
ग्लोबल एक्ट्रेस के रूप मेँ अपनी पहचान बना चुकीं सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं। उन्हें खुद से जुड़ी बातें फैंस के साथ शेयर करने में मजा आता है, अब वो चाहे पारिवारिक हो या फिर काम से जुड़ीं। प्रियंका की फिल्म ‘बर्फी’ ने हाल ही सिनेमाघरों में अपनी रिलीज के 13 साल का सफर पूरा किया है। इस खास मौके पर प्रियंका ने कई पोस्ट शेयर की हैं। प्रियंका ने शनिवार (9 अगस्त) को अपने इंस्टाग्राम पर भावनाएं जाहिर करते हुए फिल्म की मेकिंग और कैरेक्टर के लिए की गई तैयारी के बारे में बताया। इंस्टा स्टोरी में अपने पेरेंट्स संग फोटो शेयर कर प्रियंका ने लिखा, “आखिरी बार था जब पापा किसी फिल्म सेट पर आए थे।”
यह पोस्ट देख फैंस भावुक हो गए। इसके अलावा एक अन्य स्टोरी में प्रियंका ने वह फोटो दिखाई है, जिसमें ‘बर्फी’ के लिए प्रियंका को अवार्ड मिलने पर उसे रिसीव करने उनके पिता स्टेज पर पहुंचे थे। इसके कैप्शन में प्रियंका ने लिखा, “मेरी जीत उनकी जीत थी। ये आखिरी बार था कि वे किसी सार्वजनिक स्थान पर नजर आए थे। इसके तीन महीने बाद वे दुनिया को छोड़कर चले गए।” इसके अलावा प्रियंका ने यह खुलासा भी किया कि उन्होंने 5 दिन तक लगातार अपने किरदार ‘झिलमिल’ के लिए ऑटिज्म स्पेक्ट्रम से पीड़ित बच्चों के साथ खास ट्रेनिंग ली थी ताकि कैरेक्टर में वास्तविकता बनी रही।
प्रियंका ने इंस्टाग्राम पर भी वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “जनवरी 2009 में मैं न्यूयॉर्क में अंजाना अंजानी की शूटिंग कर रही थी तब रणबीर कपूर ने उनकी नई फिल्म बर्फी के बारे में बताया, जिसे अनुराग बसु बना रहे थे। मैं भी उनके काम की तारीफ करती हूं। उन्होंने मुझे जब झिलमिल का रोल ऑफर किया तो मैं बहुत खुश हुई। हम मुंबई में उनके घर पर मिले, तब मैं सजी-धजी एक इवेंट से लौटी थी, पर उन्होंने मुझे देखा और कहा कि वो झिलमिल के रूप में उन्हें सोच नहीं पा रहे हैं, पर हम फिर भी 5 दिन की वर्कशॉप के लिए तैयार हो गए। बर्फी मेरी सबसे अनमोल फिल्मों में से एक है।
रवि वर्मन की सिनेमैटोग्राफी बेस्ट थी। खूबसूरत इलियाना डिक्रूज ने श्रुति को एक अद्भुत रूप दिया, रणबीर एक स्टार की तरह चमके और अनुराग सर शानदार, सौम्य और चंचल थे। उनकी कहानी कहने की कला जादुई है।” बता दें साल 2012 में रिलीज हुई ‘बर्फी’ 35 करोड़ के बजट में बनी थी और इसने घरेलू बॉक्स ऑफिस पर 112 करोड़ की कमाई की थी जबकि वर्ल्डवाइड इसका ग्रॉस कलेक्शन 188 करोड़ रहा था।

अनुपम खेर ने कहा, मेरे एक बात समझ नहीं आती कि आजकल टॉयलेट्स…
बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर अनुपम खेर 40 साल से भी ज्यादा समय से दर्शकों का मनोरंजन कर रहे हैं। उनका हर किरदार शानदार होता है। वे चाहे कॉमेडी करें या फिर खलनायक वाला अंदाज हो, सबमें फिट हो जाते हैं। अनुपम सोशल मीडिया भी पसंद करते हैं। हाल ही में अनुपम ने एक वीडियो इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया है, जो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें उन्होंने टॉयलेट के बाहर दरवाजे पर लगे साइन बोर्ड को लेकर बात की है। उन्होंने फैंस से सवाल करते हुए पूछा है कि पब्लिक प्लेस पर टॉयलेट के बाहर लगे साइन बोर्ड को लेकर क्या कभी आपको भी कनफ्यूजन हुआ है।
वे वीडियो में कह रहे हैं कि मेरे एक बात समझ नहीं आती कि आजकल टॉयलेट्स के बाहर बताने के लिए कि कौन सा महिलाओं के लिए है या कौनसा पुरुषों के लिए, इस तरह की पेंटिंग और साइन बनाए जाते हैं कि लोगों को कनफ्यूजन हो जाता है। चाहे रेस्टोरेंट्स हो या थिएटर के बाहर। मुझे ये नहीं समझ आता कि सिंपल क्यों नहीं रखा जाता इसे, जैसे पहले हुआ करता था। मैं एक स्टूडियो के बाहर खड़ा हूं और यहां ऐसे साइन बोर्ड हैं, जिन्हें देखकर मुझे समझने में देर हो रही है कि कौनसा स्त्री का है और कौनसा पुरुष का। इन्हें सिंपल क्यों नहीं रखा जाता है।
अनुपम की पिछली फिल्म 'तन्वी द ग्रेट' थी, जो पिछले महीने सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। इसमें अनुपम ने एक्टिंग के साथ डायरेक्टर की भूमिका भी निभाई है। फिल्म की कहानी और एक्टिंग की सराहना हुई, लेकिन इसे ज्यादा दर्शक नहीं मिले। कहानी ऑटिज्म से पीड़ित लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है। लड़की अपने मम्मी और दादाजी के साथ रहती है। लड़की के पिता फौज में थे। वह अपने पिता की तरह फौज में जाकर लेगेसी को बरकरार रखना चाहती है।














