धरती की तरफ आ रहा है विशालकाय Asteroid, NASA ने कहा खतरा संभव
By: Pinki Sun, 19 July 2020 4:05:59
24 जुलाई शुक्रवार को एक विशालकाय एस्टेरॉयड पृथ्वी के काफी नजदीक होगा। अमेरिकी एजेंसी एजेंसी नासा (NASA) ने चेताया है कि यह एस्टेरॉयड संभावित रूप से खतरनाक हो सकता है। यह आकार में भी बड़ा है और गति में भी तेज। यह एस्टेरॉयड ब्रिटेन के प्रसिद्ध लैंडमार्क- लंदन आई के आकार का कम से कम डेढ़ गुना है। ऐसा भी हो सकता है कि यह लंदन आई की तुलना में लगभग 50% बड़ा निकले। लंदन आई 443 मीटर ऊंचा एक व्हील है, यानी एस्टेरॉयड के इससे भी बड़ा होने की आशंका है।
नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने चेतावनी दी है कि जिस तरह से यह विशाल क्षुद्रग्रह पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है, उसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है। इसे संभावित खतरे के तौर पर चिह्नित किया गया है क्योंकि यह पृथ्वी के लिए एक खतरनाक प्रभाव पैदा कर सकता है। अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा इसका नाम एस्टेरॉयडल 2020ND रखा गया है।
When an asteroid or comet comes close to Earth we call it a near-Earth object. But how close is close? How do we keep track of them? What can we do to mitigate our risk?
— NASA (@NASA) June 30, 2020
☄️ Here’s what you need to know about near-Earth objects this #AsteroidDay: pic.twitter.com/mCjW3FSoz5
क्या है संभावित क्षुद्रग्रह
पोटेंशियली हैजड्रस यानी संभावित खतरनाक क्षुद्रग्रह (PHAs) एक पैमाना है। इसमें अंतरिक्ष वैज्ञानिक उन तत्वों में शामिल करते हैं जो पृथ्वी के निकट आने वाले खतरों के रूप में मापे जाते हैं। इसलिए 0.05 au या उससे कम की दूरी (MOID) वाले सभी क्षुद्रग्रहों को PHAs यानी संभावित रूप से खतरनाक माना जाता है।
क्या हैं एस्टेरॉयड या क्षुद्रग्रह
क्षुद्रग्रह मूल रूप से ग्रहों के टुकड़े होते हैं। ये टुकड़े इन ग्रहों के जन्म के समय से बचे हुए हैं। इन चार ग्रहों में पृथ्वी, बुध, शुक्र और मंगल शामिल हैं। सौर मंडल में जब यह चारों ग्रह वजूद में आए थे तब जो चट्टानी टुकड़े बच गए थे, वे आज भी ग्रुत्वाकर्षण के आकर्षण की वजह से खिंचे चले आते हैं। इन्हें ही एस्टेरॉयड कहा जाता है। बड़े क्षुद्रग्रहों को ग्रहदोष के रूप में भी जाना जाता है। क्षुद्रग्रह मुख्य रूप से खनिज और चट्टान से बने हुए होते हैं। इनमें छोटी और अधिक गोलाकार कक्षाएं होती हैं।
अक्सर लोग धूमकेतु और उल्का पिंड में अंतर नहीं कर पाते हैं। ये दोनों अलग-अलग चीजें होती हैं। नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के अनुसार, नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट्स (NEO) धूमकेतु और क्षुद्र ग्रह हैं जो ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण आकर्षण द्वारा अपनी कक्षा से हटकर पृथ्वी की कक्षा में चले आते हैं। धूमकेतु और क्षुद्रग्रह काफी हद तक अरबों साल पुराने वे कण एवं अवशेष हैं, जो हमारे सौर मंडल के निर्माण के दौरान बने थे।
क्या होता है धूमकेतू
धूमकेतु सौरमण्डलीय निकाय है जो पत्थर, धूल, बर्फ और गैस के बने हुए छोटे-छोटे खण्ड होते है। यह ग्रहो के समान सूर्य की परिक्रमा करते है। छोटे पथ वाले धूमकेतु सूर्य की परिक्रमा एक अण्डाकार पथ में लगभग 6 से 200 वर्ष में पूरी करते है। कुछ धूमकेतु का पथ वलयाकार होता है और वो मात्र एक बार ही दिखाई देते है। लम्बे पथ वाले धूमकेतु एक परिक्रमा करने में हजारों वर्ष लगाते है।
धूमकेतु के तीन मुख्य भाग होते है -
- नाभि
- कोमा
- पूछ
नाभि धूमकेतु का केन्द्र होता है जो पत्थर और बर्फ का बना होता है। नाभि के चारों ओर गैस और घुल के बादल को कोमा कहते है। नाभि तथा कोमा से निकलने वाली गैस और धूल एक पूंछ का आकार ले लेती है। जब धूमकेतु सूर्य के नजदीक आता है, सौर-विकिरण के प्रभाव से नाभि की गैसों का वाष्पीकरण हो जाता है। इससे कोमा का आकार बढ़कर करोड़ों मील तक हो जाता है। कोमा से निकलने वाली गैस और घूल अरवों मील लम्बी पूछ का आकार ग्रहण कर लेती है। सौर-हवा के कारण यह पूछ सूर्य से उल्टी दिशा में होती है। जैसे-जैसे धूमकेतु सूर्य के नजदीक आता है, पूंछ का आकार बढ़ता जाता है।
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