अजमेर: वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के अंतर्गत राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को पवित्र नगरी पुष्कर में जगतपिता ब्रह्मा मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली, उत्तम वर्षा और समृद्धि की कामना की। उन्होंने पवित्र सरोवर का दुग्ध व जलाभिषेक किया, जो जनमानस को जल संरक्षण का गहन संदेश देने वाला एक प्रतीकात्मक प्रयास था। तत्पश्चात मुख्यमंत्री ने पुष्कर मेला ग्राउंड में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए पानी की अहमियत और संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया।
सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा, "जल ही जीवन है, इसका कोई विकल्प नहीं हो सकता। वर्तमान पीढ़ी के साथ-साथ अगली पीढ़ियों को भी जल संकट से बचाने के लिए हमारा सामूहिक दायित्व है कि जल को संरक्षित करें और अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें।"
उन्होंने बताया कि बीते 1.5 वर्षों में राज्य सरकार ने जल संकट को दूर करने के लिए अनेक योजनाएं शुरू की हैं। ईआरसीपी (Eastern Rajasthan Canal Project) जैसी बड़ी परियोजनाओं पर कार्य प्रारंभ हुआ है, जिससे आगामी समय में प्रदेशवासियों को पेयजल की समस्याओं से राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, "भूजल स्तर की वर्तमान स्थिति चिंताजनक है—अगर हम डेढ़ बोतल पानी निकालते हैं, तो केवल एक बोतल ही भूमि में पुनः समाहित होती है। ऐसे में वर्षा जल का संग्रहण, बावड़ी, तालाब, कुएं और नदियों के माध्यम से, अत्यंत जरूरी हो गया है।"
जनसभा में उन्होंने बताया कि पुष्कर के पवित्र जल का प्रवाह भाकर होकर लूनी नदी से होता हुआ अरब सागर तक पहुंचता है, जबकि बनास नदी का जल चंबल होते हुए गंगा सागर में मिल जाता है। इस प्रकार, राजस्थान की जलधाराएं भी राष्ट्रीय जलधारा प्रणाली का अभिन्न हिस्सा हैं। मुख्यमंत्री ने पेड़ों के महत्व पर बल देते हुए कहा कि "हमारे पूर्वज वृक्षारोपण करते थे, अब हमें भी नई पीढ़ी के लिए पर्यावरण संरक्षण का व्रत लेना चाहिए।"
उन्होंने एक प्रेरणादायक उदाहरण देते हुए कहा, "2003 में नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नर्मदा परियोजना के माध्यम से बाड़मेर जैसे जल संकटग्रस्त क्षेत्र में पानी पहुंचाया। यह उनके दूरदर्शी और समावेशी नेतृत्व का प्रमाण है।"
तीर्थ नगरी पुष्कर में ब्रह्मा कॉरिडोर और सुविधाओं का विकास
सीएम शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर ब्रह्मा कॉरिडोर के निर्माण का कार्य भी शुरू कर दिया है। इससे तीर्थ यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और पुष्कर में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि जयपुर के गलताजी और पुष्कर को तीर्थ विकास के दो प्रमुख केंद्रों के रूप में विकसित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री का स्वागत और धार्मिक यात्रा
दोपहर 1:15 बजे मुख्यमंत्री शर्मा हेलीकॉप्टर से जाट विश्रामस्थली के पास हेलीपैड पर उतरे, जहां विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, जलदाय मंत्री सुरेश सिंह रावत और भाजपा नेताओं ने उनका सांस्कृतिक स्वागत किया। वहां से उन्होंने सीधे ब्रह्मा मंदिर जाकर दर्शन किए और पूजा अर्चना की। बाद में एंट्री प्लाजा पर जाकर वृक्षारोपण भी किया।
जल परियोजनाओं का उद्घाटन और लोकार्पण
मुख्यमंत्री ने बंदिया और मोहनी गांव के काजवे व फीडर मरम्मत कार्य, फूल सागर वीर जलाशय के जीर्णोद्धार कार्य का शिलान्यास किया। इसके अलावा, जल स्वावलंबन अभियान 2.0 के प्रथम चरण के तहत 533 जलग्रहण संरचनाओं (1350.99 लाख रुपए) का लोकार्पण और द्वितीय चरण के तहत 175 संरचनाओं (961.15 लाख रुपए) का शुभारंभ भी किया गया।
ब्रह्मा घाट पर तीर्थ पुरोहितों का ज्ञापन
पुष्कर तीर्थ पुरोहित संघ ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने सीएम को 5 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा, जिसमें फीडर की सफाई, कैचमेंट क्षेत्र की होटल गंदगी पर नियंत्रण, घाटों पर शेड, महिलाओं के लिए कपड़े बदलने की व्यवस्था, और जल में ऑक्सीजन की पूर्ति जैसी ज़रूरी माँगें रखीं। सरोवर में गर्मी के मौसम में मछलियों की मौत को रोकने के लिए बीसलपुर पाइपलाइन से जल आपूर्ति की भी मांग की गई।