में हस्तक्षेप करते हुए संवेदनशील इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि यह विवादित कानून राज्य में लागू नहीं किया जाएगा।
पुलिस के अनुसार, हिंसा से जुड़े मामलों में अब तक 210 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और मुर्शिदाबाद में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है।