महाकुंभ: नागा साधुओं के रूप में धरती पर अमृत स्नान करने आते हैं देवी-देवता, इनसे मिली वस्तु बदल सकती है भाग्य

By: Sandeep Gupta Wed, 22 Jan 2025 08:48:17

महाकुंभ: नागा साधुओं के रूप में धरती पर अमृत स्नान करने आते हैं देवी-देवता, इनसे मिली वस्तु बदल सकती है भाग्य

प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन पूरे वैभव और धार्मिकता के साथ जारी है। संगम नगरी में साधु-संतों का जमावड़ा लगा हुआ है, और शिविरों में धूनी रमाकर प्रभु की भक्ति में लीन संत वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर रहे हैं। 29 जनवरी को दूसरा अमृत स्नान होने जा रहा है, और प्रयागराज प्रशासन के अनुसार, इस पावन अवसर पर लगभग 8 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान है। महाकुंभ के अमृत स्नान पर सबसे पहले नागा साधुओं को स्नान का अधिकार दिया जाता है। अपने अखाड़ों के साथ आए नागा साधु संगम तट पर कल्पवास कर रहे हैं। उनकी टोली संगम तक जयकारों के साथ पहुंचती है, और उनके द्वारा किए गए स्नान को विशेष महत्व प्राप्त है।

देवी-देवताओं का आगमन

हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, महाकुंभ के दौरान यह माना जाता है कि देवी-देवता भी नागा साधुओं के रूप में अमृत स्नान के लिए धरती पर आते हैं। जब नागा साधुओं की टोली संगम की ओर बढ़ती है, तो माना जाता है कि देवता भी उसमें सम्मिलित होकर "हर हर महादेव" की जयकार के साथ संगम स्नान करते हैं। महाकुंभ के इस पावन स्नान के दौरान यदि किसी श्रद्धालु को नागा साधुओं या संतों से फूल-माला, भभूत, या प्रसाद प्राप्त होता है, तो इसे असीम सौभाग्यशाली माना जाता है। मान्यता है कि इससे व्यक्ति के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और मृत्यु के बाद उसे मोक्ष प्राप्त होता है।

प्रयागराज का विशेष महत्व

महाकुंभ का आयोजन हर 12 वर्षों में होता है और यह देश की चार पवित्र जगहों पर बारी-बारी से आयोजित होता है—उज्जैन (क्षिप्रा नदी), नासिक (गोदावरी नदी), हरिद्वार (गंगा नदी), और प्रयागराज (गंगा, यमुना, और अदृश्य सरस्वती का संगम)। विशेष रूप से प्रयागराज का महाकुंभ इसलिए अद्वितीय है क्योंकि यहां तीन नदियों का संगम होता है। यह स्थल पौराणिक रूप से देवताओं के स्नान और आशीर्वाद का स्थान माना जाता है।

महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था, पवित्रता, और मोक्ष का प्रतीक है। करोड़ों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाकर जीवन को पवित्र करने और पुण्य अर्जित करने आते हैं। इस आयोजन का हर क्षण भक्तों के लिए ईश्वर की कृपा का अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है।

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