अजमेर। राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शुमार अजमेर शहर की प्रमुख झील फॉयसागर का नाम राज्य सरकार ने बदल दिया है। फॉय सागर को अब वरुण सागर के नाम से जाना जाएगा। गौरतलब है कि 132 साल पहले इस झील का नाम अंग्रेज इंजीनियर सर फॉय के नाम पर रखा गया था। इस मामले में राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष एवं अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी ने प्रयास किया था। झील का नाम बदलने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। बुधवार को अजमेर नगर निगम ने झील का नाम बदलने को लेकर आदेश भी जारी कर दिए।
विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने बताया कि देश की आजादी के बाद भी अजमेर में कई स्थानों के नाम गुलामी के प्रतीक बने हुए थे। ये गुलामी के प्रतीक कचोटते भी थे, लेकिन हम इनके नामों को नहीं बदल पाए। फॉयसागर अंग्रेज हुकूमत के समय इंजीनियर रहे सर फॉय के नाम पर रखा गया था। इस बात को 132 वर्ष हो चुके हैं। झील से शहर और रेलवे को जलापूर्ति हुआ करती थी। आजादी के बाद भी यह फॉयसागर गुलामी के प्रतीक के रूप में नजर आता था। लिहाजा झील का नाम बदल कर जल के देवता भगवान वरुण के नाम से रखा गया है। धीरे धीरे झील के आसपास वरुण देवता की मूर्ति और घाट भी बनाया जाएगा, जहां लोग बैठकर विधिवत पूजा अर्चना कर सके। उन्होंने बताया कि सिंधी समाज के लोग बड़ी संख्या में झील के जल की पूजा करते हैं।
किंग एडवर्ड मेमोरियल भवन अब बना महर्षि दयानन्द विश्रांति गृह
देवनानी ने बताया कि 140 वर्ष पुराने अजमेर के रेलवे स्टेशन रोड पर स्थित किंग एडवर्ड मेमोरियल भवन का भी नाम बदल गया है। इसका नाम अब महर्षि दयानंद विश्रांति गृह रखा गया है। मंगलवार को भवन का नामकरण हो चुका है। अजमेर महर्षि दयानंद सरस्वती की निर्वाणस्थली है। उन्होंने कहा कि गुलामी के प्रतीक अब जा रहे हैं और मन को प्रेरणा देने वाले और आजादी के प्रतीक आ रहे हैं। इस आधार पर दोनों ही स्थानों का नामकरण किया गया है।
एलिवेटेड रोड का नाम होगा रामसेतु
देवनानी ने बताया कि अजमेर में बने एलिवेटेड रोड का नाम राम सेतु करने का विचार किया गया है। पिछले दिनों खादिम होटल का नाम भी बदलकर होटल अजयमेरु किया गया है। उन्होंने बताया कि कोटडा में तेलंगाना हाउस बनना प्रस्तावित था, उसे भी रिहायशी क्षेत्र से हटा दिया गया है। अजमेर विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। अजमेर में साइंस पार्क, आयुर्वेद विश्वविद्यालय, आईटी पार्क आदि विकास कार्य होने हैं। अजमेर को पर्यटन स्थली के रूप में भी विकसित किया जा रहा है।