शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाता है ये फल, जानिए
By: Kratika Mon, 25 Sept 2017 12:17:04
चेरी का वैज्ञानिक नाम प्रूनस एवियम (Prunus Avium) है, यह सबसे रोमांटिक फलों में से एक है। प्रकृति के इस अनुपम फल में केवल खूबसूरती ही नहीं, फायदे भी है। चेरी लाल, काले और पीले रंग की होती है। चेरी का सेवन दुनिया भर में किया जाता है। यह विटामिन A, B, C & E और मिनरल्स से भरपूर होती हैं। यह वजन कम करने के साथ साथ बहुत सी बीमारियों में भी मददगार है। इसे खाने से न केवल दिल के रोगी होने पर अंकुश लगता है, बल्कि कैंसर के खतरे भी कम होते है। इसके ओर भी कई गुण हैं, आइये जानते हैं उन गुणों के बारे में।
# चेरी में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट एक शक्तिशाली भूमिका निभाते हैं। वे मुक्त कणों द्वारा किए गए सभी नुकसानों के प्रति आंखों की रक्षा करते हैं और एजिंग जैसे दृष्टि हानि, धब्बेदार अध: पतन और आँखों के सूखेपन के साथ-साथ सूजन को कम करते हैं और आंखों के उचित दबाव को बनाए रखने में मदद करते हैं। वे आम संक्रमण से आँखों की रक्षा भी करते हैं।
# चेरी में मेलाटोनिन नामक तत्व भरपूर मात्रा में होता है। यह तत्व हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
# चेरी ह्रदय रोग से पीड़ित रोगी के लिए बहुत ही लाभदायक होता हैं। क्योंकि इसमें पोटैशियम, लोहा, जस्ता, मैगनीज जैसे खनिज लवण पाए जाते हैं। इसके साथ ही इसमें क्युसेर्टिन, और बीटा कैरोटिन जैसे तत्व भी पाए जाते हैं। ये तत्व ह्रदय रोग को रोकने में अधिक सक्षम होते हैं।
# मस्तिष्क की दक्षता में सुधार और इसे सक्रिय रखने के लिए फ्लेवोनोइड और कैरोटीनोइड बहुत प्रभावी होते हैं। जो लोग अपने बुढ़ापे में एक सुस्त मस्तिष्क और कम स्मृति क्षमता को बनाए रखना चाहते हैं, वे चेरी खाना शुरू कर दें। इनके सेवन से आप नब्बे की उम्र में भी जल्दी और मानसिक रूप से चतुर बन सकते हैं।
# चेरी में पोटैशियम की मात्रा अधिक होती हैं। जिससे हमारे शरीर में स्थित सोडियम की मात्रा कम हो जाती हैं और शरीर का रक्तचाप का स्तर सामान्य रहता हैं। यदि चेरी का नियमित रूप से सेवन किया जाए तो इससे रक्तचाप तो नियंत्रित रहता ही हैं इसके साथ ही हमारे शरीर का कोलेस्ट्रोल का स्तर भी ठीक रहता हैं।
# चेरी में मौजूद फाइबर कब्ज को राहत देने में मदद करते हैं और इनमें मौजूद एसिड पाचन में सहायता करता है। चेरी में पाएँ जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट पाचन तंत्र को क्रम में रखते हैं। फ्लेवोनोइड पाचन के रस और पित्त को उत्तेजित करते हैं जबकि विटामिन्स पोषक तत्वों के उचित अवशोषण में मदद करते हैं।