दिल्ली चुनाव में हार के बाद आम आदमी पार्टी के भीतर किसी भी तरह की दरार
की खबरों को खारिज करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एकजुट
मोर्चा बनाते हुए कहा कि उनके कार्यकर्ता लालच से प्रेरित नहीं हैं और वे
दिल्ली और पंजाब दोनों में लोगों के कल्याण के लिए काम करना जारी रखेंगे। मान की यह टिप्पणी पंजाब के विधायकों द्वारा 2027 में पंजाब चुनावों से पहले पार्टी की भविष्य की रणनीति को नया रूप देने के लिए दिल्ली के कपूरथला हाउस में आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के बाद आई है। यह मुलाकात पार्टी के राज्य कार्यकर्ताओं में दरार और केजरीवाल के विधायक के रूप में पंजाब की राजनीति में सीधे प्रवेश की अटकलों के बीच हुई।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी के कपूरथला हाउस में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और राज्य के पार्टी विधायकों के साथ बैठक की। ताजा जानकारी के अनुसार, मान दिल्ली के पूर्व सीएम से मिलने के लिए कपूरथला हाउस पहुंचे। बैठक में केजरीवाल ने मान और विधायकों के साथ दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों पर चर्चा की। आप ने दावा किया है कि पंजाब के उनके सभी विधायक कपूरथला हाउस पहुंच गए हैं।
पंजाब के विधायकों और मंत्रियों की केजरीवाल से मुलाकात पर बीवीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा, "अब अरविंद केजरीवाल पंजाब का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं...वे बैठकें कर रहे हैं। अब तक उन्हें पंजाब की चिंता नहीं थी, उन्होंने लोगों से किए वादे भी पूरे नहीं किए।"
यह बैठक दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार के दो दिन बाद हुई है, जहां भाजपा 26 साल से अधिक समय के अंतराल के बाद सरकार बनाने जा रही है। 5 फरवरी को हुए चुनावों में भाजपा ने 70 सदस्यीय सदन में 48 सीटें जीतीं, जबकि आप को 22 सीटें मिलीं और कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली।
चुनाव से पहले मान, कैबिनेट मंत्री, सांसद और विधायकों समेत आप की पूरी पंजाब इकाई ने आप प्रत्याशियों के लिए दिल्ली में जोरदार प्रचार किया। उन्होंने पंजाब में किए गए कामों के बारे में बताया, जिसमें 50,000 सरकारी नौकरियां देना, 300 यूनिट मुफ्त बिजली देना, दिल्ली के 'मोहल्ला क्लीनिक' की तर्ज पर 850 'आम आदमी क्लीनिक' खोलना और एक निजी थर्मल पावर प्लांट खरीदना शामिल है।
पार्टी के स्टार प्रचारक रहे मान ने आप उम्मीदवारों के लिए वोट मांगने के लिए अपनी सरकार के कामों को प्रदर्शित करने के लिए दिल्ली में रोड शो किए। दिल्ली में हार आप के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि विपक्षी नेताओं ने पंजाब में भी पार्टी के लिए इसी तरह की "गिरावट" की भविष्यवाणी की है, जहां 2024 में लोकसभा चुनाव में उसके 13 उम्मीदवारों में से सिर्फ तीन ही जीत पाए। आप 2022 में 117 सदस्यीय सदन में 92 सीटें जीतकर पंजाब में सत्ता में आई।