राई दिखने में जितनी छोटी है उतनी ही गुणकारी है, जाने इसकें फायदें

By: Kratika Sat, 11 Nov 2017 2:16:53

राई दिखने में जितनी छोटी है उतनी ही गुणकारी है, जाने इसकें फायदें

लोग अकसर राई का इस्तेमाल अचार बनाने या फिर सब्जी में तड़का लगाने के लिए करते हैं, क्या आप जानते हैं कि यह आपकी सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है। बता दें कि राई दिखने में जितनी छोटी है उतने ही बड़े-बड़े फायदों से भरपूर है। यह आपके कई हेल्थ प्रॉब्लम की दवा है। राई आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है। इसमें पोषक तत्व जैसे खनिज, विटामिन और कार्बनिक यौगिक पाए जाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख घटक मैंगनीज, तांबा, मैग्नीशियम, फास्फोरस, विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स, डाइटरी फाइबर और फिनालिक एंटीऑक्सीडेंट यौगिक हैं। आज हम आपको बताएँगे कि कैसे राई है बहुत खास और क्या-क्या हैं इसके फायदे।

# हृदय की शिथिलता : घबराहत, व्याकुल हृदय में कम्पन अथवा बेदना की स्थिति में हाथ व पैरों पर राई को मलें। ऐसा करने से रक्त परिभ्रमण की गति तीव्र हो जायेगी हृदय की गति मे उत्तेजना आ जायेगी और मानसिक उत्साह भी बढ़ेगा।

benefits of rai,black mustard seeds,health benefits,healthy living

# मसूड़ों की तकलीफ में : 4 ग्राम राई पीसकर एक लीटर पानी में डालकर काढ़ा बनाकर थोड़ा सेंधा नमक मिलाकर सहने योग्य गरम पानी से कुल्ला करने से लाभ होता है।

# जीब पर जमी परत करें साफ़
: अकसर जब हम बीमार होते हैं तब आपके जीभ पर सफेद परत जम जाती है और भूख व प्यास धीरे-धीरे कम होने लगती है। इस तरह का बुखार होने पर सुबह-सुबह आप 4-5 ग्राम राई के चूर्ण को शहद के साथ लें। ऐसा करने से आपकी तबीयत ठीक हो जाएगी और जीभ पर जमी परत भी साफ होती चली जाएगी।

# वजन घटने में : राई वजन घटाने के लिए गेहूं या जौ से बेहतर अनाज माना जाता है। राई में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसमें कैलोरी कम होती है जिससे आपको वजन नियंत्रित करने में मदद मिलती है। जब आप डाइट पर होते हैं तो आपको अक्सर भूख लगती है। इसलिए अनिवार्य रूप से इसका सेवन करने से इसमें मौजूद फाइबर आपके भूख लगने की प्रक्रिया को धीमा करता है और आप अधिक खाने से बच जाते हैं, जिससे आप अपने वजन को नियंत्रित रख सकते हैं।

# बवासीर अर्श : अर्श रोग में कफ प्रधान मस्से हों अर्थात खुजली चलती हो देखने में मोटे हो और स्पर्श करने पर दुख न होकर अच्छा प्रतीत होता हो तो ऐसे मस्सो पर राई का तेल लगाते रहने से मस्से मुरझाने ल्रगते है।

# पेट में छोटे कृमि होने पर :
1 ग्राम राई पीसकर 50 ग्राम गोमूत्र के साथ निराहार प्रात:काल नित्य पीने से कुछ दिनों में कृमि नष्ट हो कर बाहर निकल जाते हैं।

# कुष्ठ रोग में : राई उन लोगों के लिए भी बहुत फायदेमंद है जिन्हें कुष्ठ रोग की बीमारी होती है। ऐसे में आप पिसा हुआ राई का आटा 8 गुना गाय के पुराने घी में मिलाकर प्रभावित स्थान पर कुछ दिनों तक लेप करने से रोग ठीक होने लगता है।

# मधुमेह रोग में
: जब रक्त शर्करा की बात आती है मधुमेह रोगी सोचते हैं क्या खाएं जिससे उनका मधुमेह नियंत्रित रहे। गेहूं वास्तव में शरीर में इंसुलिन के स्तर में बढ़ोतरी का कारण होता है क्योंकि यह छोटे अणुओं से बना है जो जल्दी और आसानी से सरल चीनी में टूट जाते हैं, जिससे इंसुलिन में वृद्धि हो सकती है। राई बड़े अणुओं से बना है जो जल्दी से नहीं टूटते और इसलिए रक्त शर्करा पर कोई असर नहीं पड़ता है।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com