जस्टिस जोसेफ: कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल का सरकार पर हमला, बोले- सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में आज काला दिन
By: Priyanka Maheshwari Tue, 07 Aug 2018 12:02:57
उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के. एम. जोसेफ का सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किए जाने को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने जस्टिस जोसेफ की वरीयता कम करने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। सिब्बल ने कहा, 'सरकार ने ये मैसेज दिया है कि अगर कोई जज उनके पक्ष में निर्णय नहीं देता है तो उसका इलाज भी किया जा सकता है। भारतीय न्यायपालिका में आज का दिन काला दिवस के रूप में याद किया जाएगा। यह सरकार का घमंड है।' उन्होंने कहा कि न्यायपालिका को अपनी आत्मा के खोज करने जरूरत है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने संदेश दिया है कि यदि कोई न्यायाधीश आपके पक्ष में कोई निर्णय नहीं लेता है तो उसका इलाज भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के इतिहास में इस दिन को काले दिन के रूप में देखा जाएगा। सिब्बल ने कहा कि यह सरकार का अहंकार है।
मंगलवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस के तौर पर शपथ ग्रहण की। वरिष्ठता के आधार पर जस्टिस इंदिरा बनर्जी, विनीत सरन और केएम जोसेफ शपथ ग्रहण की। बता दें कि केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए भेजे गए वरिष्ठता के आधार पर जस्टिस जोसेफ का नाम तीसरे नंबर पर है। दरअसल, एक ही दिन शपथ लेने पर जो जज पहले शपथ लेता है, वो सीनियर हो जाता है। इसके चलते सीनियरिटी के क्रम में सबसे नीचे जस्टिस जोसेफ हैं। इसी को लेकर विवाद छिड़ा है।
जस्टिस जोसेफ की वरिष्ठता को घटाने के केंद्र सरकार के फैसले से उच्चतम न्यायालय के कोलेजियम के कुछ सदस्यों के साथ सुप्रीम कोर्ट के कई जज नाखुश हैं। वहीं न्यायमूर्ति एम जोसफ मंगलवार को तय कार्यक्रम के मुताबिक उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर शपथ लेंगे। इस बात को लेकर जहां कि केंद्र ने पदोन्नति में उनकी वरिष्ठता को कम किए जाने को लेकर रोष देखा जा रहा है।
जस्टिस केएम जोसेफ की सुप्रीम कोर्ट में वरीयता घटाने पर पैदा हुए विवाद पर सरकार ने कहा है कि हाईकोर्ट के जजों की वरीयता के सिद्धांत के आधार पर यह फैसला लिया गया है। लिहाजा, जस्टिस जोसेफ, इंदिरा बनर्जी और विनीत सरन का शपथ ग्रहण तय कार्यक्रम व केंद्र की अधिसूचना में दिए वरीयता क्रम के मुताबिक मंगलवार को ही होगा।
इससे पहले सोमवार को कॉलेजियम के सदस्य जस्टिस एमबी लोकुर, एके सीकरी और कुरियन जोसेफ समेत कई जजों की ओर से सीजेआई दीपक मिश्रा के समक्ष वरिष्ठता क्रम को लेकर चिंता जताई गई। जस्टिस रंजन गोगोई को छोड़कर कॉलेजियम के बाकी सदस्यों ने चाय के दौरान सीजेआई से जस्टिस जोसेफ की वरीयता घटाने के केंद्र के फैसले का विरोध किया। सीजेआई ने उन्हें भरोसा भी दिलाया कि वह मामले को उठाएंगे।
Justice K M Joseph 's downgrade in his elevation to the Supreme Court today will be marked as a black day in the history of the Court .
— Kapil Sibal (@KapilSibal) August 7, 2018
Smacks of arrogance of Government and capitulation by Court .
The Judiciary needs to do some soul searching .