
साल 2007 में आई फिल्म 'चक दे इंडिया' ने दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई। देश की महिला हॉकी टीम की मेहनत, संघर्ष और सफलता की कहानी पर बनी यह फिल्म इतनी प्रभावशाली थी कि इसके रिलीज़ होने के बाद हॉकी के प्रति लोगों का उत्साह करीब 30 प्रतिशत तक बढ़ गया। फिल्म का टाइटल ट्रैक तो आज भी हर स्पोर्ट्स इवेंट की जीत के जश्न का हिस्सा बन चुका है।
असल जिंदगी से प्रेरित कहानी
'चक दे इंडिया' हॉकी खिलाड़ी मिरंजन नेगी के जीवन पर आधारित थी। फिल्म में दिखाए गए संघर्षों और जज्बे ने दर्शकों को गहराई से छुआ। खास बात यह थी कि शाहरुख खान, जिन्हें इस फिल्म का मुख्य किरदार निभाने के लिए चुना गया, खुद भी कॉलेज के दिनों में हॉकी खेल चुके थे। महिला हॉकी टीम के रोल में चुनी गई अभिनेत्रियों को तीन-चार महीने तक कड़ी ट्रेनिंग दी गई ताकि उनके खेल की असलियत बनी रहे और फिल्म में कहीं भी दिखावा न लगे। शाहरुख खान को इस फिल्म के लिए उनके करियर का सातवां बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड भी मिला।
पहली पसंद शाहरुख खान नहीं थे
IMDB और कई सूत्रों के अनुसार, 'चक दे इंडिया' के लिए शाहरुख खान पहली पसंद नहीं थे। इस फिल्म का ऑफर सलमान खान को पहले दिया गया था। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि सलमान खान के साथ क्यों यह प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पाया। लेकिन जो भी हुआ, वह दर्शकों के लिए वरदान साबित हुआ। शाहरुख खान ने इस फिल्म में अपनी पूरी जान लगा दी और इसे बॉलीवुड की सबसे यादगार स्पोर्ट्स फिल्मों में से एक बना दिया।














