वन स्टेट वन इलेक्शन की ओर बढ़ता राजस्थान, नवम्बर में एक साथ हो सकते हैं नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव

By: Rajesh Bhagtani Tue, 18 Feb 2025 6:16:02

वन स्टेट वन इलेक्शन की ओर बढ़ता राजस्थान, नवम्बर में एक साथ हो सकते हैं नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव

जयपुर। राज्य सरकार प्रदेश में वन स्टेट वन इलेक्शन कराने की प्लानिंग कर रही है। मंगलवार को यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने 'नवंबर 2025' में सभी नगरीय निकायों और पंचायतों में एक साथ चुनाव कराने की ओर इशारा किया है। साथ ही स्पष्ट किया कि राजस्थान नगर पालिका अधिनियम और पंचायतीराज अधिनियम के प्रावधानों का इस्तेमाल करते हुए ये संभव किया जाएगा।

देश में जहां एक ओर वन नेशन वन इलेक्शन की कवायद चल रही है, वहीं राजस्थान में इसी तर्ज पर वन स्टेट वन इलेक्शन कराने की तैयारी की जा रही है। इसे लेकर यूडीएच मंत्री खर्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी ये मानना है कि एक देश एक चुनाव होना चाहिए। बार-बार चुनाव होने से आचार संहिता लगती है। विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न होती है। लोगों की समस्याओं के समाधान में व्यवधान आता है।

ऐसे में राज्य सरकार भी उसी तर्ज पर ये विचार कर रही है कि एक राज्य एक चुनाव होना चाहिए, ताकि बार-बार लगने वाली आचार संहिता की समस्या से मुक्ति मिल सके। एक बार चुनाव होने के बाद निश्चित तौर पर राज्य सरकार राज्य के विकास के लिए लक्षित होकर काम कर सके। जब तक निकायों के सीमा विस्तार और वार्डों के पुनर्गठन का काम पूरा नहीं होगा, उस दौर में जिन-जिन नगर पालिकाओं का कार्यकाल समाप्त होगा, वहां प्रशासक लगाते चले जाएंगे।

उन्होंने कहा कि सीमा वृद्धि होने के बाद वार्डों का पुनर्गठन होगा। वार्डों के पुनर्गठन का काम पूरा होने के बाद में नए सिरे से मतदाता सूची बनेगी। इसके बाद आपत्तियों का समाधान करके चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

मंत्री खर्रा ने कहा कि अभी नवंबर 2025 में बहुत सारे नगरीय निकायों के कार्यकाल खत्म हो रहे हैं और उसके बाद जनवरी 2026 नगरीय निकायों का अंतिम कार्यकाल है। विधिक राय के आधार पर राजस्थान नगर पालिका और पंचायतीराज से संबंधित कानून में 6 महीने के ग्रेस पीरियड का प्रावधान है। फिलहाल मतदाता सूची बनते-बनते जुलाई-अगस्त आ जाएगा। उसके बाद जनवरी 2026 तक जिन नगरीय निकायों के कार्यकाल है, उनमें 5 महीने का ही समय बचेगा।

ऐसे में राजस्थान नगर पालिका अधिनियम और राजस्थान पंचायती राज अधिनियम में जो प्रावधान है, उसका इस्तेमाल करते हुए एक साथ चुनाव करा देंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि सैद्धांतिक रूप से विचार यही है कि नवंबर 2025 में सभी नगरीय निकायों में एक साथ चुनाव होंगे।

जनहित में नहीं था दो निगमों का फैसला

जयपुर, जोधपुर और कोटा में एक निगम किए जाने के सवाल पर मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि निर्णय दो तरह के होते हैं। एक जनहित में और दूसरा राजनीतिक और व्यक्तिगत। पिछली सरकार ने एक शहर में दो निकाय बनाने का काम किया था। वह राजनीतिक और व्यक्तिगत हित साधने के लिए लिया गया फैसला था।

भारतवर्ष में सबसे बड़ी नगर पालिका मुंबई है। वहां की जनसंख्या जयपुर से करीब आठ गुना है। जब वहां एक वृहद नगर पालिका अच्छे ढंग से काम कर रही है, तो अनावश्यक रूप से उससे छोटे शहरों में दो- दो निकाय की कहां आवश्यकता थी। ये फैसला राजनीतिक और व्यक्तिगत हित साधने के लिए लिया गया था। अब राजस्थान सरकार जनहित में इस फैसले को वापस बदलकर एक शहर एक निकाय करने जा रही है, ताकि लोगों को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं एक जगह उत्तरदायित्व के साथ मिल सके।

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