महाकुंभ 2025: श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ट्रैफिक पुलिस ने बनाया खास प्लान, इन 7 रास्तों से होगा जाना
By: Sandeep Gupta Wed, 08 Jan 2025 09:27:38
महाकुंभ मेला 2025 को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश की ट्रैफिक पुलिस ने श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम बनाने के लिए एक व्यापक योजना तैयार की है। इस योजना के तहत प्रयागराज जिले में आने-जाने के लिए 7 प्रमुख मार्ग चुने गए हैं, जहां कड़ी सुरक्षा और यातायात व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
कौन-कौन से हैं ये मार्ग?
योगी सरकार के एक बयान के अनुसार, ट्रैफिक पुलिस ने जौनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, कानपुर, रीवा/बांदा, लखनऊ, और प्रतापगढ़ से महाकुंभ मेला और कमिश्नरी क्षेत्र तक पहुंचने के लिए ट्रैफिक प्रबंधन योजना बनाई है। इस महाकुंभ मेले में लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में छोटे-बड़े वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग स्थान और पैदल यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष उपाय किए जाएंगे।
मेला क्षेत्र में होगा वन-वे रूट का पालन
योजना के अनुसार, मेला क्षेत्र में वन-वे रूट लागू किए जाएंगे। एसएसपी, कुंभ मेला, स्थिति को नियंत्रित रखने और भीड़ बढ़ने पर डायवर्जन लागू करने की जिम्मेदारी संभालेंगे।
- जौनपुर मार्ग: लगभग 21% यातायात आने की संभावना है।
- रीवा/बांदा मार्ग: अनुमानित 18% यातायात।
- वाराणसी मार्ग: करीब 16% श्रद्धालु इस मार्ग से आएंगे।
- कानपुर और मिर्जापुर मार्ग: क्रमशः 14% और 12% यातायात की उम्मीद है।
- लखनऊ और प्रतापगढ़ मार्ग: 10% और 9% यातायात आने की संभावना है।
प्रमुख व्यवस्थाएं
- मेला क्षेत्र के पास वन-वे रूट लागू होगा।
- भीड़ को नियंत्रित करने के लिए डायवर्जन व्यवस्था तैयार।
- श्रद्धालुओं के वाहनों के लिए समर्पित पार्किंग क्षेत्र।
- पैदल यात्रियों के लिए सुरक्षित और सुव्यवस्थित मार्ग।
सरकार का उद्देश्य
योजना का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं के लिए बिना किसी बाधा के यात्रा को आसान और संतोषजनक बनाना है। इसके साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि महाकुंभ का आयोजन पूरी तरह सुरक्षित और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करने वाला हो।
शासन-प्रशासन की तैयारियां
महाकुंभ को देखते हुए, यूपी सरकार ने ट्रैफिक पुलिस के साथ-साथ अन्य विभागों को भी तैयारियों में जुटने का निर्देश दिया है। हर विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि श्रद्धालुओं की यात्रा के दौरान किसी प्रकार की असुविधा न हो और उनका अनुभव सकारात्मक और यादगार बने।
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