बिना इलाज किडनी की पथरी को निकाले बाहर, ये 8 तरह के जूस करेंगे आपकी मदद
By: Priyanka Maheshwari Fri, 28 Jan 2022 5:14:53
गुर्दे की पथरी या किडनी की पथरी (Kidney Stones) एक दर्दनाक समस्या है। किडनी मुठ्ठी के आकार की होती है, जो शरीर के तरल पदार्थ और केमिकल स्तरों की देखरेख करती है। किडनी रक्त की सफाई करती है और इसमें पाए जाने वाले टॉक्सिक पदार्थों को यूरीन के जरिए बाहर निकाल देती है। ये रक्त में सोडियम, पोटेशियम और कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित करती हैं। खराब खानपान, शरीर का अधिक वजन, कुछ बीमारियां और सप्लीमेंट व दवाएं किडनी में पथरी का कारण बनते हैं। अक्सर, पथरी तब बनती है जब मूत्र गाढ़ा हो जाता है, जिससे मिनरल्स क्रिस्टल हो जाते हैं और आपस में चिपक जाते हैं।
किडनी की पथरी बनने में भोजन भी अहम भूमिका निभाता है। एक्सपर्ट के अनुसार, भोजन में नमक की ज्यादा मात्रा किडनी स्टोन का खतरा बढ़ा देती है। चिकन, बीफ, मछली और पोर्क जैसी हाई प्रोटीन डाइट लेने से भी किडनी स्टोन होने की संभावना बढ़ सकती है। जानवरों से मिलने वाले प्रोटीन की जगह पर फलीदार सब्जियां, दाल, मूंगफली या सोया फूड से प्रोटीन की पूर्ति करना अच्छा विकल्प माना जाता है।
गुर्दे की पथरी एक दर्दनाक समस्या है। अगर समय पर इसकी पहचान हो जाए, तो पथरी आमतौर पर कोई स्थायी नुकसान नहीं पहुंचाती है। किडनी पथरी के मरीजों को पथरी को दूर करने के लिए दर्द की दवा लेने और ढेर सारा पानी पीने की सलाह दी जाती है। अगर पथरी मूत्र पथ में जमा हो जाती है, तो उससे मूत्र संक्रमण से जुड़ी जटिलताएं पैदा हो सकती हैं, जिसमें सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
किडनी में पथरी के लक्षण
किडनी की पथरी के लक्षणों में पसलियों के नीचे, बाजू और पीठ में तेज दर्द होना, दर्द जो निचले पेट और कमर तक फैलता है, दर्द जो लहरों में आता है और तीव्रता में उतार-चढ़ाव करता है।
पेशाब करते समय दर्द या जलन महसूस होना, गुलाबी, लाल या धुंधला भूरे रंग का पेशाब आना, पेशाब से बदबू आना, पेशाब करने की लगातार आवश्यकता होना, सामान्य से अधिक बार पेशाब करना या कम मात्रा में पेशाब आना, मतली और उल्टी, संक्रमण होने पर बुखार और ठंड लगना आदि शामिल हैं।
किडनी स्टोन की समस्या से बचने के लिए खुद को हाइड्रेट रखना बेहद जरुरी है। इससे किडनी नेचुरल तरीके से डिटॉक्सीफाई होती है। ऐसे में आज हम आपको 8 तरह के जूस बताने जा रहे है जिनकी मदद से बिना इलाज किडनी की पथरी बाहर निकाली जा सकती हैं...
नींबू का रस
नींबू का रस हमारी सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है। नींबू साइट्रस फल है और बाकी साइट्रस फलों की ही तरह इसमें भी विटमिन सी भरपूर मात्रा में होता है। साइट्रस ऐसा रसायन है जो कैल्शियम स्टोन को बनने से रोकता है। साइट्रेट छोटे पत्थरों को भी तोड़ सकता है, जिससे वे अधिक आसानी से पेशाब के जरिए बाहर निकल सकते हैं। इसके अलावा नींबू के रस में लिम्फेटक प्रक्रिया को बढ़ाने का गुण होता है जो इम्युनिटी को बढ़ाता है। इसके अलावा नींबू का रस पीने से हृदय रोग होने का खतरा और दिल का दौरा पड़ने की संभावना कम हो जाती है। अगर आपका ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा है तब भी नींबू का रस आपके लिए फायदेमंद है।
तुलसी का रस
तुलसी पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसका उपयोग पारंपरिक रूप से पाचन और सूजन संबंधी विकारों के लिए किया जाता रहा है। तुलसी के रस में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट होते हैं, और यह किडनी के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही तुलसी के रस का सेवन पथरी को तोड़ने और दर्द को कम करने में मदद करता है। इसके साथ ही तुलसी के रस का सेवन टॉक्सिक पदार्थ को शरीर से निकलने में मदद करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है। तुलसी के रस का सेवन से कब्ज और लूज मोशन की समस्या से भी राहत मिलती है। इसके अलावा पेट भी ठीक रहता है।
सेब का सिरका
सेब के सिरके में एसिटिक एसिड होता है। इसका सेवन पथरी के कारण होने वाले दर्द को कम करने में मदद करता है साथ ही गुर्दे की पथरी को घोलने में मदद करता है। एक अध्ययन में पाया गया कि सेब साइडर सिरका गुर्दे की पथरी के गठन को कम करने में प्रभावी था। इसके लिए 6 से 8 औंस शुद्ध पानी में 2 बड़े चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिलाएं। इस मिश्रण को पूरे दिन पिएं। इसके अलावा सेब के सिरके का सेवन मधुमेह के खतरे को कम करने में भी मदद करता है। साथ ही इसका सेवन शरीर से एक्स्ट्रा फैट को गलाकर कम करने का काम करता है। इसके अलावा एप्पल साइडर वेनेगर से पीने से काफी समय तक भूख नहीं लगती है। सेब के सिरका में एसिटिक एसिड होता है जिससे भूख शांत होती है। इसे पीने से दिमाग में फुल होने के संकते जाते हैं और आप ज्यादा खाने से बचते हैं।
अजवाइन का रस
अजवाइन का रस शरीर में जमा गंदगी को बाहर निकालने में भी मदद करता है। विषाक्त पदार्थ गुर्दे की पथरी के निर्माण में योगदान करते हैं। इसका इस्तेमाल लंबे समय से पारंपरिक दवाओं में किया जाता रहा है। अजवाइन का उपयोग करने से यह किडनी में मौजूद पथरी को तोड़ता है और बाद में टुकड़ों को यूरिन के द्वारा शरीर से बाहार निकल देता है। इसके साथ ही अजवाइन के सेवन से पेट दर्द, गैस, उल्टी, खट्टी डकार और एसिडिटी में आराम मिलता है। कई महिलाओं को पीरियड्स के वक्त कमर और पेट के निचले हिस्से में बहुत दर्द होता है। ऐसे में गुनगुने पानी के साथ अजवाइन लेने से दर्द में आराम मिलता है। कई महिलाओं को पीरियड्स के वक्त कमर और पेट के निचले हिस्से में बहुत दर्द होता है। ऐसे में गुनगुने पानी के साथ अजवाइन लेने से दर्द में आराम मिलता है।
अनार का रस
अनार सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। यदि आप अनार का जूस रोजाना पीते है तो इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट, विटामिन सी, एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीवायरल गुण आपको कई तरह की बीमारियों से बचा सकता हैं। अनार के रस का उपयोग सदियों से किडनी के कामकाज को बेहतर बनाने के लिए किया जाता रहा है। यह आपके सिस्टम से पथरी और अन्य विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल सकता है। अनार में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट किडनी को स्वस्थ रखने और पथरी को विकसित होने से रोक सकता है। यह आपके यूरिन के एसिडिटी लेवल को भी कम करता है। इसके अलावा अनार का जूस कैंसर जैसी बिमारियों से बचाव करता है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट गुण शरीर में मुक्त कणों को हटाने के साथ-साथ कोशिकाओं को सुरक्षित रखने में मदद करता है। इसके अलावा अनार के रस का सेवन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखता है।
राजमा का शोरबा
पके हुए राजमा का शोरबा एक पारंपरिक व्यंजन है, जिसका उपयोग अक्सर भारत में किया जाता है। इसका उपयोग मूत्र और गुर्दे के रोगों के सुधार के लिए किया जाता है। अध्ययन के अनुसार, यह पथरी को घुलने और बाहर निकालने में भी मदद कर सकता है। बस पकी हुई फलियों से तरल छान लें और दिन भर में कुछ गिलास पियें।
डंडेलियन की जड़ का रस
डंडेलियन या सिंहपर्णी पौधे की जड़ विटामिन (ए, बी, सी, डी) और पोटेशियम, आयरन और जिंक जैसे खनिज का भी बेहतर स्रोत है। एक अध्ययन से पता चला है कि सिंहपर्णी गुर्दे की पथरी को बनने से रोकने में कारगर है। डंडेलियन या सिंहपर्णी पौधे की जड़ की जड़ का रस एक बेहतर किडनी टॉनिक है जो पित्त के उत्पादन को उत्तेजित करता है। ऐसा माना जाता है कि यह अपशिष्ट को खत्म करने, मूत्र उत्पादन बढ़ाने और पाचन में सुधार करने में मदद करता है। इसके अलावा डंडेलियन या सिंहपर्णी पौधे की जड़ का रस शरीर की हड्डियों को पोषित कर उन्हें उम्र सम्बंधित विकारों से छुटकारा दिलाती हैं। सिंहपर्णी की जड़ों में उच्च मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है जो हड्डियों के विकास एवं मजबूती के लिए अनिवार्य है। मधुमेह के रोगी किडनी और लीवर की समस्या से जल्दी चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में यह दोनों समस्याओं को नियंत्रित कर मधुमेह के रोगियों को बचाता है। डंडेलियन की जड़ का रस मूत्र की मात्रा को बढ़ाता है और सोडियम को बाहर निकालता है। इसके सेवन से पोटेशियम की मात्रा को बिना कम किए सोडियम को बाहर निकाला जा सकता है। साथ ही ये रक्तचाप को कम करता है। उच्च रक्तचाप का कारण कोलेस्ट्रोल ही होता है। ऐसे में इसके अंदर फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है इसलिए यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करके रक्तचाप को कम करता है, जिसके कारण हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है।
व्हीटग्रास जूस
व्हीटग्रास ताजे अंकुरित गेहूं के पौधे की पहली पत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग भोजन, पेय पदार्थ या आहार अनुपूरक के रूप में किया जाता है। यह कई पोषक तत्वों से भरा होता है और लंबे समय से स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। एक अध्ययन के अनुसार, व्हीटग्रास पथरी को दूर करने में मदद करने के लिए मूत्र प्रवाह को बढ़ाता है। इसमें महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी होते हैं जो किडनी को साफ करने में मदद करते हैं। आप प्रतिदिन 2 से 8 औंस व्हीटग्रास जूस पी सकते हैं। इसके साथ ही व्हीटग्रास जूस कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। इससे हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है। इसमें विटामिन-बी, एमीनो एसिड और ऐसे एंजाइम्स होते हैं, जो खाना पचाने में मदद करते हैं। इसके अलावा रोजाना इसका सेवन ब्लड सर्क्युलेशन को ठीक रखने में भी मदद करता है।