भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए गए। इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को निशाना बनाया गया। सूत्रों की मानें तो इन हमलों में करीब 90 आतंकियों की मौत हुई है, जिनमें आतंकी सरगना मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य भी शामिल हैं। पीओके के मुजफ्फराबाद में रहने वाले युवक अहमद अब्बासी ने बताया, ‘‘हमले अचानक शुरू हुए, मुझे लगता है कि यहां करीब 10 से 15 मिसाइलें गिरीं।’’
पाकिस्तान के मुरीदके क्षेत्र के एक स्थानीय युवक ने बताया कि कैसे भारतीय वायुसेना के हमलों ने चारों ओर दहशत फैला दी। उसने कहा, ‘‘चार ड्रोन आए और हर जगह अफरा-तफरी मच गई।’’ वहीं एक अन्य स्थानीय नागरिक ने कहा, ‘‘करीब रात के 12:45 बजे एक ड्रोन आया, फिर तीन और ड्रोन आए, जिन्होंने मस्जिदों पर हमला किया… सब कुछ तबाह हो गया।’’
शवाई नाला कैंप, जिसे बैत-उल-मुजाहिदीन के नाम से जाना जाता है, मुजफ्फराबाद-नीलम रोड पर स्थित है। यह लश्कर-ए-तैयबा का प्रमुख आतंकी प्रशिक्षण केंद्र है, जहां 26/11 मुंबई हमले के हमलावरों—जैसे कि अजमल कसाब—को प्रशिक्षण मिला था। इस बीच पाकिस्तान के सैन्य प्रवक्ता और आईएसपीआर के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने इन हमलों की पुष्टि की। बुधवार सुबह 4:08 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि भारत ने कुल 24 जगहों पर हथियारों से हमला किया है।
पाकिस्तानी सेना ने यह भी बताया कि बहावलपुर के अहमदपुर ईस्ट इलाके में सुबहान मस्जिद के पास चार हमले हुए, जो कि जैश-ए-मोहम्मद और मौलाना मसूद अजहर के मुख्य अड्डों में से एक मानी जाती है। मस्जिद को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया। इसके अलावा सियालकोट के कोटली, मुरीदके, कोटकी लोहारा और शकरगढ़ के पास भी हमले हुए हैं। दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम में हुए वीभत्स हमले के दोषियों को न्याय दिलाने के उद्देश्य से किया गया है।