जयपुर। राजस्थान में सरकारी नौकरियों में फर्जीवाड़े के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब शारीरिक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2022 को लेकर एक और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने जांच के बाद ऐसे 21 अभ्यर्थियों की पहचान की है, जिन्होंने फर्जी डिग्रियों के जरिए सरकारी पीटीआई की नौकरी हासिल कर ली थी। इन सभी के खिलाफ अब एफआईआर दर्ज कर दी गई है।
फर्जी डिग्रियों के सहारे सरकारी नौकरी
एसओजी के एडीजी वी.के. सिंह ने जानकारी दी कि शारीरिक शिक्षक भर्ती 2022 से जुड़े दस्तावेजों और चयनित अभ्यर्थियों की शैक्षणिक योग्यता की गहन जांच की गई। इस दौरान सामने आया कि 21 उम्मीदवारों ने स्नातक और बीपीएड की जाली डिग्रियां लगाकर चयन प्रक्रिया को पार किया और सरकारी सेवा में नियुक्ति प्राप्त की।
डिग्रियों की सत्यता पर उठा सवाल
इन अभ्यर्थियों ने हिमाचल प्रदेश के अरनी विश्वविद्यालय से 2016 से 2020 के बीच स्नातक की डिग्री और उत्तर प्रदेश के शिकोहाबाद स्थित जेएस विश्वविद्यालय से बीपीएड कोर्स की अंकतालिकाएं प्रस्तुत की थीं। लेकिन जब संबंधित विश्वविद्यालयों से आधिकारिक रिकॉर्ड मंगवाए गए, तो इनमें से किसी भी अभ्यर्थी का नाम सूची में नहीं मिला। इससे यह स्पष्ट हो गया कि डिग्रियां पूरी तरह फर्जी थीं।
बैक डेट में बनवाए गए दस्तावेज
जांच में यह भी सामने आया कि अभ्यर्थियों ने कुछ विश्वविद्यालय प्रबंधन के सहयोग से बैक डेट में फर्जी डिग्रियां और अंकतालिकाएं तैयार करवाईं। इन जाली दस्तावेजों के सहारे उन्होंने आवेदन किया और सफलतापूर्वक सरकारी पद पर नियुक्ति भी प्राप्त कर ली।
इन आरोपियों पर हुई एफआईआर दर्ज
एसओजी ने जिन अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, उनमें रतनगढ़, बयाना, सवाईमाधोपुर, नागौर, टोडाभीम, डीग, महुआ, झुंझुनूं, जयपुर, करौली, सांचौर और भरतपुर जैसे विभिन्न जिलों के निवासी शामिल हैं। आरोपी अभ्यर्थियों में पुरुषों के साथ-साथ कुछ महिला उम्मीदवार भी हैं।
सरकार और एजेंसियों पर फिर उठे सवाल
यह मामला एक बार फिर सरकारी भर्ती परीक्षाओं की पारदर्शिता और निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। ऐसे समय में जब योग्य अभ्यर्थी वर्षों की मेहनत के बाद भी नौकरी से वंचित रह जाते हैं, फर्जी डिग्रियों से सरकारी पद हथियाने वालों की पहचान होना गंभीर चिंता का विषय बन गया है।