ईद से पहले आज का आखिरी जुमा है, और दुनियाभर से रमजान और इफ्तार की तस्वीरें सामने आ रही हैं। विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्ष इफ्तार आयोजनों में शामिल हो रहे हैं। इसी क्रम में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उपस्थिति में व्हाइट हाउस में भी कल इफ्तार का आयोजन किया गया।
यह आयोजन ऐसे समय में हुआ जब पश्चिम एशिया में खासतौर पर इजराइल और हमास के बीच जारी संघर्ष से फिलिस्तीनी आबादी को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही, अमेरिका द्वारा इजराइल को दिए जा रहे समर्थन से बड़ी संख्या में अरब मूल के मुसलमान नाराज हैं। इसके बावजूद, ट्रंप ने इफ्तार के अवसर पर मुस्लिम समुदाय का आभार व्यक्त किया और उनके बहुमूल्य समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
ट्रंप ने कहा कि उनका प्रशासन मुस्लिम समुदाय से किए गए अपने वादों को निभा रहा है और मध्य पूर्व में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए कूटनीतिक प्रयास जारी हैं। उन्होंने 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में उनका समर्थन करने वाले हजारों मुस्लिम-अमेरिकियों का विशेष रूप से आभार जताया।
व्हाइट हाउस के इस आयोजन में मुस्लिम समुदाय के नेता, राजनयिक और सरकारी अधिकारी शामिल हुए। अपने संबोधन में ट्रंप ने कहा, "नवंबर में मुस्लिम समुदाय हमारे साथ था – और जब तक मैं राष्ट्रपति हूं, मैं आपके साथ रहूंगा। हर दिन, हम मुस्लिम समुदाय से किए गए अपने वादों को पूरा कर रहे हैं। मेरा प्रशासन ऐतिहासिक अब्राहम समझौते को आधार बनाकर मध्य पूर्व में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए प्रयासरत है। हम केवल शांति चाहते हैं।"
इजराइल-हमास युद्ध और बढ़ती चिंताएं
अब्राहम समझौते के तहत इजराइल और कई अरब देशों के बीच रिश्तों को सामान्य बनाने के प्रयास किए गए थे। इसी बीच, व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा आयोजित इफ्तार रात्रिभोज की चर्चा हो रही है, जो ऐसे समय में हुआ है जब पश्चिम एशिया में इजराइल और हमास के बीच युद्ध जारी है।
गाजा में युद्धविराम की कोशिशें अमेरिका, कतर और मिस्र की मध्यस्थता के बावजूद असफल रही हैं। इजराइल 7 अक्टूबर 2023 को अपनी दक्षिणी सीमा पर हुए हमले के दौरान हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई के लिए दबाव बना रहा है, जिससे संघर्ष और गहरा गया है।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने 2018 में पहली बार मुस्लिमों के पवित्र महीने रमजान के अवसर पर इफ्तार का आयोजन किया था। अब, उनके हालिया इफ्तार आयोजन को भी व्यापक रूप से चर्चा मिल रही है, खासकर मौजूदा भू-राजनीतिक हालात के मद्देनजर।