ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में उस समय सनसनी फैल गई जब राज्य सरकार में कार्यरत मुख्य अभियंता बैकुंठ नाथ सारंगी के घर और अन्य छह ठिकानों पर सतर्कता विभाग की छापेमारी हुई। यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति रखने के संदेह में की गई थी और शुरुआती जांच में पाया गया कि श्री सारंगी द्वारा घोषित संपत्तियों और उनकी वास्तविक आय के बीच भारी अंतर है।
जांच के दौरान अब तक की सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि अधिकारी जब उनके घर पहुंचे, तो सारंगी ने घबराकर अपने फ्लैट की खिड़की से नकदी के बंडल बाहर फेंकने शुरू कर दिए। इस दृश्य ने न केवल अधिकारियों को हैरान किया, बल्कि इलाके में मौजूद लोगों की नजर भी इस घटना पर टिक गई। जैसे ही नोटों के बंडल जमीन पर गिरे, उन्हें तुरंत समेटा गया और थैलों में भरकर जब्त कर लिया गया।
Today , on the allegation of possession of disp. assets by Sri Baikuntha Nath Sarangi, Chief Engineer, RW Division, Odisha, house searches are on by #Odisha #Vigilance at 7 locations. Approx Rs 2.1 Crore cash recovered so far from his house at Bhubaneswar (1 Cr) & Angul (1.1 Cr). pic.twitter.com/j0H344OiqA
— Odisha Vigilance (@OdishaVigilance) May 30, 2025
7 ठिकानों पर हुई छापेमारी से बरामद हुई संपत्ति:
सतर्कता विभाग द्वारा की गई छापेमारी ओडिशा के चार प्रमुख शहरों—भुवनेश्वर, कटक, पुरी और बालासोर—में की गई। यह छापे कुल सात स्थानों पर पड़े और अब तक जो संपत्तियां बरामद हुई हैं, वे इस प्रकार हैं:
₹2.1 करोड़ नकद
कीमती इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और शानदार फर्नीचर
सोने-चांदी के आभूषण
भूमि और फ्लैटों के रजिस्ट्री दस्तावेज
कई बैंक खाते और लॉकरों की जानकारी
इस पूरी कार्रवाई में सतर्कता विभाग की 7 टीमें जुटाई गई थीं, जिनमें 50 से अधिक अधिकारी शामिल थे। तलाशी अभियान में 26 पुलिसकर्मियों की टीम लगाई गई थी, जिसमें 8 डीएसपी, 12 इंस्पेक्टर, 6 एएसआई और अन्य कर्मचारी शामिल थे।
कानूनी प्रक्रिया और आगे की जांच:
फिलहाल, सतर्कता विभाग बरामद नकदी और अन्य संपत्तियों की वैधता की जांच कर रहा है। बैकुंठ नाथ सारंगी पर भ्रष्टाचार, आय से अधिक संपत्ति और सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग से संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्हें अभी हिरासत में नहीं लिया गया है, लेकिन पूछताछ के लिए समन जारी कर दिया गया है।
ओडिशा में भ्रष्टाचार पर फिर उठा सवाल:
इस पूरी घटना ने ओडिशा की नौकरशाही में व्याप्त भ्रष्टाचार को एक बार फिर उजागर कर दिया है। यह सवाल खड़ा हो गया है कि एक सरकारी इंजीनियर के पास इतनी बड़ी मात्रा में नकदी कैसे पहुंची? क्या यह किसी बड़े भ्रष्टाचार तंत्र का हिस्सा है या किसी संगठित नेटवर्क से जुड़ा मामला है?
गौरतलब है कि इससे पहले भी राज्य में PWD, ग्रामीण विकास विभाग और जल संसाधन विभाग से जुड़े अभियंताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। लेकिन इस बार खिड़की से पैसे फेंकने की घटना ने इस मामले को राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में ला दिया है।