हमारे पैर पूरे दिन हमारा भार उठाते हैं, लेकिन हम अक्सर उनकी देखभाल को नजरअंदाज कर देते हैं। पैरों में होने वाली कुछ सामान्य लगने वाली समस्याएं असल में शरीर में छुपी बड़ी बीमारियों का संकेत हो सकती हैं। इनके जरिए पैर चिल्ला-चिल्लाकर बताते हैं कि आप अंदर से बीमार हैं। अगर समय रहते इनका ध्यान न दिया जाए, तो ये समस्याएं आगे चलकर गंभीर रूप ले सकती हैं। पैरों में झनझनाहट, सूजन, बार-बार ऐंठन या असामान्य रंगत जैसी स्थितियां न केवल थकान का नतीजा होती हैं, बल्कि ये डायबिटीज, नसों की समस्या, थायरॉइड असंतुलन या यहां तक कि हृदय रोग जैसी बड़ी बीमारियों का संकेत भी दे सकती हैं। इसलिए शरीर की इस नींव को नज़रअंदाज़ करना आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि पैर से जुड़ी कौन-कौन सी समस्याएं किसी बड़ी और गंभीर बीमारी की ओर इशारा करती हैं, और इनका समय पर ध्यान कैसे रखा जाए ताकि आप लंबे समय तक स्वस्थ रह सकें।
# पैरों में लगातार सूजन रहना
अगर आपके पैरों, टखनों या पंजों में अक्सर सूजन (Foot Swelling) बनी रहती है, तो यह हार्ट, किडनी या लिवर की बीमारी का संकेत हो सकता है। यह सूजन शरीर में तरल पदार्थ (fluid retention) के जमा होने की वजह से होती है, जिसे मेडिकल भाषा में एडिमा (Edema) कहा जाता है। खासकर अगर सूजन के साथ सांस लेने में तकलीफ, सीने में भारीपन, थकान या वजन तेजी से बढ़ने जैसी समस्याएं भी दिख रही हों, तो यह दिल की विफलता (Heart Failure) या किडनी फेलियर जैसी गंभीर स्थिति की ओर इशारा कर सकता है। साथ ही यह लिवर सिरोसिस, थायरॉइड की गड़बड़ी या वेरीकोज़ वेन्स (Varicose Veins) का भी लक्षण हो सकता है। ऐसी स्थिति में घरेलू उपचार के बजाय तुरंत डॉक्टर से जांच कराना बेहद जरूरी है।
# पैरों में जलन या झुनझुनी महसूस होना
अगर आपके पैरों में लगातार झुनझुनी या जलन की समस्या बनी रहती है, तो यह डायबिटिक न्यूरोपैथी (Diabetic Neuropathy) का लक्षण हो सकता है। यह स्थिति तब होती है जब लंबे समय तक अनियंत्रित ब्लड शुगर के कारण शरीर की नसों को नुकसान पहुंचता है। इससे पैरों में सुन्नपन, गर्माहट, सुई चुभने जैसा दर्द या तेज जलन महसूस होती है, जो रात के समय अधिक तकलीफ देती है। अगर यह समस्या नजरअंदाज की जाए, तो यह स्थायी नस क्षति (nerve damage) का कारण बन सकती है और मरीज को चलने-फिरने में भी परेशानी हो सकती है। इसके अलावा, यह विटामिन बी12 की कमी, थायरॉइड असंतुलन या शराब के अत्यधिक सेवन के कारण भी हो सकता है। ऐसे में ब्लड शुगर लेवल और न्यूरोलॉजिकल जांच करवाना आवश्यक है।
# पैरों की स्किन का रंग बदलना
अगर आपके पैरों की त्वचा नीली, बैंगनी या पीली पड़ने लगे, तो यह संकेत हो सकता है कि वहां उचित मात्रा में रक्त नहीं पहुंच रहा है। यह स्थिति खराब ब्लड सर्कुलेशन, ब्लड क्लॉट (खून का थक्का जमना), परिधीय धमनी रोग (Peripheral Artery Disease - PAD), या रेयनोड्स डिजीज (Raynaud’s Disease) जैसी गंभीर बीमारियों का लक्षण हो सकती है। खासकर अगर साथ में पैरों में ठंडापन, सुन्नता, या दर्द भी हो, तो यह इमरजेंसी हो सकती है। ब्लड क्लॉट यदि समय पर इलाज न किया जाए, तो वह शरीर के अन्य हिस्सों तक फैल सकता है और जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए स्किन के रंग में कोई भी असामान्य बदलाव दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
# पैरों के नाखूनों का मोटा होना या रंग बदलना
अगर आपके पैरों के नाखून पीले, भूरे या काले हो रहे हैं, नाखून मोटे हो रहे हैं, उनमें दरारें आ रही हैं या दुर्गंध आ रही है, तो यह फंगल इन्फेक्शन (Onychomycosis) का लक्षण हो सकता है। यह इन्फेक्शन अधिकतर नमी में रहने, खुले पैरों में गंदगी जमा होने या डायबिटीज के कारण होता है। कई बार यह लक्षण शरीर में शुगर असंतुलन, हाई कोलेस्ट्रॉल या इम्यून सिस्टम के कमजोर होने का संकेत भी हो सकते हैं। अगर नाखून के नीचे खून जमने जैसी स्थिति दिखे, तो यह किसी चोट का नतीजा हो सकता है लेकिन लंबे समय तक बने रहने पर त्वचा कैंसर (melanoma) जैसी गंभीर समस्या की ओर भी इशारा कर सकता है। ऐसे में स्वयं इलाज करने की बजाय डर्मेटोलॉजिस्ट या फूट स्पेशलिस्ट की सलाह जरूरी होती है।
# पैरों में बार-बार ऐंठन आना
अगर आपको रात के समय सोते समय या आराम करते हुए बार-बार पैरों में मरोड़ या ऐंठन (Leg Cramps) की शिकायत होती है, तो यह सिर्फ थकावट नहीं, बल्कि पोटैशियम, कैल्शियम या मैग्नीशियम जैसे जरूरी मिनरल्स की कमी का संकेत हो सकता है। यह समस्या डिहाइड्रेशन, अत्यधिक एक्सरसाइज, या लंबे समय तक एक ही मुद्रा में बैठने-खड़े रहने से भी हो सकती है। इसके अलावा, खराब ब्लड सर्कुलेशन या नसों से जुड़ी समस्या (जैसे परिधीय धमनी रोग) भी इसकी वजह हो सकती है। अगर यह समस्या लगातार बनी रहती है, तो ब्लड टेस्ट और डॉक्टरी जांच जरूरी है।
# पैरों का ठंडा महसूस होना या सुन्नपन रहना
अगर आपके पैरों में हमेशा ठंडक बनी रहती है, जबकि शरीर का बाकी हिस्सा सामान्य महसूस हो रहा है, तो यह परिधीय न्यूरोपैथी (Peripheral Neuropathy), थायरॉइड की समस्या (Hypothyroidism), या डायबिटीज से जुड़ी नसों की क्षति का संकेत हो सकता है। यह लक्षण रक्त संचार में कमी या नर्व डैमेज के कारण हो सकता है। अगर ठंडक के साथ-साथ सुन्नपन, झुनझुनी, या चलने में परेशानी हो रही हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। गर्मी के मौसम में पैरों का असामान्य रूप से ठंडा रहना विशेष रूप से चिंता का विषय हो सकता है।