आजकल दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं, खासकर खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान की वजह से यह बीमारी तेजी सेबढ़ती जा रही है. कई लोगों के दिल की नसों में ब्लॉकेज (रुकावट) आ जाती है, जिससे खून का बहाव ठीक से नहीं हो पाता. ऐसे में कभी-कभी दवाओं से काम चल जाता है, लेकिन कई मामलों में सर्जरी की जरूरत पड़ती है. सवाल ये है कि कितने फीसदी ब्लॉकेज होने पर ऑपरेशन करवाना जरूरी हो जाता है? ऐसे में एक्सपर्ट क्या कहते हैं यह जानना जरूरी है.
हार्ट ब्लॉकेज क्या है?
हार्ट ब्लॉकेज एक गंभीर स्थिति है, जो तब उत्पन्न होती है जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल, अस्वस्थ खानपान, और खराब जीवनशैली के कारण दिल की नसों (कोरोनरी आर्टरीज) में चर्बी (प्लाक) जमा होने लगती है। यह चर्बी समय के साथ सख्त हो जाती है और नसों के अंदर अवरोध (ब्लॉकेज) पैदा कर देती है, जिससे खून का प्रवाह रुकने लगता है। इस अवरोध के कारण दिल तक रक्त नहीं पहुँच पाता और दिल की मांसपेशियों को आवश्यक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। जब यह ब्लॉकेज धीरे-धीरे बढ़ता है, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। अगर यह ब्लॉकेज 70% या उससे ज्यादा हो जाता है, तो दिल का दौरा (हार्ट अटैक) आने का खतरा बढ़ जाता है। ब्लॉकेज के कारण दिल की नसों में संकुचन (constriction) हो सकता है, जिससे दिल को खून और ऑक्सीजन की आपूर्ति पूरी तरह से रुक सकती है। यह स्थिति जीवन के लिए खतरे की घंटी बन सकती है। अक्सर, यह ब्लॉकेज धीरे-धीरे बनता है और इसके शुरुआती लक्षण स्पष्ट नहीं होते। इसका मतलब यह है कि कई बार व्यक्ति को इसका अहसास नहीं होता और स्थिति गंभीर हो जाती है। एक समय पर यह रक्त का प्रवाह पूरी तरह से बंद कर सकता है, जिससे दिल की मांसपेशियां मरने लगती हैं और हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है।
हार्ट ब्लॉकेज के कारण:
कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना: खून में अत्यधिक कोलेस्ट्रॉल (LDL) जमा होने से नसों में प्लाक (fatty deposits) बनता है, जो समय के साथ ब्लॉकेज में बदल जाता है।
धूम्रपान: धूम्रपान से रक्त वाहिकाओं की दीवारों में सूजन आती है, जिससे प्लाक का जमाव तेजी से होता है।
खराब खानपान: अत्यधिक नमक, चीनी, वसा और तला-भुना भोजन खाने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ता है, जिससे ब्लॉकेज का खतरा बढ़ता है।
अस्वस्थ जीवनशैली: तनाव, शारीरिक निष्क्रियता (sedentary lifestyle) और शराब का सेवन भी हार्ट ब्लॉकेज का कारण बन सकते हैं।
मधुमेह (Diabetes): डायबिटीज वाले व्यक्तियों में ब्लड शुगर की बढ़ी हुई मात्रा के कारण रक्त वाहिकाओं में क्षति हो सकती है, जिससे ब्लॉकेज का खतरा बढ़ता है।
कब पड़ती है सर्जरी की जरूरत?
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि अगर ब्लॉकेज 50% से कम है, तो इसे दवा और सही खानपान से नियंत्रित किया जा सकता है। लेकिन यदि ब्लॉकेज 70% से अधिक हो जाता है और सीने में दर्द या सांस लेने में तकलीफ होती है, तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं। 90% से ज्यादा ब्लॉकेज में तत्काल इलाज आवश्यक होता है, क्योंकि यह जानलेवा हो सकता है।
ब्लॉकेज के लक्षण:
- सीने में दर्द या भारीपन महसूस होना
- चलते-फिरते जल्दी थक जाना
- सांस फूलना
- कभी-कभी चक्कर आना
- हाथ या कंधे में दर्द
दिल को स्वस्थ कैसे रखें?
दिल को मजबूत और स्वस्थ रखने के लिए कुछ अच्छी आदतें अपनानी जरूरी हैं। रोज कम से कम 30 मिनट टहलना या हल्का-फुल्का व्यायाम करना, जंक फूड, ज्यादा तला-भुना और अधिक मीठा खाने से बचना, ज्यादा तनाव से बचना और अच्छी नींद लेना। शराब और सिगरेट से दूर रहना। इसके अलावा, नियमित रूप से हेल्थ चेकअप करवाना भी जरूरी है। आजकल दिल से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं, ऐसे में एक साल में कम से कम एक बार चेकअप कराना अत्यंत आवश्यक है। चेकअप के जरिए आप स्वस्थ रह सकते हैं और दिल से संबंधित संभावित समस्याओं से बच सकते हैं।