दवाई-सर्जरी छोड़िए, इन 4 योगासन से घर पर ही करें खूनी बवासीर का इलाज
By: Priyanka Maheshwari Sun, 07 July 2024 9:32:09
बवासीर एक आम बीमारी है। यह बीमारी मलाशय और गुदा हिस्से को प्रभावित करती है। बवासीर की समस्या होने पर गुदा के अंदर और आसपास सूजन हो जाती है। इस दौरान मलाशय के मुंह में एक टीशू जमा हो जाता है जिसके चलते मल त्याग करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा जब आंतरिक बवासीर होता है तब मलाशय के अंदर की ब्लड वेसेल्स सूज जाती हैं और उखड़ जाती हैं। पर जब बाहरी बवासीर होता है तो गर्भावस्था, लंबे समय तक बैठे या खड़े रहने, खांसने, छींकने और जोरदार शारीरिक मेहनत के दौरान दर्द बढ़ जाता है। बवासीर की शुरुआत होने पर मलाशय में लगातार जलन और सूजन होने लगती है। इसमें मांसपेशियों में सूजन रहती है, जो कि रह-रह कर जलन पैदा करती है। यह सूजन दर्द और परेशानी का कारण बनती है और यहां तक कि उठने-बैठने के दौरान भी समस्या बन जाती है। ये आंतरिक बवासीर और बाहरी बवासीर, दोनों के दौरान हो सकता है। बवासीर को ठीक ना करवाने पर फिशर की नौबत आ सकती है। जिसके इलाज के लिए सर्जरी करवानी पड़ सकती है। लेकिन इस सर्जरी से बचने के लिए योगासनों की मदद ली जा सकती है।
बवासीर का मुख्य कारण कब्ज को माना जाता है। जो कि डायजेशन खराब होने की निशानी है। इसके मरीज को मल त्यागने के लिए जोर लगाना पड़ता है, जिससे गुदाद्वार की नसों पर दबाव पड़ता है और सूजन-दर्द होता है। इसलिए बवासीर को सही करने के लिए सबसे पहले पाचन को सही करना पड़ता है। पाचन को दुरुस्त करने के लिए कुछ योगासन करने चाहिए जिसकी मदद से पेट आसानी से साफ हो जाए।
वज्रासन
- योगा मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं।
- पंजों की उंगलियां मिलाएं और एड़ियों के बीच में थोड़ा गैप रखें।
- अब कूल्हों को एड़ियों पर टिकाएं और कमर सीधी करें।
- हाथों को घुटनों के ऊपर रखें।
- अब आंखें बंद करें और शरीर को रिलैक्स होने दें।
पश्चिमोत्तानासन
- मैट पर बैठ जाएं और दोनों पैर सामने की तरफ फैला लें।
- दोनों पैर के बीच में दूरी ना रखें और घुटनों को सीधा रखें।
- अब पीठ, गर्दन और सिर को सीधा रखते हुए कमर को झुकाएं।
- दोनों हाथों को सामने पंजों की तरफ लेकर जाएं।
- जितना हो सके, धड़ को घुटनों के पास लाएं।
- इस स्थिति में कुछ देर रहें और सामान्य सांस लें।
उष्ट्रासन
- उष्ट्रासन योगा करने के लिए वज्रासन की स्थिति में आएं।
- अब घुटनों के बल खड़े हो जाएं।
- इसके बाद सांस भरते हुए कमर मोड़ें और सिर को पीछे की तरफ ले जाएं।
- दोनों हाथों से दोनों पैरों के टखने पकड़ने की कोशिश करें।
- कुछ देर इसी स्थिति में सामान्य सांस लें।
पवनमुक्तासन
- मैट पर कमर के बल लेट जाएं।
- अब दोनों घुटनों को मिलाकर पेट की तरफ लाएं।
- घुटनों को पेट के बिल्कुल पास लाना है।
- फिर दोनों हथेलियों को लॉक करके घुटनों को पकड़ें और छाती से लगाने की कोशिश करें।
- अब सिर को उठाएं और नाक से घुटनों को छुएं।
- इसी स्थिति में 10 से 15 सेकेंड रहें।