भारत के कई हिस्सों में भीषण गर्मी से 60 लोगों की मौत, दिल्ली में आज धूल भरी आंधी आने की संभावना
By: Rajesh Bhagtani Fri, 31 May 2024 1:19:17
नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी का कहर जारी है। कई शहरों में पारा 45 डिग्री के पार बना हुआ है। इस चिलचिलाती गर्मी का असर लोगों पर भी पड़ रहा है। देश के कई राज्यों में हीटवेव की वजह से लगातार लोगों की मौतें हो रही हैं।
मध्य, पूर्वी और उत्तरी भारत में भीषण गर्मी की स्थिति जारी रहने से कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई है। दिल्ली समेत कई जगहों पर अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया गया। 31 मई से 1 जून के बीच उत्तर प्रदेश में और 31 मई को हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में धूल भरी आंधी चलने का अनुमान है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, 31 मई से 2 जून के बीच उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में गरज और बिजली के साथ बहुत हल्की/हल्की बारिश का अनुमान है।
हीटवेव का सबसे ज्यादा असर बिहार से राजस्थान और आंध्र प्रदेश से ओडिशा में देखने को मिला है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के अनुसार, देश में 60 से अधिक लोगों की हीटवेव के कारण मौत हुई है। हालांकि, मौतों का ये आंकड़ा देशभर में बढ़ भी सकता है।
राजस्थान में कितनी हुई मौतें?
राजस्थान में हीटवेव का कहर जारी है। राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, यहां हीटवेव के कारण आधिकारिक तौर पर पांच लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। बताया जा रहा है कि मौतों का आंकड़ा अधिक हो सकता है। हालांकि, कई लोग ऐसे भी हैं, जिनका अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
बिहार के कई शहरों में पिछले कुछ दिनों से भीषण गर्मी का असर देखने को मिल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, औरंगाबाद में लू से 12 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा 20 से अधिक लोगों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। अधिकारियों ने बताया कि बिहार के अरवल, बक्सर, रोहतास और बेगुसराय जिलों में लू से आठ लोगों की मौत की खबर है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने मौतों की संख्या की पुष्टि करते हुए यह स्पष्ट किया कि मौत के कारणों का तत्काल पता नहीं लगाया जा सका है।
ओडिशा के राउरकेला शहर में गुरुवार (30 मई) को 10 लोगों की हीटस्ट्रोक से मौत हो गई। राउरकेला सरकारी अस्पताल की प्रभारी चिकित्सक डॉ. सुधारानी प्रधान ने कहा कि ये मौतें छह घंटे के भीतर हुई हैं। वहीं, झारखंड में चार लोगों की मौत हीटवेव के कारण हुई है। इसके अलावा महाराष्ट्र के नागपुर में एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत की खबर है। हालांकि, महाराष्ट्र में मौतों से जुड़े आकंड़ों की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
वहीं, उत्तर प्रदेश में भी भीषण गर्मी ने लोगों की जान लेना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि यूपी में पांच से ज्यादा लोगों की हीटवेव की वजह से जान गई है। इसके अलावा आंध्रप्रदेश में भी दो लोगों की मौत की खबर है।
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि भारत में 1 मार्च से अब तक गर्मी से संबंधित 60 से अधिक लोगों की मौतें दर्ज की गई हैं। इनमें से कई लोगों की मौत हीटस्ट्रोक के कारण हुई है, जबकि कुछ लोगों की मौत का कारण संदिग्ध हीटस्ट्रोक बताया जा रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 1 मार्च से अब तक हीटस्ट्रोक के 16 हजार से अधिक संदिग्ध मामले सामने आए हैं।
गुरुवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान 45.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 5.2 डिग्री अधिक था। आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, यह राष्ट्रीय राजधानी में 79 साल के उच्चतम 46.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज
किए जाने के एक दिन बाद आया।
आईएमडी ने बताया कि गुरुवार को राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली के कई हिस्सों, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पूर्वी मध्य प्रदेश और विदर्भ के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 45-48 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा।
पश्चिमी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम के कई इलाकों, गुजरात, तेलंगाना और रायलसीमा के कुछ इलाकों में अधिकतम तापमान 42-45 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया। उत्तर-पश्चिम भारत के कई इलाकों और मध्य और पूर्वी भारत के कुछ इलाकों में तापमान सामान्य से 3-6 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा।
आईएमडी के अनुसार, 31 मई और 1 जून को पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और ओडिशा के अलग-अलग इलाकों में भीषण लू चलने का अनुमान है।
31 मई को मध्य प्रदेश, विदर्भ और उत्तराखंड के कुछ स्थानों पर लू चलने की संभावना है। 31 मई और 1 जून को कोंकण और गोवा के कुछ स्थानों पर तथा 31 मई को पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी इलाकों में गर्म और आर्द्र मौसम की स्थिति का अनुमान है। पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, बिहार और ओडिशा में 31 मई और 1 जून को तथा उत्तर प्रदेश में 31 मई को रातें गर्म रहने का अनुमान है।
आईएमडी ने कहा कि अगले दो से तीन दिनों के दौरान लक्षद्वीप और केरल के कुछ और हिस्सों, कर्नाटक के कुछ हिस्सों, तमिलनाडु के कुछ और हिस्सों, असम और मेघालय के शेष हिस्सों, तथा उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं।
जम्मू के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में एक पश्चिमी विक्षोभ देखा गया और इसके प्रभाव में, 31 मई से 2 जून तक जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में गरज और बिजली के साथ छिटपुट हल्की वर्षा होने की संभावना है।
आईएमडी ने बताया कि गुरुवार को दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अपने निर्धारित समय से एक दिन पहले केरल में दस्तक दे चुका है और पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में आगे बढ़ चुका है। इससे पहले 15 मई को मौसम विभाग ने 31 मई तक केरल में मॉनसून के आने की घोषणा की थी।