आज विजयादशमी के शुभ अवसर पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) फ्रांस (France) की राजधानी पेरिस में भारतीय परंपरा के अनुसार शस्त्र पूजा करेंगे। विधिवत शस्त्र पूजा के बाद रक्षामंत्री फ्रांस की कंपनी दसॉ से खरीदे गए लड़ाकू विमान राफेल (Rafale Aircraft) का अधिग्रहण करेंगे और विमान में उड़ान भी भरेंगे और इसी के साथ ही वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।
सिंह ने सोमवार को पेरिस पहुंचने पर ट्वीट किया, ‘फ्रांस पहुंचकर खुशी हुई। यह महान देश भारत का अहम सामरिक साझेदार है और हमारा विशेष संबंध औपचारिक संबंधों के क्षेत्र से परे जाता है। फ्रांस की मेरी यात्रा का लक्ष्य दोनों देशों के बीच के वर्तमान सामरिक साझेदारी का विस्तार करना है।’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पेरिस से मेरिगन्क के लिए फ्रांसीसी वायुसेना के विमान में रवाना हुए। जहां पर आधिकारिक कार्यक्रम में भारत को राफेल विमान सौंपा जाएगा। यहां राजनाथ सिंह पहले शस्त्र पूजा करेंगे और बाद में कार्यक्रम में शामिल होंगे। राजनाथ सिंह के साथ फ्रांसीसी सेना के कई अधिकारी भी मौजूद हैं।
#WATCH France: Defence Minister Rajnath Singh on-board a French military aircraft in Paris. He is travelling in the aircraft from Paris to Mérignac to receive the first Rafale combat aircraft. pic.twitter.com/FSGwZjjiCA
— ANI (@ANI) October 8, 2019
राफेल विमान रिसीव करने से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमनुएल मैक्रों से मुलाकात की। इसके बाद राजनाथ सिंह राफेल विमान को रिसीव करने के आधिकारिक कार्यक्रम में शामिल होंगे। एमनुएल मैक्रों और राजनाथ सिंह की ये बैठक करीब 35 मिनट तक चली। राजनाथ सिंह ने इस दौरान फ्रांस के रक्षा मंत्री से भी मुलाकात की, इस दौरान इस लेवल की बातचीत में भारत की ओर से 8 लोग शामिल हुए।
राफेल विमान को लेकर आज का कार्यक्रम: (भारतीय समयानुसार)
शाम 5:30 बजे: मेरिगन्क में राफेल विमान में उड़ान और रिसीव करना
रात 10 बजे: पेरिस में फ्रांस के मंत्री से मुलाकात
भारत को मिलने वाले राफेल में क्या?
जो विमान भारत को मिलने वाला है, उसका टेल नंबर RB-01 है। एयर मार्शल वीआर चौधरी की अगुवाई में एयरफोर्स ऑफिसर की टीम ने राफेल विमान को फ्रांस से रिसीव किया है। इस विमान को RB-01 टेल नंबर एयरफोर्स चीफ एयर मार्शल RKS भदौरिया के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने फ्रांस से राफेल की डील करने में बड़ी भूमिका निभाई थी। वायुसेना को राफेल विमान तो आज मिल जाएगा, लेकिन ये विमान भारत में मई 2020 को पहुंचेगा। इस दौरान भारतीय वायुसेना के जवान वहां पर ट्रेनिंग में हिस्सा लेंगे।
राफेल से कैसे बढ़ेगी वायुसेना की ताकत?
राफेल 4.5वीं पीढ़ी का विमान है जिसमें राडार से बच निकलने की युक्ति है। इससे भारतीय वायुसेना (आईएएफ) में आमूलचूल बदलाव होगा क्योंकि वायुसेना के पास अब तक के विमान मिराज-2000 और सुखोई-30 एमकेआई या तो तीसरी पीढ़ी या चौथी पीढ़ी के विमान हैं। भारत ने करीब 59 हजार करोड़ रुपये मूल्य पर 36 राफेल लड़ाकू जेट विमान खरीदने के लिए सितंबर, 2016 में फ्रांस के साथ अंतर-सरकारी समझौता किया था। वैसे तो सिंह मंगलवार को 36 राफेल जेट विमानों में पहला विमान मंगलवार को प्राप्त कर लेंगे लेकिन चार विमानों का पहला खेप अगले साल मई तक ही भारत आएगा। सभी 36 राफेल जेट विमान सितंबर, 2022 तक भारत पहुंचने की संभावना है। उसके लिए भारतीय वायुसेना जरूरी बुनियादी ढांचा तैयारी करने और पायलटों को प्रशिक्षण देने समेत जरूरी तैयारियां कथित रूप से कर रही है।