अलवर मॉब लिंचिंग : पुलिस की गाड़ी में जिंदा था रकबर, माना हुई गंभीर चूक, 4 पुलिसवालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई

By: Pinki Tue, 24 July 2018 08:19:36

अलवर मॉब लिंचिंग : पुलिस की गाड़ी में जिंदा था रकबर, माना हुई गंभीर चूक, 4 पुलिसवालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई

अलवर के रामगढ़ में शुक्रवार देर रात गाय ले जाते वक्त भीड़ हिंसा के शिकार हुए हरियाणा के रकबर उर्फ अकबर की मौत की जांच के लिए गठित राजस्थान पुलिस की उच्चस्तरीय समिति ने माना कि मामले में पुलिस से गंभीर चूक हुई है जिसके बाद 4 पुलिसवालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई है और जांच भी ज़िला पुलिस के हाथ से ले ली गई है। जांच समिति ने सोमवार को छानबीन और पूछताछ के बाद रामगढ़ थाना प्रभारी एएसआई मोहन सिंह को निलंबित और तीन कांस्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया है।

जांच समिति ने सोमवार को रामगढ़ थाने में भी सभी पुलिसकर्मियों से पूछताछ की। समिति में शामिल विशिष्ट पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) एनआरके रेड्डी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मामले की जांच करने वाली पुलिस टीम के निर्णय शुरू से ही सही नहीं थे। अकबर को अस्पताल ले जाने के निर्णय में गंभीर चूक हुई है। इस बीच रकबर की आखिरी फोटो सामने आई है, जिसमें वो पुलिस की गाड़ी में भी ज़िंदा था। वहीं अलवर की मॉब लिंचिंग ने फिर देश की राजनीति में तूफ़ान पैदा कर दिया है। कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। इस बीच सरकार ने भीड़ की हिंसा को लेकर एक हाई-लेवेल कमेटी बनी दी है।

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पुलिस पर इसलिए उठे सवाल

- पुलिस घायल अकबर को रात 1.30 बजे घटनास्थल से लेकर चली मृतक घोषित करने वाले डॉक्टर के मुताबिक तड़के 4 बजे पहुंचे अस्पताल छह किमी दूर स्थित अस्पताल पहुंचने में कैसे लग गए तीन घंटे?
- अस्पताल ले जाने से पहले गायों को गोशाला पहुंचाने में वक्त क्यों बर्बाद किया?
- अस्पताल ले जाते समय बीच में 2.30 बजे चाय पीने क्यों रुकी पुलिस टीम?
- अगर अकबर गंभीर घायल था तो उसे रास्ते में क्यों नहलाया गया?

भीड़ हिंसा पर उच्च स्तरीय समिति, जीओएम गठित

- देश में भीड़ हिंसा की घटनाओं से चिंतित केंद्र सरकार ने इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का फैसला किया है।
- इसके तहत गृह सचिव की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है।
- समिति चार हफ्ते में भीड़ हिंसा रोकने के उपायों पर अपनी रिपोर्ट देगी।
- इसके साथ ही गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में बनाया गया मंत्रियों का समूह (जीओएम) समिति की सिफारिशों पर विचार करेगा।
- फिर अंतिम रिपोर्ट प्रधानमंत्री को सौंपेगा। जीओएम में राजनाथ के अलावा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, कानून मंत्री रविश्ंकर प्रसाद, सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, सामाजिक न्याय मंत्री थावर चंद गहलोत भी शामिल होंगे।

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