135 किमी लंबे और 11,000 करोड़ की लागत से बने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे की 17 खास बातें
By: Priyanka Maheshwari Sun, 27 May 2018 2:43:12
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बागपत के खेखडा से देश को 135 किमी लंबे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे की सौगात दी। 11,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार देश के पहले स्मार्ट और ग्रीन ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के बाद बागपत में जनसभा को भी संबोधित करते हुए कांग्रेस के शासन से अपने कार्यकाल को काफी बेहतर बताया।
इस दौरान उनके साथ केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सहित कई अन्य दिग्गज नेता भी मौजूद रहे। माना जा रहा है कि 6 लेन वाला यह एक्सप्रसवे दिल्ली के ट्रैफिक जाम और प्रदूषण से राहत दिलाने में मदद करेगा। पेश हैं ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे की 17 बड़ी बातें:
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे की खास बातें
- - यह देश का पहला स्मार्ट और सोलर एनर्जी से लैस एक्सप्रेसवे है।
- 70 मिनट में तय हो सकेगा कुंडली से पलवल तक का सफर, पहले इसमें 4 घंटे लगते थे
- 135 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस वे पलवल गाजियाबाद और कुंडली को जोड़ेगा।
- इसके चालू होने से कोलकाता से सीधे जालंधर,अमृतसर और जम्मू आने-जाने वाले वाहनों, खासकर ट्रकों को सबसे ज्यादा फायदा होगा।
- 80 रखी गई है इस मार्ग पर वाहनों की न्यूनतम गति सीमा।
- 120 किलोमीटर प्रति घंटे रखी गई है गति सीमा कारों के लिए।
- 11,000 करोड़ रुपये की लागत आई है इस एक्सप्रेस वे की।
- 52 छोटे और बड़े पुल बनाए गए हैं मार्ग पर।
- 07 इंटरचेंज प्वाइंट हैं रास्ते में।
- 08 रेल ओवर ब्रिज और तीन फ्लाईओवर भी होंगे।
- 151 पैदल अंडपास और 70 वाहन अंडरपास बनाए गए हैं।
- 500 मीटर पर दोनों तरफ वर्षा जल संचयन की व्यवस्था होगी।
- 36 राष्ट्रीय स्मारकों को प्रदर्शित किया जाएगा।
- 40 झरने भी होंगे इस एक्सप्रेस वे पर
- 8 सौर संयंत्र बनाए गए हैं रोशनी के लिए जिनकी क्षमता 4 मेगावाट है।
- 40 फीसदी भारी वाहनों का बोझ घटेगा दिल्ली से।
- इसके शुरू होने से दिल्ली में 41 फीसदी तक ट्रैफिक जाम और 50 प्रतिशत तक प्रदूषण कम हो जाएगा।