पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले से शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है, जिसने कई परिवारों को मातम में डुबो दिया। एक बोलेरो गाड़ी में सवार लोग शादी समारोह से लौट रहे थे, तभी राष्ट्रीय राजमार्ग 18 पर बलरामपुर के नामशोल गांव के पास उनकी गाड़ी को एक तेज रफ्तार ट्रेलर ने जोरदार टक्कर मार दी। इस भीषण टक्कर में बोलेरो में सवार सभी 9 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों की पहचान झारखंड के निमडीह निवासी बारातियों के रूप में हुई है। इस हादसे ने न सिर्फ स्थानीय लोगों को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि राज्य की सड़कों की बदहाल व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कैसे हुआ हादसा?
हादसा शुक्रवार सुबह करीब 7 बजे हुआ। बोलेरो सवार बाराती पुरुलिया से बलरामपुर की ओर लौट रहे थे। जैसे ही गाड़ी नामशोल गांव के पास पहुंची, जमशेदपुर की ओर से आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रेलर ने सामने से बोलेरो को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बोलेरो पूरी तरह चकनाचूर हो गई और ट्रेलर भी सड़क किनारे पलट गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, टक्कर के बाद चीख-पुकार मच गई और कुछ ही पलों में घटनास्थल मौत का मंजर बन गया।
पुलिस और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
हादसे की खबर मिलते ही बलरामपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। बोलेरो में सवार सभी 9 लोगों को तुरंत ब्लॉक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को हटाकर यातायात बहाल किया। हादसे के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग 18 पर करीब दो घंटे तक यातायात बाधित रहा।
झारखंड के थे सभी मृतक
पुलिस के अनुसार, बोलेरो सवार सभी लोग झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के निमडीह थाना क्षेत्र के रहने वाले थे। वे पुरुलिया में एक रिश्तेदार की शादी में शामिल होकर वापस लौट रहे थे। शादी की खुशी मातम में बदल गई और मृतकों के घरों में कोहराम मच गया।
सुवेंदु अधिकारी ने जताया शोक, उठाए गंभीर सवाल
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर लिखा, “सुबह पुरुलिया के बलरामपुर में एक दुखद सड़क दुर्घटना में 9 लोगों की जान चली गई। ये घटना राष्ट्रीय राजमार्ग 18 पर नामशोल गांव में हुई। एक ट्रेलर ने बोलेरो को टक्कर मार दी और दोनों वाहन पलट गए।”
सुवेंदु अधिकारी ने इस हादसे के साथ-साथ एक दिन पहले हावड़ा के बगनान में हुई दूसरी सड़क दुर्घटना का भी जिक्र किया, जिसमें एक बस और ट्रक की टक्कर में तीन लोगों की मौत और 26 से अधिक लोग घायल हुए थे।
सरकार पर निशाना, ट्रैफिक व्यवस्था को बताया नाकाम
सुवेंदु अधिकारी ने लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं को राज्य की ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था की विफलता बताया। उन्होंने लिखा, “पश्चिम बंगाल में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या ट्रैफिक प्रबंधन और सुरक्षा नियमों के क्रियान्वयन में एक सिस्टम स्तर की विफलता को दर्शाती है।”
उन्होंने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पुलिस की लापरवाही, अपर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर और कमजोर कानून प्रवर्तन राज्य की सड़क सुरक्षा को बेहद कमजोर बना रहे हैं।
जरूरत है त्वरित और ठोस उपायों की
एक ही सप्ताह में दो बड़ी सड़क दुर्घटनाओं में एक दर्जन से अधिक जानें चली गईं। यह स्थिति बताती है कि पश्चिम बंगाल में सड़क सुरक्षा को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। तेज रफ्तार ट्रकों की निगरानी, हाइवे पर सीसीटीवी व्यवस्था, पर्याप्त संकेतक और पुलिस की सक्रियता—ये सभी सुधार अब प्राथमिकता में होने चाहिए। वरना हर दिन कोई न कोई परिवार अपने अपनों को ऐसे ही खोता रहेगा।
पुरुलिया की यह दुर्घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि एक चेतावनी है। राज्य सरकार को अब यह समझना होगा कि सड़क सुरक्षा कोई तकनीकी मुद्दा नहीं, बल्कि मानवीय सरोकार है। 9 जिंदगियों की कीमत चुकाकर हमें इस सच का एहसास नहीं कराना चाहिए था। अब समय है कि बातों से आगे बढ़कर वास्तविक और ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि पश्चिम बंगाल की सड़कें शोक की वजह नहीं, सुरक्षा का प्रतीक बनें।