गाय के गोबर का धार्मिक महत्व
By: Sandeep Gupta Fri, 15 Sept 2017 12:31:49
हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार गाय में 33 कोटि देवी देवताओं का वास होता है। इसलिए गाय को पवित्र पशु माना गया है, इसलिए ही गाय के गोबर को सर्वाधिक पवित्र माना जाता है। दरअसल, शास्त्रों के अनुसार गाय के मुख वाले भाग को अशुद्ध और पीछे वाले भाग को शुद्ध माना जाता है। साथ ही, गोबर में लक्ष्मी का निवास माना गया है। इसलिए जब भी कोई पूजन या हवन जैसा कोई धार्मिक कार्य किया जाता है तो उस जगह को गाय के गोबर से लिपा जाता है। ऐसे ही गाय के गोबर के कई महत्व है, आइये जानते हैं उनके बारे में।
# गाय के गोबर में हैजे के कीटाणुओ को खत्म करने की ताकत है, क्षय रोगियों को गाय के बाड़े में रखने से गोबर-गौ मूत्र का गंध से क्षय रोग के कीटाणु मर जाते है।
# किसी भी धार्मिक कार्यों में गाय के गोबर से स्थान को पवित्र किया जाता है। गाय के गोबर से बने उपले से हवन कुण्ड की अग्नि जलाई जाती है।
# मरें पशु के एक सींग में गोबर भरकर भूमि में दबाने से कुछ समय बाद समाधि खाद मिलता है जो कई एकड़ भूमि के लिए उपयोगी होता है।
# प्राचीन काल में मिट्टी और गाय का गोबर शरीर पर मलकर साधु संत स्नान भी किया करते थे। इसके पीछे धार्मिक कारण यह है कि गाय के गोबर में लक्ष्मी का वास माना जाता है।
# गोबर का खाद धरती का कुदरती आहार है, उससे भूमि का उपजाऊपन बढता है।
# गाय के गोबर में 16 प्रकार के उपयोगी खनिज पाए जाते है।