पाकिस्तान में ट्विटर पर टॉप ट्रेंड करने लगी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन की खबर #AtalBihariVajpayee
By: Priyanka Maheshwari Fri, 17 Aug 2018 08:25:30
गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और 11 जून से दिल्ली के एम्स में भर्ती थे। वाजपेयी ने शाम 5.05 बजे अंतिम सांस ली। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है साथ ही पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी लोग दुखी हैं। अटल जी के निधन की खबर आते ही पाकिस्तान में लोग ट्वीट करके उन्हें श्रद्धांजलि देने लगे और कुछ ही मिनटों में #AtalBihariVajpayee ट्विटर पर टॉप ट्रेंड करने लगा, हालांकि बाद में ये दूसरे नंबर पर आ गया।
ज्यादातर लोग अटल जी द्वारा पाकिस्तान के साथ संबंधों को बेहतर करने के प्रयासों के लिए उनकी प्रशंसा कर रहे हैं। उनका कहना है कि अटल जी दोस्ती का पैगाम लेकर खुद पाकिस्तान आए, जो उनके दिल को छू गई। पाकिस्तान के लोगों का कहना है कि सच्चे अर्थों में सिर्फ अटल जी ने ही पाकिस्तान और भारत के संबंधों को सुधारने की कोशिश की।
अटल बिहारी वाजपेयी राजनीति के एक बड़े व्यक्तिव थे
देश ही नहीं दुनियाभर से लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। पाकिस्तान के भावी प्रधानमंत्री इमरान खान उनके निधन पर दुख व्यक्त किया है। इमरान खान ने अपने एक संदेश में कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी राजनीति के एक बड़े व्यक्तिव थे। भारत-पाक संबंधों के सुधार के लिए उनके प्रयासों को हमेशा याद किया जाएगा। विदेश मंत्री के रूप में श्री वाजपेयी ने भारत-पाक संबंधों में सुधार की ज़िम्मेदारी ली।
#AtalBihariVaajpayee was a tall political personality of the subcontinent.His attempts for the betterment of India-Pak relationship will always be remembered. Mr Vajpayee,as a foreign minister,took responsibility of improving India-Pak ties: Pak PM designate Imran Khan (file pic) pic.twitter.com/NQCWOzLOsw
— ANI (@ANI) August 16, 2018
पाकिस्तान में भी शोक की लहर
- उमर आर कुरैशी ने लिखा, 'बीजेपी से होने के बावजूद अटल बिहारी वाजपेयी को पाकिस्तान में बहुत पसंद किया जाता था। इतना ही नहीं वो खुद दोस्ती बस से पाकिस्तान आए। यही वजह है कि वो पाकिस्तान में नंबर वन ट्रेंड कर रहे हैं।' उन्होंने अपने ट्वीट के साथ पाकिस्तान में अटल बिहारी वाजपेयी के टॉप ट्रेंड करने का स्नैप शॉट भी पोस्ट किया।
- पाकिस्तान की पत्रकार मेहर तरार ने लिखा, 'अटल बिहारी वाजपेयी साहब आपको श्रद्धांजलि। भारतीय प्रधानमंत्री, जो दोस्ती के पैगाम के साथ लाहौर सदा-ए-शहरद बस से आए। जिन्होंने कामना की कि भारत और पाकिस्तान खूनी इतिहास के आगे बढ़ें और दोस्त बनें। दुआ और परिवार के लिए संवेदना। भारत के लिए शोक।'
Despite being from the BJP, Atal Behari Vajpayee was quite a liked figure in Pakistan -- not least because he himself came to Lahore on the Dosti Bus - also explains why he's already trending at No 1 in Pakistan pic.twitter.com/pSEdt2Bxs5
— omar r quraishi (@omar_quraishi) August 16, 2018
Rest in peace, Atal Bihari Vajpayee saheb.
— Mehr Tarar (@MehrTarar) August 16, 2018
The Indian prime minister who travelled to Lahore in the Sada-e-Sarhad bus with a message of dosti, who wished India & Pakistan to move beyond the bloodied history, and be friends.
Dua & condolences for the family.
Condolences to India
- जिबरान अशरफ ने लिखा, 'वास्तव में अटल साहब एक महान स्टेट्समैन थे और उनकी सरकार के समय भारत और पाकिस्तान वास्तविक शांति के एकदम नजदीक आ गए थे। उन्हें श्रद्धांजलि।' उन्होंने उम्मीद जताई कि अटल जी के निधन के बावजूद भारत और पाकिस्तान के बीच शांति बहाल हो सकेगी।
- फैजल इकबाल ने लिखा, 'अटल बिहारी वाजपेयी भारत-पाकिस्तान शांति के सच्चे समर्थक और प्रतीक थे। शांति बहाली और दोनों देशों के बीच संबंधों को उदार बनाने के लिए उनके प्रयासों को हमेशा याद रखा जाएगा। वाजपेयी साहब आपको श्रद्धांजलि।'
दिल्ली-लाहौर बस सेवा
- अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत और पाकिस्तान के बीच मधुर संबंध स्थापित करने के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए।
- एक कदम उनमें दिल्ली-लाहौर बस सेवा शुरू करने के तौर पर था।
- वाजपेयी ने प्रधानमंत्री रहते हुए दिल्ली से लाहौर के बीच एक बस सेवा शुरू की थी।
- इस सेवा को सदा-ए-सरहद नाम दिया गया था।
- 19 फरवरी, 1999 को यह बस सेवा शुरू की गई थी। इस बस में खुद वाजपेयी बस से लाहौर गए थे। यह सेवा आधिकारिक तौर पर 16 मार्च से शुरू हुई।
- कारगिल युद्ध के दौरान भी इस सेवा को बंद नहीं किया गया था। हालांकि 2001 में संसद भवन पर हुए आतंकी हमले के बाद इस सेवा को बंद कर दिया गया था। बाद में 2003 को यह सेवा फिर शुरू हुई थी।
Indeed Atal sahib was a great statesman, and it was during his govt that Pakistan and India last came close to actual peace! May he RIP!
— Gibran Ashraf (@GibranAshraf) August 16, 2018