राजस्थान विधानसभा में आज अलग-अलग मुद्दों को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है। आज विधानसभा में बहस के बाद विश्वविद्यालयों (यूनिवर्सिटीज) का विधियां संशोधन बिल पास होना है।
इस बिल में प्रदेश के सभी 32 सरकारी सहायता वाली विश्वविद्यालयों के कानून में बदलाव को मंजूरी दी जाएगी। इस बिल के प्रावधानों के अनुसार अब कुलपति का नाम कुलगुरु और प्रति कुलपति का नाम प्रति कुलगुरु होगा।
बिल के प्रावधानों के अनुसार केवल हिंदी में ही कुलपति और प्रतिकुलपति के नामों में बदलाव होंगे। सरकार के इस बिल के बाद प्रदेश के सभी सरकारी सहायता से चलने वाले 32 विश्वविद्यालयों में कुलपति का नाम कुलगुरु हो जाएंगे। वहीं, तीन विधायकों के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर मंत्री जवाब देंगे।
सरकार का संस्कृति से जुड़ने का तर्क
सरकार ने इस बिल लाने के पीछे उद्देश्य में यह तर्क दिया है कि हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति में विश्वविद्यालयों के कुलपति को कुलगुरु कहा जाता था। प्राचीन संस्कृति का हवाला देकर कुलपति के नाम में बदलाव के लिए बिल लाने का तर्क दिया गया है।
विपक्ष उठाएगा सवाल, गुणवत्ता सुधारने पर काम करने की सीख
विपक्षी कांग्रेस विधायक आज सदन में इस बिल पर बहस के दौरान सरकार पर हमलावर रहेंगे। नेता प्रतिपक्ष और दूसरे कांग्रेस विधायक शिक्षा की खराब गुणवत्ता को लेकर सरकार पर सवाल उठाएंगे। प्रदेश का एक भी विश्वविद्यालय वर्ल्ड रैंकिंग में नहीं होने और शिक्षा की क्वालिटी सुधारने का मुद्दा भी उठेगा।