इन दिनों सोशल मीडिया पर यह अफवाह तेजी से फैल रही है कि प्रयागराज महाकुम्भ मेले को भारी भीड़ को देखते हुए प्रदेश सरकार और मेला व जिला प्रशासन द्वारा मार्च तक बढ़ा दिया गया है। हालांकि, प्रयागराज के डीएम रविंद्र मांदड़ ने इन अफवाहों को सिरे से नकारा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सिर्फ एक अफवाह है। महाकुम्भ मेले का शेड्यूल मुहूर्त के हिसाब से पहले से निर्धारित होता है, और 26 फरवरी को ही महाकुम्भ का समापन होगा।
साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि जो श्रद्धालु इस दौरान मेले में आएंगे, उनके लिए सुगम आवागमन सुनिश्चित किया जा रहा है। डीएम ने सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों का खंडन करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है और मेला शेड्यूल में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
श्रद्धालुओं से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि वे किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें। शासन और प्रशासन ने महाकुम्भ के समापन के बाद श्रद्धालुओं के लौटने और संगम में स्नान करने की व्यवस्था को सही तरीके से सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक मैनेजमेंट हमारी प्राथमिकता है और हम इस पर निरंतर काम कर रहे हैं, ताकि आम जनजीवन पर कोई प्रभाव न पड़े और श्रद्धालुओं के लिए सुगम आवागमन सुनिश्चित किया जा सके।
प्रयाग संगम रेलवे स्टेशन को बंद किए जाने को लेकर डीएम ने साफ किया कि यह जानकारी पूरी तरह से गलत है। उन्होंने बताया कि बिना पूर्व सूचना के किसी भी रेलवे स्टेशन को बंद नहीं किया गया है। यह अफवाह है। दरअसल, दारागंज स्थित प्रयाग संगम स्टेशन को पीक डेज पर पहले भी बंद किया जाता रहा है, क्योंकि यह स्टेशन मेले के पास स्थित है और यहां भारी भीड़ का सामना करना पड़ता है। इसलिए इसे स्थायी रूप से बंद किया गया है, ताकि अधिक भीड़ जमा न हो।
डीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि बाकी सभी रेलवे स्टेशन पूरी तरह से ऑपरेशनल हैं और बड़ी संख्या में लोग इनसे यात्रा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह जिला प्रशासन और सरकार के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है और मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में सभी गतिविधियाँ सामान्य रूप से संचालित हो रही हैं।
इसके अलावा, डीएम ने यह भी बताया कि अब तक किसी भी छात्र की परीक्षा छूटी नहीं है। पहले भी अपील की गई थी कि बोर्ड परीक्षा दे रहे छात्र और उनके पेरेंट्स समय से पहले परीक्षा केंद्र पर पहुंचें, और अधिकांश लोगों ने इस पर अमल किया। सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड ने भी निर्णय लिया है कि यदि किसी छात्र का परीक्षा छूटता है, तो उसे परीक्षा के अंत में एक और अवसर दिया जाएगा।