International Yoga Day: डायबिटीज है तो क्या हुआ, इन 7 योगासन की मदद से कंट्रोल में रखे शुगर लेवल
By: Priyanka Maheshwari Tue, 21 June 2022 08:51:00
कमजोर मेटाबॉलिज्म की वजह डायबिटीज या मधुमेह की समस्या उत्पन्न हो जाती है। मधुमेह का कोई इलाज नहीं है। इसे दवा और व्यायाम या योग करके कंट्रोल में रखा जा सकता है। ऐसे बहुत से योगासन हैं जो डायबिटीज में बढ़ रहे शुगर लेवल को आसानी से कम कर सकते हैं। आज यानी 21 जून 2022 अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर हम आपको कुछ ऐसे योग के बारे में बताने जा रहे है जिनकी मदद से डायबिटीज या मधुमेह को बड़े आराम से कंट्रोल में रखा जा सकता है। आपको बता दे, हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस सेलिब्रेट किया जाता है। योग दिवस की शुरुआत 2015 को हुई थी, जिसके बाद हर साल 21 जून को दुनियाभर में योग दिवस मनाया जाता है। योग दिवस का महत्व यही है कि लोगों में योगाभ्यास के प्रति जागरुकता फैलाई जा सके। योग, प्राणायाम और योगासनों का अभ्यास करके हम फिर से पूर्ण रूप से स्वस्थ बन सकते हैं।
हलासन
- हलासन के लिए जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं।
- सांस ले और अपने दोनों पैरों को 90 डिग्री तक सीधा ऊपर की ओर लेकर जाएं।
- इसके बाद अपनी कमर और हिप्स को हाथों के जरिए सहारा दें।
- इसके बाद अपने पैरों को सिर के ऊपर से सीधा पीछे की ओर ही ले जाने का प्रयास करें। अपने पैरों से जमीन को छुए और पैर सीधे ही रखें।
- कुछ देर इस मुद्रा में बने रहें और फिर वापस आराम की मुद्रा में जाएं।
- इस आसन को 3 से 5 बार दोहरा सकते हैं।
रखें ये सावधानी
गर्भवती महिलाएं, डायरिया, हाई बीपी और कमर दर्द के शिकार लोग इस आसन को बिल्कुल ना करें। इसके अलावा आसन करते समय अपनी गर्दन पर दबाव बिल्कुल ना बनाएं।
सर्वांगासन
- इस आसन को करते हुए सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं।
- इसके बाद अपने पैर, कमर, हिप्स को कंधों की मदद से ऊपर की तरफ उठाएं।
- अपनी कमर को हाथों से सपोर्ट करें ताकि बैलेंस बना रहें।
- अपना ध्यान कंधों पर केंद्रित करें और महसूस करें कि सारा भार कंधों और हाथ के ऊपरी भार पर ही है।
- इस दौरान अपने सिर और गर्दन पर किसी तरह का प्रेशर ना बनाएं। इन्हें फ्री रहने दें।
- अपने पैरों को जितना हो सके उतना ऊपर की तरफ जाने दें।
- इसके बाद आराम की मुद्रा में आए और रिलैक्स करें।
- अब इस आसन को अपनी क्षमता के मुताबिक जितना हो सके दोहराएं।
रखें ये सावधानी
स्लिप डिस्क, हाई बीपी, गर्दन दर्द, हृदय रोग, और थायराइड की समस्या है तो इस आसन को बिल्कुल भी न करें। साथ ही गर्भवती महिलाएं और मासिक धर्म के समय या आसन ना करें।
पूर्वोत्तानासन
- सबसे पहले अपने पैरों को आगे की दिशा में फैलाकर बैठ जाएं।
- अब अपने हाथों को जमीन पर रखें।
- इसके बाद अपने हाथों को कूल्हों से 30 सेमी पीछे की ओर रखें। इसमें आपकी कोहनी मुड़नी नहीं चाहिए।
- अब अपने हाथों की उंगलियों को कूल्हों की तरफ ही रखे हुए अपने शरीर को लिफ्ट करें।
- अब अपने शरीर का भार पैरों और हाथों पर बराबर रखते हुए बैलेंस बनाकर रखें।
- अपने सिर को पीछे की ओर ही लटकने दें।
- अब सांस छोड़ते हुए नीचे की तरफ धीरे-धीरे आएं।
- आप इस आसन को अपनी क्षमता के अनुसार कई बार दोहरा सकते हैं।
रखें ये सावधानी
हाई बीपी, एब्डोमिनल्स अल्सर, हर्निया, गर्दन दर्द, घुटनों में दर्द से परेशान लोग इस आसन को बिल्कुल ना करें। इसके अलावा अगर रिस्ट और एंकल कमजोर है या हृदय कमजोर हो है तो यह आसन करने से बचें।
पवनमुक्तासन
- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं।
- अब अपने दोनों पैरों को हाथों की मदद से शरीर की ओर मोड़ कर रखें।
- सांस ले और फिर अपने दाहिने घुटने को अपनी चेस्ट की तरफ लाते हुए सांस छोड़ें और अपने हाथों से जांघ को अपने पेट पर दबाएं।
- इसके बाद अपने सिर और छाती को ऊपरी की तरफ उठाते हुए अपनी ठुड्डी को दाहिने घुटने पर टच करें।
- कुछ क्षणों के लिए रूके एवं सांस लें और छोड़ें।
- इसके बाद पूरी तरह सांस छोड़ते हुए आराम की मुद्रा में नीचे आ जाएं।
- इसके बाद अपने दूसरे पैर से भी इस आसन को दोहराएं। यह आसन आप 3 से 5 बार तक कर सकते हैं।
रखें ये सावधानी
इस आसन को करते वक्त ध्यान रखें कि आपकी गर्दन पर अधिक प्रेशर ना आए। साथ ही ना तो बॉडी को ज्यादा स्ट्रेच करें और ना ही थाईज को अधिक खीचें।
मंडूकासन
- मंडूकासन को करने के लिए सबसे पहले घुटनो के बल या वज्रासन में बैठ जाएं।
- अब अपने हाथों की मुठ्ठियों को जोर से बंद करें और अंगूठे को अंदर की तरफ ही रखें।
- अब दोनों हाथ बंद मुठ्ठियों को नाभि के ऊपर रखें।
- इसके बाद सांस ले और सांस छोड़ते हुए शरीर को आगे की ओर लेकर जाएं।
- शरीर का पूरा वजन जांघों पर होगा और आपकी गर्दन सामने की ओर सीधी होगी।
- कुछ देर इस पोजीशन में रहें और सांस लेते हुए वज्रासन में वापस आए।
- इसके 3 से 5 रैप दोहराएं।
रखें ये सावधानी
पेप्टिक अल्सर, एंकल इंजरी, हाई बीपी, अनिद्रा, और माइग्रेन के मरीज इस आसन को बिल्कुल भी ना करें। साथ ही आसन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप पेट पर लंबे समय तक किसी तरह का प्रेशर डालकर ना रखें। कमर दर्द और घुटनों से जुड़ी समस्या है वे लोग एक्सपर्ट्स की राय पर या उनके सामने इस आसन को करें।
सेतुबंध आसन
- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं।
- अब अपने घुटनों को ऊपर की ओर मोड़े और तलवों को जमीन पर रखें। ध्यान रहे कि आपके एंकल और घुटने एक दूसरे के सीधे नीचे होंगे।
- अब अपने दोनों हाथों से पैरों एंकल को पकड़े।
- इसके बाद सांस ले और अपनी बॉडी को ऊपर की ओर उठाएं।
- इसमें आपके कंधे, पैर गर्दन और सिर जमीन पर टिके रहेंगे।
- अब सांस लें और छोड़ें।
- इस मुद्रा में एक या दो मिनट तक रहें।
- इसके बाद सांस छोड़ते हुए आराम की मुद्रा में आ जाएं।
रखें ये सावधानी
अगर हाल ही में आपकी किसी तरह सर्जरी हुई है तो इस आसन को बिल्कुल ना करें। साथ ही कमर दर्द और स्पाइनल प्रॉब्लम में भी यह आसन करने से बचें।
पश्चिमोत्तानासन
- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले अपने पैरों को सामने की तरफ फैलाएं।
- इसके बाद धीरे-धीरे आगे की ओर झुकते हुए सांस ले और अपने हाथों से पैर के अंगूठे को पकड़ने का प्रयास करें या फिर जितना हो सके उतना आगे की ओर जाएं।
- अब अपने सिर को घुटनों पर रखने की कोशिश करें और कुछ देर इसी पोजीशन में रहें।
रखें ये सावधानी
अस्थमा, बैक इंजरी, डायरिया जैसी समस्या हैं, या फिर हाल ही में आपने किसी तरह की सर्जरी कराई है, तो इस आसन को बिल्कुल ना करें। भोजन के तुरंत बाद यह आसन ना करें। अगर आप आसन कर रहे हों तो घुटनों और कमर को आराम - आराम से स्ट्रेच करते हुए आगे जाएं। ध्यान रहे अधिक जबरदस्ती खुद से बिल्कुल ना करें। जब आप आसन को करते रहेंगे तो प्रैक्टिस हो जाएगी और आप इसमें महारत हासिल कर लेंगे।
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