थाईलैंड के प्रसिद्ध सिंगर रुआंगसक लॉयचुस्क ने विमान हादसे से जुड़ा एक चौंकाने वाला और बेहद भावुक किस्सा शेयर किया है। उन्होंने बताया कि साल 1998 में हुए एक बेहद घातक प्लेन एक्सीडेंट में वह चमत्कारिक रूप से जीवित बच गए थे, जिसमें कुल 101 लोगों की दर्दनाक मौत हुई थी। सबसे हैरान कर देने वाली बात यह थी कि उस समय वह सीट नंबर 11A पर बैठे थे—और यह वही सीट नंबर है जो हाल ही में हुए एयर इंडिया हादसे के इकलौते बचे व्यक्ति विश्वास कुमार की थी।
लॉयचुस्क ने सोशल मीडिया पर कहा, “भारत में हुए हालिया विमान हादसे में जो एकमात्र व्यक्ति जीवित बचा, वह मेरी ही पुरानी सीट नंबर 11A पर बैठा था। यह इत्तेफाक नहीं, एक गहरा संकेत लगता है।” उन्होंने कहा कि वह इस त्रासदी में अपने प्रियजनों को खोने वाले सभी लोगों के प्रति गहरी संवेदना और शोक प्रकट करते हैं।
गौरतलब है कि लॉयचुस्क थाई एयरवेज की फ्लाइट TG261 में सवार थे, जो बैंकॉक से सूरत थानी एयरपोर्ट जा रही थी। लैंडिंग के दौरान विमान अनियंत्रित होकर एक दलदली इलाके में जा गिरा था। इस हादसे में कुल 132 यात्री और 14 चालक दल के सदस्य सवार थे, जिनमें से 101 लोगों की मौके पर ही मृत्यु हो गई और 45 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए थे। लॉयचुस्क इस भयावह हादसे को अपने जीवन का दूसरा जन्म मानते हैं।
उन्होंने हादसे के बाद की मानसिक स्थिति को याद करते हुए कहा, “इस घटना ने मुझे भीतर तक झकझोर दिया था। अगले दस साल तक मुझे फ्लाइट में बैठने से डर लगता था। यहां तक कि सामान्य हवा में भी सांस लेने में दिक्कत होती थी। मैं लगभग घुटन महसूस करता था।”
थाई गायक ने आगे कहा, “मैं किसी से बात नहीं करता था और हमेशा खिड़की के बाहर डर से ताकता रहता था। अगर काले बादल या तेज बारिश दिखती, तो लगता था कि जैसे मौत मेरे सामने है।”
उल्लेखनीय है कि भारत की एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 के एकमात्र बचे व्यक्ति, विश्वास कुमार, भी सीट नंबर 11A पर बैठे थे। हादसे में 242 यात्रियों में से सिर्फ वही जीवित बचे। दुर्भाग्यवश, उनके भाई अजय कुमार, जो सीट 11J पर बैठे थे, इस हादसे में अपनी जान गंवा बैठे। विश्वास ब्रिटिश नागरिक हैं लेकिन भारतीय मूल के हैं। उनके भाई अजय मूल रूप से दीव से ताल्लुक रखते थे। दोनों भाई बीते 15 वर्षों से यूके में एक साथ रह रहे थे और भारत दौरे पर आए हुए थे।
यह सीट नंबर 11A अब रहस्य और चमत्कार का प्रतीक बन गया है – क्या ये केवल संयोग है या कुछ गहरा संकेत?