ग्रेटर नगर निगम के मानसरोवर जोन में रहने वाले लोगों को शनिवार से डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण शुल्क देना होगा। एक नई ठेका फर्म कचरा संग्रहण का कार्य शुरू करेगी और प्रत्येक घर व दुकान के बाहर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) कार्ड भी लगाएगी।
मानसरोवर जोन में कुल 21 वार्ड हैं, जिनमें 73,807 आवासीय और व्यावसायिक इकाइयाँ शामिल हैं। इनमें 70,293 घर और 3,515 व्यावसायिक भवन शामिल हैं। ग्रेटर नगर निगम के सातों जोनों में मानसरोवर जोन में सबसे अधिक कचरा संग्रहण संबंधी शिकायतें मिलती हैं, जहाँ प्रतिदिन 350 से 550 शिकायतें दर्ज की जाती हैं, जबकि मुरलीपुरा में मात्र 8 और मालवीय नगर जोन में 9 शिकायतें आती हैं।
ठेकेदार फर्म को 569.6 किलोमीटर क्षेत्र में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिए कम से कम 67 हूपर (वाहन) तैनात करने होंगे, और आवश्यकता पड़ने पर इनकी संख्या बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा, सभी 21 वार्डों में रोड स्वीपिंग वेस्ट उठाने और कचरा ट्रांसफर स्टेशन तक पहुंचाने के लिए 21 हूपर तैनात किए जाएंगे। ये सभी वाहन सीएनजी से चलने वाले होंगे। अब तक 26 हूपर उपलब्ध हो चुके हैं, जो शनिवार से घर-घर कचरा संग्रहण का कार्य शुरू करेंगे।
ग्रेटर नगर निगम प्रति कार्ड 94.30 रुपये के हिसाब से रवि ट्रेवल्स कंपनी को हर महीने 69 लाख रुपये का भुगतान करेगा। यह भुगतान 73,807 आवासीय और व्यावसायिक इकाइयों पर RFID कार्ड लगाने और डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण की सेवा के बदले किया जाएगा। कंपनी को न केवल कचरा ट्रांसफर स्टेशन तक पहुंचाना होगा, बल्कि सभी वार्डों से रोड स्वीपिंग वेस्ट भी ले जाना होगा।
यदि कंपनी यूजर चार्ज का 50% संग्रहित करने में असफल रहती है, तो बिल में कटौती की जाएगी। उदाहरण के लिए, यदि फर्म 40% ही यूजर चार्ज वसूलती है, तो बिल से 10% की कटौती की जाएगी।
15 फरवरी से लागू होगी नई व्यवस्था
"15 फरवरी से घरों पर RFID कार्ड लगाना और कचरा संग्रहण का कार्य शुरू हो जाएगा। नई व्यवस्था के तहत मानसरोवर जोन में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिए सीएनजी से चलने वाले हूपर लगाए जाएंगे।" — अतुल शर्मा, अधीक्षण अभियंता गैराज, ग्रेटर नगर निगम