बनाएं गर्मी की छुट्टियों में इन जगहों पर घूमने का प्लान, खुलकर ले सकेंगे ट्रेकिंग का आनंद
By: Ankur Sun, 14 May 2023 1:51:34
गर्मियों की छुट्टियों का समय एक ऐसा समय होता है, जब लोग तरह-तरह की एक्टिविटीज में खुद को इनवॉल्व करना पसंद करते हैं। ऐसे में गर्मियों के मौसम में लोग तपती धूप से दूर किसी ठंडी जगह पर जाना पसंद करते हैं। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें एडवेंचर करने की इच्छा होती है और इस दौरान वे ट्रेकिंग का आनंद लेना पसंद करते हैं। इस मौसम में प्रकृति के करीब रहने का अपना एक अलग ही आनंद होता है। भारत में ट्रैक देश के प्राकृतिक वैभव का आनंद लेने और पहाड़ों के वास्तविक रोमांच का अनुभव करने का एक शानदार तरीका है। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जो जहां आप खुलकर ट्रेकिंग का आनंद ले सकेंगे। आइये जानते है इन जगहों के बारे में...
त्रिउंड ट्रेक
सभी हिमालयी ट्रेक उतने कठिन नहीं होते, जितने सुनने में लगते हैं। अगर आपने अभी तक हिमालयन ट्रेक ट्राई नहीं किया है, तो आपको त्रिउंड ट्रेक से शुरू करना चाहिए, जो आसान है और कांगड़ा घाटी और आसपास के धौलाधार पर्वतमाला के लुभावने दृश्यों को देखने को मौका दिलाएगा। मैक्लोडगंज, भागसुनाग या धरमकोट से ट्रेक शुरू करें और फिर अपनी गति से चलना शुरू करें, सुंदर ओक के जंगलों और सुंदर गांवों से गुजरते हुए लगभग 4-5 घंटे में चोटी पर पहुंचें। यहां आप खूबसूरत सनसेट देख सकते हैं और अगर इससे ज्यादा चाहते हैं, तो रातभर रुककर सुबह का सूर्योदय भी देख सकते हैं।
हाम्टा पास
गर्मियों में अगर आप किसी परफेक्ट ट्रैकिंग वाले हिल स्टेशन की तलाश में हैं, तो कुल्लू मनाली से बेहतर शायद ही कोई जगह हो सकती है। प्रकृति की अद्बभुत सुंदरता का प्रतीक कुल्लू मनाली हिमाचल आने वाली पयर्टकों की पहली पसंद होती है। वहीं अगर आप पहली बार ट्रैकिंग करने जा रहे हैं, तो यहां मौजूद हाम्टा पास आपके लिए परफेक्ट ट्रैकिंग प्वॉइंट हो सकता है।
रूपिन पास ट्रैक
भारत में ट्रैकिंग के लिए सबसे अच्छे स्थानों में से एक, गढ़वाल क्षेत्र में चुनौतीपूर्ण रूपिन पास ट्रैक है, जो लगभग 15250 फीट की अधिकतम ऊंचाई के साथ लगभग 7 दिनों का है। लगभग 52 किमी का यह ट्रैक उत्तराखंड के धौला से शुरू होता है और हिमाचल प्रदेश के सांगला में समाप्त होता है। ट्रेकर्स द्वारा पसंद किया जाने वाला यह ट्रैक चुनौतियों और लुभावने दृश्यों से भरा हुआ है। केवल 14 वर्ष से अधिक उम्र के लोग इसके ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर जा सकते हैं। यहां आप घास के मैदान और बर्फ से ढकी पहाड़ियां, झरने, गांव देख सकते हैं।
नाग टिब्बा ट्रेक
उत्तराखंड में ही यह एक और आसान हिमालयन ट्रेक है, जो नए ट्रेकर्स के लिए सुझाया जा सकता है। ट्रेक की शुरुआत पथरीले इलाके से होती है, जो लगभग आसानी से किया जा सकते हैं। यहां के दृश्य काफी जादुई और मनमोहक लगते हैं। इस ट्रेक को करने के प्राथमिक कारणों में से एक यह है कि यह गढ़वाल की चोटियों से शुरू होकर काला नाग, केदारनाथ, बंदरपूंछ और स्वर्गारोहिणी के शानदार व्यू देता है। यहां नाग देवता को समर्पित एक मंदिर भी मिलेगा, जो स्थानीय लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है।
नैना पीक
ट्रैकिंग की बात हो और उत्तराखंड का जिक्र ना आए। जी हां, वैसे तो उत्तराखंड में कई ट्रैकिंग प्वॉइंट मौजूद हैं। मगर ट्रैकिंग के साथ-साथ नैनीताल की मैंगो झील और समूचे नैनीताल शहर का बेहतरीन नजारा देखने के लिए नैना पीक बेस्ट ट्रैकिंग प्वाइंट है। यही नहीं नैना पीक से आप बंदर पूंछ चोटी और नेपाल की चोटियों का व्यू भी आसानी से देख सकते हैं।
रूपकुंड ट्रेक
रूपकुंड ट्रेक लोहाजंग से 3200 मीटर की ऊंचाई पर शुरू होता है और आपको रूपकुंड नामक झील तक ले जाता है, जो 5029 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह झील मानव कंकाल के अवशेषों के लिए लोकप्रिय है जो इसके तल पर पाए गए थे। 7 से 9 दिनों में 53 किमी की दूरी तय करनी होती है। नदियों के शोर से होकर आप हरे-भरे जंगलों से गुजरते हुए जाते हैं। यहां हिंदू मंदिर, हिमालय की चोटियां जैसे नंदा देवी और नंदा घुंटी हैं, साथ ही यहां कई पक्षी प्रजातियां और हरे-भरे समतल मैदान भी हैं। यहां ट्रैकिंग का मजा लेने के लिए मई से अक्टूबर का महीना बेस्ट है।
दयारा बुग्याल ट्रेक
उत्तराखंड के बुग्याल में स्थित ये जगह भारत में सबसे अच्छे ट्रेक में से एक है। यहां नए ट्रेकर्स से लेकर अनुभवी ट्रेकर्स तक आपको दोनों मिल जाएंगे। यहां अल्पाइन घास के मैदानों से लेकर हरे-भरे चरागाहों से होकर गुजरना पड़ेगा। पीछे हिमालय के खूबसूरत और ऊंचे पहाड़ देखने को मिलेंगे। ट्रेक के दौरान आप घने देवदार और ओक के जंगलों और नालों का भी अनुभव करेंगे। दयारा बुग्याल को एकमात्र ऐसा ट्रेक कहा जाता है, जहां संपूर्ण गंगोत्री और यमुनोत्री पर्वतमाला के लुभावने दृश्य देखने को मिलते हैं। पगडंडी के किनारे कैम्प्स भी मिलेंगे, जहां थोड़ी देर रुककर आराम किया जा सकता है।
तांडियादमोल ट्रैक
दक्षिण भारत में ट्रैकिंग के शौकीन लोगों के लिए कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं है। कर्नाटक के अंदर पश्चिमी घाट में तांडियादामोल ट्रैक प्रसिद्ध टूरिस्ट स्पॉट होने के साथ-साथ ट्रैकिंग के लिए भी खासा मशहूर है। यहां के घने जंगलों के साथ बहती नदियां और खूबसूरत विदेशी फूलों का नजारा किसी को भी अपनी तरफ खींचने के लिए काफी है।