जानिए क्या होती है इच्छा-मृत्यु

By: Priyanka Maheshwari Fri, 09 Mar 2018 12:53:16

जानिए क्या होती है इच्छा-मृत्यु

इच्छा-मृत्यु अर्थात यूथनेशिया (Euthanasia) मूलतः ग्रीक (यूनानी) शब्द है। जिसका अर्थ Eu=अच्छी, Thanatos= मृत्यु होता है।

इच्छामृत्यु किसी गंभीर और लाइलाज बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को दर्द से मुक्ति दिलाने के लिए डॉक्टर की सहायता से उसके जीवन का अंत करना है। यूथेनेसिया, इच्छा-मृत्यु या मर्सी किलिंग (दया मृत्यु) पर दुनियाभर में बहस जारी है। इस मुद्दे से क़ानूनी के अलावा मेडिकल और सामाजिक पहलू भी जुड़े हुए हैं। यह पेचीदा और संवेदनशील मुद्दा माना जाता है। दुनियाभर में इच्छा-मृत्यु की इजाज़त देने की मांग बढ़ी है। क्लिनिकल दशाओं के मुताबिक़ इसे परिभाषित किया जाता है।

Voluntary (स्वैच्छिक) एक्टिव यूथेनेसिया

मरीज़ की मंज़ूरी के बाद जानबूझकर ऐसी दवाइयां देना जिससे मरीज़ की मौत हो जाए। यह केवल नीदरलैंड और बेल्जियम में वैध है।

Involuntary एक्टिव यूथेनेसिया

मरीज़ मानसिक तौर पर अपनी मौत की मंज़ूरी देने में असमर्थ हो तब उसे मारने के लिए इरादतन दवाइयां देना। यह भी पूरी दुनिया में ग़ैरक़ानूनी है।

Passive यूथेनेसिया

मरीज़ की मृत्यु के लिए इलाज बंद करना या जीवनरक्षक प्रणालियों को हटाना। इसे पूरी दुनिया में क़ानूनी माना जाता है। यह तरीक़ा कम विवादास्पद है।

Active यूथेनेसिया

अफ़ीम से बनने वाली या कुछ अन्य दवाइयां देना ताक़ि मरीज़ को राहत मिले लेकिन बाद में उसकी मौत हो जाए। यह तरीक़ा भी दुनिया के कुछ देशों में वैध माना जाता है।

Assisted Suicide आत्महत्या के लिए मदद

पहले हुई सहमति के आधार पर डॉक्टर मरीज़ को ऐसी दवाइयां देता है जिन्हें खाकर आत्महत्या की जा सकती है। यह तरीक़ा नीदरलैंड, बेल्जियम, स्विट्ज़रलैंड और अमेरिका के ओरेगन राज्य में वैद्य है।

भारत में यूथेनेसिया की मांग से जुड़े कुछ मामले

- बिहार पटना के निवासी तारकेश्वर सिन्हा ने 2005 में राज्यपाल को यह याचिका दी कि उनकी पत्नी कंचनदेवी, जो सन् 2000 से बेहोश हैं, को दया मृत्यु दी जाए।

- बहुचर्चित व्यंकटेश का प्रकरण अधिक पुराना नहीं है। हैदराबाद के इस 25 वर्षीय शख़्स ने इच्छा जताई थी कि वह मृत्यु के पहले अपने सारे अंग दान करना चाहता है। इसकी मंज़ूरी अदालत ने नहीं दी।

- इसी प्रकार केरल हाईकोर्ट द्वारा दिसम्बर 2001 में बीके पिल्लई जो असाध्य रोग से पीड़ित था, को इच्छा-मृत्यु की अनुमति इसलिए नहीं दी गई क्योंकि भारत में ऐसा कोई क़ानून नहीं है।

- 2005 में काशीपुर उड़ीसा के निवासी मोहम्मद युनूस अंसारी ने राष्ट्रपति से अपील की थी कि उसके चार बच्चे असाध्य बीमारी से पीड़ित हैं। उनके इलाज के लिए पैसा नहीं है। लिहाज़ा उन्हें दया मृत्यु की इजाज़त दी जाए, किंतु अपील नामंज़ूर कर दी गई।

- अरुणा शानबाग के साथ 27 नवंबर 1973 में मुंबई के केईएम हॉस्पिटल में एक वार्ड ब्वॉय ने कथिततौर पर रेप किया था। हालांकि, उस पर यह आरोप साबित नहीं हुआ था। उसने अरुणा के गले में जंजीर कस दी थी, जिससे वे कोमा में चली गई थीं। वे 42 साल तक कोमा में रहीं। उनकी 18 मई 2015 को मौत हो गई थी। इससे पहले जर्नलिस्ट पिंकी वीरानी ने शानबाग की हालत को देखते हुए 2011 में उनके लिए इच्छामृत्यु देने की मांग की थी और सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दायर की थी।

क्या कहता है भारतीय क़ानून

भारत में इच्छा-मृत्यु और दया मृत्यु दोनों ही अवैधानिक कृत्य हैं क्योंकि मृत्यु का प्रयास, जो इच्छा के कार्यावयन के बाद ही होगा, वह भारतीय दंड विधान (आईपीसी) की धारा 309 के अंतर्गत आत्महत्या (suicide) का अपराध है। इसी प्रकार दया मृत्यु, जो भले ही मानवीय भावना से प्रेरित हो एवं पीड़ित व्यक्ति की असहनीय पीड़ा को कम करने के लिए की जाना हो, वह भी भारतीय दंड विधान (आईपीसी) की धारा 304 के अंतर्गत सदोष हत्या (culpable homicide) का अपराध माना जाता है।

जीने का अधिकार है तो मरने का क्यों नहीं?

पी. रथीनम् बनाम भारत संघ (1984) के मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 309 की संवैधानिकता पर इस आधार पर आक्षेप किया गया था कि यह धारा संविधान के अनुच्छेद 21 का अतिक्रमण है। यानी जीने का अधिकार है तो मरने का भी अधिकार होना चाहिए। लेकिन 1996 में उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानकौर बनाम पंजाब राज्य के मामले में उक्त निर्णय को उलट दिया और साफ़ किया कि अनुच्छेद 21 के अंतर्गत 'जीवन के अधिकार' में मृत्युवरण का अधिकार शामिल नहीं है। अतः धारा 306 और 309 संवैधानिक और मान्य हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मुहर

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाली पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने निष्क्रिय इच्छा मृत्यु (पैसिव यूथेनेसिया) और लिविंग विल (इच्छा मृत्यु की वसीयत) को कुछ शर्तों के साथ अनुमति प्रदान कर दी है।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com