दुनियाभर में एप्पल के लिए निर्माण करने वाली प्रमुख ताइवानी कंपनी फॉक्सकॉन अब उत्तर भारत में अपने पैर जमाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। कंपनी ने ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे के पास करीब 300 एकड़ भूमि की संभावनाएं टटोलनी शुरू कर दी हैं, जिससे इस क्षेत्र में एक नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की नींव रखी जा सकती है।
यह प्रस्तावित परियोजना, फॉक्सकॉन की बेंगलुरु में बन रही यूनिट से भी बड़ी हो सकती है, और यह उत्तर भारत में कंपनी की पहली बड़ी मौजूदगी के तौर पर देखी जा रही है। फिलहाल सरकार के साथ शुरुआती बातचीत चल रही है और यहां बनने वाले उत्पादों को लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है।
भारत में निर्माण को लेकर फॉक्सकॉन की नई सोच
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में अपना विस्तार करना फॉक्सकॉन के लिए रणनीतिक रूप से फायदेमंद है। वैश्विक स्तर पर अस्थिर होते सप्लाई चेन माहौल में भारत कंपनी को एक स्थिर विकल्प प्रदान करता है। इसके साथ ही, इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण सेवाओं (EMS) के क्षेत्र में नए मौके भी कंपनी को आकर्षित कर रहे हैं। ग्रेटर नोएडा अब चेन्नई की तरह एक सशक्त इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के रूप में उभर रहा है, जहां बेहतर बुनियादी ढांचा और सप्लाई चेन सहयोगी तेजी से विकसित हो रहे हैं।
यमुना एक्सप्रेसवे पर रणनीतिक लोकेशन
जिस जमीन की बात चल रही है, वह यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के अंतर्गत आती है। खास बात यह है कि इसी इलाके में फॉक्सकॉन और HCL की साझेदारी में सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्टिंग यूनिट (OSAT) के लिए 50 एकड़ जमीन पहले ही आवंटित हो चुकी है। यह नया प्रस्तावित प्रोजेक्ट उसी क्षेत्र के करीब हो सकता है।
इसके अलावा, यह स्थान जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट और NCR के प्रमुख एक्सप्रेसवे नेटवर्क के पास स्थित है, जो इसे लॉजिस्टिक और ट्रांसपोर्टेशन के लिहाज से बेहद उपयोगी बनाता है।
फॉक्सकॉन की भारत में वर्तमान स्थिति
भारत में अपनी मौजूदगी को और मजबूत बनाने के इस प्रयास के तहत, फॉक्सकॉन पहले से ही तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना में संचालन कर रही है। हालांकि हाल ही में कंपनी ने श्री सिटी, आंध्र प्रदेश में अपनी यूनिट को बंद किया है, जिससे संकेत मिलता है कि वह अब अन्य रणनीतिक लोकेशनों की तरफ बढ़ना चाहती है।
यह पूरा घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर नए टैरिफ और शुल्क लगाए जा रहे हैं। अमेरिका ने जहां चीन से आयात पर 145% तक का टैक्स लगा दिया है, वहीं भारत को भी 26% टैरिफ का सामना करना पड़ रहा है। इस स्थिति में फॉक्सकॉन का भारत में निर्माण को बढ़ावा देना, लंबी दूरी की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।