AICC ने सौंपी अशोक गहलोत व बघेल को बड़ी जिम्मेदारी, बनाया अमेठी और रायबरेली सीट का सीनियर ऑब्जर्वर
By: Rajesh Bhagtani Mon, 06 May 2024 4:48:59
नई दिल्ली। कांग्रेस की परंपरागत सीटें अमेठी और रायबरेली इस बार गांधी परिवार के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई हैं। इस बार कांग्रेस ने अमेठी से गांधी परिवार से किसी को मैदान में नहीं उतारा है। कांग्रेस ने केसी शर्मा को अमेठी से प्रत्याशी बनाया है, जबकि इस बार राहुल गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अमेठी लोकसभा सीट का सीनियर ऑब्जर्वर बनाया है। लिहाज़ा गहलोत को मिली इस बड़ी ज़िम्मेदारी के पैमाने का अंदाज़ा सहज ही लगाया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को रायबरेली लोकसभा सीट पर सीनियर ऑर्ब्जवर लगाया गया है।
राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल के हस्ताक्षर से ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के लेटर हेड पर गहलोत और बघेल के अमेठी व रायबरेली सीट पर सीनियर ऑब्ज़र्वर लगाने के आधिकारिक आदेश जारी हुए हैं।
बघेल को मिला रायबरेली का ज़िम्मा
कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत की ही तरह छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को भी बड़ी ज़िम्मेदारी दी है। बघेल को रायबरेली लोकसभा सीट पर सीनियर ऑब्ज़र्वर लगाया गया है। गौरतलब है कि रायबरेली सीट से इस बार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी उम्मीदवार हैं। अमेठी की ही तरह इस लोकसभा सीट को जीतना भी कांग्रेस और गांधी परिवार के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है।
राहुल गांधी के बचाव में उतरे गहलोत
राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत एक बार फिर राहुल गांधी के बचाव में उतर आये हैं। उन्होंने अब प्रधानमंत्री और भाजपा नेताओं की ओर से राहुल गांधी की रायबरेली उम्मीदवारी को लेकर उठाते जा रहे सवालों और कटाक्ष का जवाब दिया है। गहलोत ने शनिवार को अपने मध्य प्रदेश दौरे के दौरान भोपाल में एक समाचार एजेंसी को इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, ‘भागा कौन है? पीएम मोदी खुद भागे हैं। उनका वाराणसी से क्या संबंध था? जबकि वे तो खुद गुजरात से थे। तो वो गुजरात से लड़ने के बजाय भागकर वहां क्यों गए? ‘
अशोक गहलोत ने रायबरेली सीट से राहुल गांधी के नामांकन पर भी प्रतिक्रिया दी है। सोशल मीडिया के ज़रिये शेयर अपनी प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा, ‘रायबरेली में राहुल गांधी और अमेठी में के एल शर्मा के नामांकन के अवसर पर आम जनता एवं कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल देखने का मौका मिला। दोनों सीटों पर कांग्रेस भारी मतों से विजयी होगी।’
गहलोत ने कहा कि रायबरेली और अमेठी से गांधी परिवार का दशकों पुराना भावनात्मक रिश्ता है। रायबरेली में राहुल गांधी की उम्मीदवारी ने कांग्रेस में नए जोश का संचार किया है। वहीं अमेठी में के एल शर्मा के रूप में एक कार्यकर्ता को टिकट दिया गया है। करीब 40 साल से केएल शर्मा अमेठी और रायबरेली की जनता के बीच काम कर रहे थे। उनको मौका मिलने से सभी कार्यकर्ताओं में जोश आ गया है।’
उन्होंने कहा, ‘अमेठी में 5 साल से भाजपा सांसद की गैरमौजूदगी के कारण वहां की जनता भी गांधी परिवार एवं के एल शर्मा के काम को याद करने लग गई थी। मैंने दोनों जगहों पर जनता के बीच महसूस किया कि अमेठी और रायबरेली में जीत कांग्रेस की ही होगी।’
सूची से गायब है गहलोत का नाम, टॉप 10 में पायलट को जगह
ऑल
इंडिया कांग्रेस कमेटी की ओर से ओडिशा में प्रचार अभियान के लिए 40 स्टार
प्रचारकों की सूची जारी हुई है। इसमें राजस्थान से एकमात्र सचिन पायलट को
शामिल किया गया है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत को जगह नहींए मिली है।
ओडिशा
के लिए जारी कांग्रेस की स्टार प्रचारकों की सूची अब चर्चा में है। 40
नेताओं की इस फहरिस्त में गहलोत का नाम नहीं होने और एकमात्र सचिन पायलट को
शामिल किए जाने को लेकर राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया
प्लेटफॉर्म्स तक में लोग अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। ओडिशा में
गहलोत के मुकाबले पायलट को तवज्जो मिलने के लोग अलग-अलग मायने भी निकाल रहे
हैं। कुछ यूज़र्स कमेंट कर रहे हैं, ‘ओडिशा में गहलोत का जादू नहीं, बल्कि
सचिन पायलट का जलवा चलता है।’
जारी हुई सूची में सचिन पायलट को
टॉप-10 नेताओं में जगह मिली है। वे दसवें नंबर पर हैं। जबकि उनके नाम से
पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी,
पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गाँधी, वरिष्ठ नेता डॉ अजोय
कुमार, सरत पटनायक, नरसिंघा मिश्रा, रेवंथ रेड्डी और भूपेश बघेल के नाम भी
शामिल हैं।