सशक्त कानून व्यवस्था वो है जहां कमजोर से कमजोर व्यक्ति को न्याय मिल सके।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) December 10, 2021
यह नहीं कि न्याय मांगने वालों को न्याय के स्थान पर इस बर्बरता का सामना करना पड़े,यह बहुत कष्टदायक है।भयभीत समाज कानून के राज का उदाहरण नहीं है।
सशक्त कानून व्यवस्था वो है जहां कानून का भय हो,पुलिस का नहीं। pic.twitter.com/xoseGpWzZH
उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक पुलिसवाला गोद में बच्चे को लिए हुए व्यक्ति पर बुरी तरह से लाठी बरसा रहा है। एक मिनट से कम के इस वीडियो में व्यक्ति गिड़गिड़ाते हुए कहा रहा है कि बच्चे को लग जाएगी साहब, बच्चे को... इस वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर यूपी पुलिस का काफी विरोध हो रहा है।
बताया जा रहा है कि लाठी बरसाने वाले एसएचओ को सस्पेंड कर दिया गया है। हालांकि पुलिस ने अपनी सफाई में कहा है कि जिस शख्स को मारा जा रहा था वो और उनका भाई अस्पताल में अराजकता फैला रहा था।
वहीं इस मामले को बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भी उठाया है। वरुण ने ट्वीट कर कहा है कि सशक्त कानून व्यवस्था वो है जहां कमजोर से कमजोर व्यक्ति को न्याय मिल सके। यह नहीं कि न्याय मांगने वालों को न्याय के स्थान पर इस बर्बरता का सामना करना पड़े, यह बहुत कष्टदायक है। भयभीत समाज कानून के राज का उदाहरण नहीं है। सशक्त कानून व्यवस्था वो है जहां कानून का भय हो,पुलिस का नहीं।
दरअसल, गुरुवार को कानपुर देहात के थाना अकबरपुर क्षेत्र में स्थित जिला अस्पताल में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी रजनीश शुक्ला के नेतृत्व में 100-150 लोग अव्यवस्थाओं को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने अस्पताल की ओपीडी को भी बंद कर दिया था। धरना-प्रदर्शन की जानकारी मिलने पर मौके पर पुलिस पहुंची।
इसी दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच कहासुनी हो गई। इसके बाद थाने से अतिरिक्त पुलिसबल पहुंचा। इसी बीच प्रदर्शनकारी उग्र हो गए, जिसके बाद पुलिस ने लाठियां बरसाना शुरू किया।
इस प्रकरण पर पुलिस का कहना है कि रजनीश शुक्ला के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी अस्पताल में कर्मचारियों और मरीजों को परेशान कर रहे थे। सूचना पर पुलिस पहुंची और उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। ऐसे में उनको हटाना प्रशासन और पुलिस की जिम्मेदारी थी। पुलिस के मुताबिक पहले बातचीत के जरिए प्रदर्शकारियों को हटने के लिए कहा गया था लेकिन जब बात नहीं बनी तब लाठीचार्ज कर दिया गया। इस दौरान पुलिस ने जिला अस्पताल के कर्मचारी नेता रजनीश शुक्ला को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा और पुलिस वैन में लेकर चले गए।