24 साल पुराने मानहानि मामले में कार्यकर्ता मेधा पाटकर को 5 महीने की जेल, 10 लाख का हर्जाना देने का भी आदेश
By: Rajesh Bhagtani Mon, 01 July 2024 5:34:47
नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को वीके सक्सेना द्वारा उनके खिलाफ दायर 24 साल पुराने मानहानि के मुकदमे में पांच महीने की साधारण कैद की सजा सुनाई। वीके सक्सेना अब दिल्ली के उपराज्यपाल हैं। अदालत ने पाटकर को सक्सेना को 10 लाख रुपये का हर्जाना देने का भी आदेश दिया।
इस साल मई में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट राघव शर्मा की अदालत ने मेधा पाटकर को इस मामले में दोषी ठहराया था। वह 2000 से सक्सेना के साथ कानूनी लड़ाई में उलझी हुई थीं, जब उन्होंने उनके और नर्मदा बचाओ आंदोलन (एनबीए) के खिलाफ विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए सक्सेना के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। उस समय सक्सेना अहमदाबाद स्थित गैर सरकारी संगठन नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज के प्रमुख थे।
सक्सेना ने एक टीवी चैनल पर उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने और मानहानिकारक बयान जारी करने के लिए उनके खिलाफ दो मामले भी दर्ज किए थे। मामले में पाटकर को दोषी ठहराते हुए मजिस्ट्रेट अदालत ने कहा था कि सक्सेना के खिलाफ उनके बयान "न केवल मानहानिकारक थे, बल्कि नकारात्मक धारणाओं को भड़काने के लिए गढ़े गए थे"।
सोमवार को आदेश सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि 69 वर्षीय पाटकर को उनकी उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए कठोर कारावास की सजा नहीं दी जा सकती। पाटकर ने कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है। जमानत याचिका पर सुनवाई होने तक जेल की सजा 30 दिनों के लिए स्थगित रहेगी।