मकर संक्रांति विशेष : राजस्थान का खास व्यंजन है गेहूं का खीचड़ा #Recipe
By: Kratika Tue, 09 Jan 2018 1:16:31
गेहूं का खीचड़ा Gehu Ka Khichda राजस्थान का पारम्परिक व्यंजन है। अक्षय तृतीया Akha Teej के शुभ अवसर इसे बना कर पूजा केसमय भगवान को इसका भोग लगाया जाता है। गेहूं के खीचड़े केसाथ मुंगोड़ी की सब्जी या कढ़ी भी बनाई जाती हैं। गेंहू का खिचड़ा घी और बूरा चीनी के साथ खाया जाता है। साबुत अनाज बहुत लाभदायकहोता है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन तथा कार्बोहाइड्रेड भरपूर मात्रा में होते है। यह सुपाच्य व पौष्टिक आहार होता है।
गेंहू का खीचड़ा बनाने की सामग्री
गेंहू 2 कप
साबुत मूँग 1/4 कप
पानी 6 गिलास
नमक स्वादानुसार
गेंहू का खीचड़ा बनाने की विधि –
* साफ किये हुए गेहूं लें। गेहूं के छिलके निकाल दें।
*छिलके निकालने के लिए गेहूं में थोड़ा थोड़ा करके पानी डालकर मिक्स कर दें। पानी इतना ही डालें कि गेंहू भीग जायें। इसमें लगभग
*चौथाई कप पानी ही लगेगा। इसके बाद गेंहू को करीब दो घण्टे के लिए रख दें। लगभग दो घण्टे के बाद गेंहू को मिक्सी में थोड़ा थोड़ा
*चला लें चाहे तो इमामदस्ते में हल्के हाथ से कूट लें । गेंहू को कूटने के बाद थाली में निकाल लें। थाली में डालकर गेंहू को मसल कर थोड़ा
*फटक लें। इससे छिलके अलग हो जायेंगे। इन्हे निकाल दें। इसी तरह दो तीन बार गेंहू को मिक्सी में चलाये और फटक लें।
*दो तीन बार फटकने से गेंहू का छिलका (husk ) निकल जाएगा।
*साबुत मूँग को पानी से दो तीन बार धो लें।
* अब एक भारी तले वाले कुकर में छः गिलास पानी डालकर गैस पर चढ़ा दें ।
* जब पानी उबलने लगे तब पानी में कूटकर तैयार किया हुआ गेंहू , साबुत मूँग व नमक डाल दें।
*एक उबाल आने तक लगातार हिलाएँ। उबाल आने के बाद गैस धीरे कर दें।
* 20-25 मिनिट तक धीमी आंच पर ही पकने दें व बीच – बीच में हिलाते रहें ताकि तले में नीचे चिपक नहीं जाए।
* अब कुकर का ढक्कन बन्द कर दें। एक सीटी होने के बाद गैस धीरे कर दें और धीमी आंच पर ही 20 मिनिट और पकने दें। इसके बादगैस बंद कर दें।
*कुकर ठंडा होने पर खोलें। चम्मच की सहायता से खीचड़ा अच्छी तरह मेश कर लें।
* गेंहू का खीचड़ा तैयार हैं।
* इसे घी व बूरा चीनी डालकर भगवान को भोग लगायें और प्रसाद का आनन्द उठायें।