पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और भाजपानीत केंद्र सरकार के बीच लंबे समय से तनातनी चल रही है। दोनों ही पक्ष आरोप-प्रत्यारोप के साथ एक-दूसरे को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ते। ममता ने बुधवार को एक बार फिर केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने एक प्रेस कान्फ्रेंस में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि 6 से 8 महीनों के बीच उन्होंने क्या किया? उनका वैक्सीन बांटने का तरीका भी गलत है। महामारी फैलने के लिए विपक्ष को दोष क्यों दे रहे हैं? बीजेपी ही सबके लिए बड़ी बीमारी है। बंगाल की जनता ने जो फैसला दिया है, वो उसे स्वीकार नहीं कर पा रही है।
एक चरण में होते चुनाव तो नहीं बिगड़ती स्थिति
मार्च-अप्रेल
में चुनाव के दौरान कोरोना केस में उछाल आ गया था। आप जानते हैं कि 8
चरणों में चुनाव कराए गए। हम लगातार मांग करते रहे कि चुनाव एक फेज में हो,
लेकिन किसी ने नहीं सुना। जब चुनाव थे तो पॉजिटिविटी रेट 33 फीसदी के पार
चली गई थी, लेकिन अब हालात काबू में हैं और यह 3 प्रतिशत से नीचे आ गया है।
कई जगहों पर उपचुनाव होने हैं। अब हालात नियंत्रण में हैं तो एक हफ्ते में
उपचुनाव करा सकते हैं। हालांकि मुझे पता है कि चुनाव तभी होंगे जब
प्रधानमंत्री चाहेंगे।
कोवैक्सीन को मिले विश्व स्तर पर मान्यता
ममता
ने केंद्र से कोवैक्सीन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाने की मांग
की, जिससे विदेश जाने वाले छात्रों को राहत मिल सके। अभी इसे मान्यता नहीं
दी जा रही है। उन्होंने कहा कि कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ से मान्यता दिलाएं।
जिन लोगों ने कोविशील्ड वैक्सीन ली है, उन्हें समस्या नहीं हो रही है।
पीएम ने 21 जून से वैक्सीन के लिए अभियान शुरू करने की बात कही थी। इससे
लोगों को नुकसान हुआ है। बीजेपी जनमत को स्वीकार नहीं कर रही है। लोग मर
रहे हैं, लेकिन स्वीकार नहीं कर रही है। उत्तर प्रदेश में लोग मर रहे हैं।
पार्थिव शरीर को गंगा में बहा दिया जाता है। बॉडी बंगाल आ रही है। हम उनका
अंतिम संस्कार कर रहे हैं। हमने तीन करोड़ वैक्सीन मांगी थी, लेकिन नहीं
मिली।