चीन सीमा विवाद पर संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा - हम हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार

By: Pinki Tue, 15 Sept 2020 3:57:06

चीन सीमा विवाद पर संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा - हम हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार

कोरोना के बीच संसद के पहले सत्र (मानसून) का आज दूसरा दिन है। लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन से तनाव पर बयान दिया। उन्होंने बताया कि समस्त देशवासी अपने वीर जवानों के साथ खड़े हैं। मैंने भी लद्दाख जाकर अपने शूरवीरों के साथ समय बिताया है और मैं आपको ये बताना चाहता हूं कि मैंने उनके अदम्य साहस और शौर्य को महसूस भी किया है। कर्नल बाबू और उनके वीर साथियों ने अपना बलिदान दिया है। कल ही संसद में मौन रखकर श्रद्धांजलि व्यक्त की है। राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन की LAC में बदलाव की मंशा, ये हमें मंजूर नहीं है।

सदन जानता है कि भारत-चीन की सीमा का प्रश्न अब तक हल नहीं हुआ है। भारत-चीन की सीमा का ट्रेडिशनल अलाइनमेंट चीन नहीं मानता। दोनों देश भौगोलिक स्थितियों से अवगत हैं। चीन मानता है कि इतिहास में जो तय हुआ, उस बारे में दोनों देशों की अलग-अलग व्याख्या है। दोनों देशों के बीच आपस में रजामंदी वाला समाधान नहीं निकल पाया है। लद्दाख के इलाकों के अलावा चीन अरुणाचल प्रदेश की सीमा से 90 हजार वर्ग किलोमीटर इलाके को भी अपना बताता है। सीमा का प्रश्न जटिल मुद्दा है। इसमें सब्र की जरूरत है। शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए समाधान निकाला जाना चाहिए। दोनों देशों ने मान लिया है कि सीमा पर शांति जरूरी है।

राजनाथ के भाषण की अहम बातें

- राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख का दौरा कर हमारे जवानों से मुलाकात की। उन्होंने यह संदेश भी दिया था वह हमारे वीर जवानों के साथ खड़े हैं। मैंने भी लद्दाख जाकर अपने यूनिट के साथ समय बिताया था। मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि उनके साहस शौर्य और पराक्रम को महसूस भी किया था। आप जानते हैं कर्नल संतोष मातृभूमि की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया था।

- राजनाथ सिंह ने कहा, 'दोनों देशों के बीच कई प्रोटोकॉल भी हैं। दोनों देशों ने माना है कि LAC पर शांति बहाल रखी जाएगी। LAC पर किसी भी तरह की गंभीर स्थिति का दोनों देशों के बीच रिश्तों पर गंभीर असर पड़ेगा। पिछले समझौतों में यह जिक्र है कि दोनों देश LAC पर कम से कम सेना रखेंगे और जब तक सीमा विवाद का हल नहीं निकलता, तब तक LAC का सम्मान करेंगे। 1990 से 2003 तक देशों ने LAC ने आपसी समझ बनाने की कोशिश की, लेकिन चीन ने इसे आगे बढ़ाने पर सहमति नहीं जताई। इसी वजह से LAC को लेकर मतभेद हैं।'

- राजनाथ सिंह ने कहा, 'मैं यह बताना चाहता हूं कि सरकार की विभिन्न इंटेलिजेंस एजेंसियों के बीच पूरा तालमेल है। टेक्निकल और ह्यूमन इंटेलिजेंस को इकट्‌ठा किया जाता है और सशस्त्र बलों से साझा किया जाता है।'

- राजनाथ सिंह ने कहा, 'अप्रैल से पूर्वी लद्दाख की सीमाओं पर चीन की सेना में इजाफा दिखा गया है। गलवान घाटी में चीन ने हमारे ट्रेडिशनल पैट्रोलिंग पैटर्न में खलल डाला। इसे सुलझाने के लिए अलग-अलग समझौतों और प्रोटोकॉल के तहत बातचीत की जा रही थी। मई में चीन ने कई इलाकों में घुसपैठ की कोशिश की। इनमें पैंगॉन्ग लेक शामिल है।'

- राजनाथ सिंह ने कहा, 'हमारी सेनाओं ने इन कोशिशों को समय पर देख लिया और जरूरी कार्रवाई भी की। हमने चीन को डिप्लोमैटिक और मिलिट्री चैनल से यह बता दिया कि आप मौजूदा स्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश कर रहे हैं जो हमें किसी भी तरह से मंजूर नहीं है।'

- राजनाथ सिंह ने कहा, 'दोनों देशों ने 6 जून को बैठक कर यह तय किया कि दोनों देश सेनाओं की तैनाती कम करेंगे, लेकिन चीन ने हिंसक टकराव किया। हमारे बहादुर जवानों ने जान का बलिदान दिया और चीन को भारी नुकसान पहुंचाया। हमारे बहादुर जवानों ने जहां संयम की जरूरत थी, वहां संयम और जहां शौर्य की जरूरत थी, वहां शौर्य दिखाया।'

- राजनाथ सिंह ने कहा 'दोनों को यथास्थिति बनाए रखना चाहिए और शांति और सद्भाव सुनिश्चित करना चाहिए। चीन भी यही कहता है लेकिन तभी 29-30 अगस्त की रात्रि में फिर से चीन ने पैंगोंग में घुसने की कोशिश की लेकिन हमारे सैनिकों ने प्रयास विफल कर दिए।'

- राजनाथ सिंह ने कहा 'सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सीमाएं सुरक्षित हैं और हमारे जवान मातृभूमि की रक्षा में डटे हुए हैं। सशस्त्र सेना और ITBP की तेजी से तैनाती की गई है। पिछले कई दशकों में चीन ने बड़े पैमाने पर इन्फ्रास्ट्र्क्चर की गतिविधियां शुरू की है। इसके जवाब में सरकार ने भी बॉर्डर एरिया डिवेलपमेंट का बजट बढ़ा दिया है।'

- राजनाथ सिंह ने कहा 'सीमा के इलाकों में अब सैनिक ज्यादा अलर्ट रह सकते हैं और जरूरत पड़ने पर कार्रवाई कर सकते हैं। हमारे सीमावर्ती इलाकों में विवादों का हल शांतिपूर्ण ढंग से करने के लिए भारत प्रतिबद्ध है। मैंने 4 तारीख को चीन के रक्षा मंत्री के सामने स्थिति को रखा। मैंने यह भी कहा कि हम इस मुद्दे को शांति से हल करना चाहते हैं। हमने यह भी स्पष्ट कर दिया कि हम भारत की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। '

- राजनाथ सिंह ने कहा 'विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी चीनी विदेश मंत्री से कहा कि अगर समझौतों को माना जाए तो शांति बहाल रखी जा सकती है। मैं यह भी सदन को स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। हमारे जवानों का जोश और हौसला बुलंद है। प्रधानमंत्री के जवानों के बीच जाने के बाद यह संदेश गया है कि भारत के सभी वासी उनके साथ खड़े हैं।'

- राजनाथ सिंह ने कहा 'लद्दाख में हम एक चुनौती के दौर से गुजर रहे हैं और हमें प्रस्ताव पारित करना चाहिए कि पूरा सदन जवानों के साथ खड़ा है।'

चीन के साथ 3 बिंदुओं पर बातचीत की
रक्षा मंत्री ने बताया कि चीन के साथ डिप्लोमैटिक और मिलिट्री लेवल पर बातचीत तीन बिंदुओं पर आधारित थी।
- दोनों देश LAC का सख्ती से पालन करें।
- मौजूदा स्थिति का कोई उल्लंघन न करे।
- सभी समझौतों और आपसी समझ का पालन होना चाहिए।

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