उल्लू ऐप पर प्रसारित शो ‘हाउस अरेस्ट’ को लेकर आम जनता और धार्मिक संगठनों के बीच भारी विरोध देखने को मिल रहा है। शो में आपत्तिजनक सीन और महिलाओं के प्रति अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल के आरोप में निर्माता और होस्ट एजाज खान के खिलाफ पुलिस केस दर्ज कर लिया गया है। बजरंग दल की शिकायत के बाद ऐप ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए अपने प्लेटफॉर्म से ‘हाउस अरेस्ट’ के सभी एपिसोड हटा दिए हैं और औपचारिक तौर पर माफी भी मांगी है।
ऐप की ओर से जारी बयान में कहा गया, “यह रिलीज हमारी टीम की आंतरिक लापरवाही का नतीजा था, जिसे हम स्वीकार करते हैं। हम कानून का सम्मान करते हैं और इस शो से हुई असुविधा के लिए खेद प्रकट करते हैं।” मुंबई के अंबोली पुलिस स्टेशन में बजरंग दल कार्यकर्ता गौतम रावरिया की शिकायत पर प्रोड्यूसर राजकुमार पांडे और होस्ट एजाज खान के खिलाफ गंभीर धाराओं भारतीय न्याय संहिता की धारा 296 (धार्मिक भावनाएं आहत करना), आईटी एक्ट की धारा 67 और 67(A) (अश्लील सामग्री का इलेक्ट्रॉनिक वितरण) और महिलाओं के अश्लील चित्रण (निषेध) अधिनियम की धारा 4, 6 और 7 में केस दर्ज किया गया है।
रावरिया ने आरोप लगाया कि शो में महिलाओं को अशोभनीय रूप में दिखाया गया है और देवी के रूप में मानी जाने वाली स्त्रियों का अपमान किया गया है। सोशल मीडिया के जरिए उन्हें शो के कई लिंक प्राप्त हुए, जिनमें कई आपत्तिजनक सीन और डायलॉग शामिल थे। एजाज से जब इस विषय पर स्पष्टीकरण मांगा गया, तो उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इसके बाद बजरंग दल ने उल्लू ऐप के अंधेरी (पश्चिम) स्थित कार्यालय में जाकर औपचारिक आवेदन दिया और शो को बंद करने की मांग की। उल्लेखनीय है कि एक्टर एजाज ‘बिग बॉस 7’ में नजर आए थे। उनका नाम इससे पहले भी कई विवादों में आया है।
प्रकाश राज ने कहा, कुछ लोग डर का माहौल बनाना चाहते हैं…
मशहूर अभिनेता प्रकाश राज को फिल्मों पर बैन लगाना गवारा नहीं है। प्रकाश का मानना है कि फिल्म चाहे किसी भी विचारधारा की हो, उसे बैन करना गलत है और यह अभिव्यक्ति की आजादी के लिए बड़ा खतरा है। आजकल लोगों की भावनाएं जरा-सी बात पर आहत हो रही हैं और यह माहौल खतरनाक है। प्रकाश ने कई फिल्मों का उदाहरण दिया, जिन्हें विवादों का सामना करना पड़ा। उन्होंने ‘पद्मावत’, ‘पठान’, ‘एल2 : एम्पुरान’ और पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान की आगामी फिल्म ‘अबीर गुलाल’ का जिक्र किया।
इन फिल्मों को सेंसर बोर्ड की सख्ती झेलने के साथ राजनीतिक दबाव और लोगों के गुस्से का भी सामना करना पड़ा। प्रकाश ने ‘अबीर गुलाल’ विवाद पर कहा कि मैं किसी भी फिल्म को बैन करने के खिलाफ हूं, चाहे वह प्रोपेगेंडा ही क्यों न हो। जब तक फिल्म बच्चों के शोषण या अश्लीलता को बढ़ावा नहीं दे रही, उसे क्यों रोकना? जनता को खुद फैसला करने दो। दीपिका पादुकोण को ‘पद्मावत’ में उनके कॉस्ट्यूम और ‘पठान’ में एक गाने के रंग को लेकर धमकियां मिलीं। लोग कह रहे थे कि हम उनकी नाक काट देंगे।
यह क्या तमाशा है, सिर्फ एक कपड़े या रंग के लिए? यह सिर्फ गुस्सा नहीं, बल्कि एक सोची-समझी रणनीति है। कुछ लोग डर का माहौल बनाना चाहते हैं। फिल्में बन ही नहीं रही हैं। सेंसरशिप अब सिर्फ राज्य स्तर पर नहीं, बल्कि केंद्र से नियंत्रित हो रही है। इस तरह धीरे-धीरे अभिव्यक्ति की आजादी खत्म हो रही है। नई पीढ़ी को डराया जा रहा है कि वे कुछ बोलने या बनाने से पहले ही खुद को सेंसर करें।