बारिश की राजधानी के रूप में मशहूर चेरापूंजी, जानिए क्या है यहां आपके लिए खास

By: Priyanka Maheshwari Tue, 15 May 2018 11:23:59

बारिश की राजधानी के रूप में मशहूर चेरापूंजी, जानिए क्या है यहां आपके लिए खास

बात बारिश की हो और चेरापूंजी का नाम न उठे, हो ही नहीं सकता। भारत का सौभाग्य है कि दुनिया में सर्वाधिक बारिश वाला क्षेत्र चेरापूंजी उसकी धरती पर बसा है। बारिश की राजधानी के रूप में मशहूर चेरापूंजी समुद्र से लगभग 1300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जो मेघालय की राजधानी शिलांग से 60 किलोमीटर की दूरी पर है। चेरापूंजी को सोहरा के नाम से भी जाना जाता है। यहां औसत वर्षा 10,000 मिलीमीटर होती है। वर्षा ऋतु में दूर-दूर से पर्यटक यहां आते हैं।

हरियाली से सजी चेरापूंजी की पहाड़ियां बरबस ही लोगों को अपनी ओर खींच लेती हैं। जब बारिश होती है तो बसंत अपने शबाब पर होता है। ऊंचाई से गिरते पानी के फव्वारे, कुहासे के समान मेघों को देखने का अपना अलग ही अनुभव है। यहां के स्थानीय निवासियों को बसंत का बड़ी शिद्धत से इंतजार होता है। चेरापूंजी में खासी जनजाति के लोग मानसून का स्वागत अलग ही अंदाज में करते हैं। मेघों को लुभाने के लिए लोक गीत और लोक नृत्यों का आयोजन किया जाता है जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।

मेघालय में ही मासिनराम में हाल के दिनों में चेरापूंजी से भी ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। लेकिन विडंबना ही है कि सबसे ज्यादा बारिश होने की ख्याति पाने वाले चेरापूंजी के लोगों को हर साल कुछ महीनों के लिए पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ता है। यहां सूखा अपना असर नवंबर से दिखाना शुरू कर देता है। ऐसे समय में यहां के लोगों को पब्लिक हेल्थ इंजीनयरिंग की वाटर सप्लाई पर निर्भर रहना पड़ता है।

मानसून के महीनें यानी जुलाई से सितंबर को छोड़कर आप यहां किसी की समय आ सकते हैं। आर.के नारायण की टीवी सीरीज 'मालगुडी डेज़' का काल्पनिक गांव यहीं अगुम्बे में स्थापित किया गया था। पुस्तक के आधारित 'मालगुडी डेज़' में स्वामी का घर आज भी यहां डोडडमेन के नाम से जाना जाता है। अगुम्बे में घूमने के लिहाज से कई सारी जगहें मौजूद हैं लेकिन इस लेख में खास आपके लिए चुनिंदा स्थानों को शामिल किया गया है, जहां आप जाकर भरपूर मस्ती कर सकते हैं।

# सूर्यास्त प्वाइंट

अगुम्बे स्थित सूर्यास्त प्वाइंट काफी खास गंतव्य माना जाता है। यह प्वाइंट सिर्फ अगुम्बे का ही नहीं बल्कि इसकी गिनती पूरी दुनिया के खास सूर्यास्त प्वाइंट में होती है। अगर बेस्ट सनसेट व्यू प्वाइंट को शामिल किया जाए तो उसमें अगुम्बे का नाम उल्लेख जरूर किया जाएगा। पश्चिमी घाटों की उच्चतम चोटियों में से एक पर बसा यह स्थान अरब सागर में सूर्यास्त के अद्भत दृश्यों को देखने का मौका देता है। सूर्य का रंग में घुलकर सागर अद्भुत सौंदर्यता का लिबास ओढ लेता है। निश्चित तौर पर इन दृश्यों को देखना एक शानदार अनुभव होगा। ये प्वाइंट अगुम्बे गांव से 10 मिनट के पैदल रस्ते पर है।

# जोगिगुंडी फॉल्स

भारत के अन्य छोटे जलप्रपातों की तुलना में जोगिगुंडी फॉल्स में सालभर पानी देखा जा सकता है। ज्यादातर जलप्रपातों की सैर मानसून के दिनों में की जाती है पर आप यहां किसी भी समय आ सकते हैं, यहां आपको पानी हर महीने भरा हुआ ही मिलेगा। क्योंकि यहां पूरे सालभर बारिश होती है। इस जलप्रपात को जोगी इसलिए कहा जाता है क्योकि यहां कभी किसी संत ने कई सालों तक ध्यान लगाया था। इस जलप्रपात की एक अद्वितीय विशेषता यह भी है कि यहां का पानी गुफा से निकलता है इसलिए इसे गुफा झरना भी कहा जाता है। यहां पानी बड़े ही आराम से नीचे की ओर गिरता है जो नीचे एक तालाब बनाता है। सैलानियों का यहां आकर नहाना बेहद पंसद है। अगर आप चाहें तो इस तालाब में स्नान कर सकते हैं। जलप्रपात के आसपास का नजारा बेहद खूबसूरत है।

cherrapunji,holidays,places to visit in cherrapunji,travel ,चेरापूंजी,सूर्यास्त प्वाइंट,जोगिगुंडी फॉल्स,अगुम्बे रेनफोरेस्ट रिसर्च स्टेशन,कूडलू थेरथा फॉल्स,ओनके अब्बी जलप्रपात

# अगुम्बे रेनफोरेस्ट रिसर्च स्टेशन

चेरापूंजी में अगुम्बे रेनफोरेस्ट रिसर्च स्टेशन भी घूमने लायक स्थान है। समुद्र तल से यह स्थान 560 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो मुख्यत : दक्षिणी वर्षावनों को संरक्षित करने के लिए स्थापित किया गया है। अगुम्बे रिसर्च स्टेशन वर्षावन के अंदर स्थित, यह भारत के प्रसिद्ध शोध संस्थानों में गिना जाता है। यहां के वर्षावन असंख्य जीव जन्तुओं को सुरक्षित आश्रय देने का काम करते हैं। ये वर्षावन किंग कोबरा के लिए भी काभी प्रसिद्ध है। पिछले कुछ सालों में इस रिसर्च स्टेशन ने 100 से ज्यादा किंग कोबरा को बचाया है। मालनाद-कोडागु क्षेत्र में स्थित अगुम्बे रेनफोरेस्ट रिसर्च स्टेशन कई अभयारण्य को अपने अंदर समाए हुए है, जिनमें शरवती, मुकाम्बिका, सोमेश्वर और भाद्र वन्यजीव अभ्यारण्य खास हैं।

# कूडलू थेरथा फॉल्स

शांति प्रिय लोगों के लिए यह स्थान उपयुक्त है। 300 फीट की ऊंचाई पर कुडलू थेरथा फॉल्स कर्नाटक के शानदार जलप्रपातों में गिना जाता है। जहां नीचे इसका पानी गिरता है वहां एक तालाब का निर्माण हो गया है। लोगों का मानना है कि इस तलाब का इस्तेमाल ऋषियों द्वारा ध्यान और तपस्या के लिए किया जाता था। यहां केवल जलप्रपात की ही सुंदरता शेष नहीं है बल्कि यहां का आसपास का इलाके भी काफी शांति और खूबसरती से भरा है। कर्नाटक आए पर्यटकों को यह स्थान काफी ज्यादा पसंद आता है। इस जलप्रपात को सीता फॉल्स भी कहा जाता है, क्योंकि इसके जल का श्रोत यहां की सीता नदी है। यहां नहाने की इजाजत है लेकिन आप उस स्थान पर स्थान न करें जहां सीधे पानी ऊपर से नीचे गिरता है, ऐसा करने से सर में भारी चोट लग सकती है।

# ओनके अब्बी जलप्रपात

कूडलू थेरथा फॉल्स के अलावा यहा पर एक और जलप्रपात है उसका नाम है ओनके अब्बी जलप्रपात। प्रकृति के बीच बसा यह जलप्रपात काफी खास माना जाता है। यहां के आसपास का दृश्य देखने लायक हैं। अगुम्बे सनसेट प्वाइंट से यहां तक पहुंचने के लिए करीब 4 किमी तक ट्रेक करना पड़ता है। जैसे-जैस आप इसके नजदीक पहुंचेंगे जलप्रपात की आवाज आसानी से सुन पाएंगे, जो सैलानियों का काफी ज्यादा रोमांचित करती है। ओनके अब्बी फॉल्स एक शानदार जगह है जहां आप अपने दोस्तों के साथ एक एडवेंचर ट्रिप का प्लान बना सकते हैं।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com