ऑस्ट्रेलिया की मुस्लिम महिला सीनेटर ने एक चौंकाने वाला आरोप लगाकर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। उनका कहना है कि एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान एक पुरुष सहकर्मी ने उन्हें शराब पीने और टेबल पर डांस करने के लिए मजबूर करने की कोशिश की। उन्होंने इस घटना को लेकर संसदीय समिति में औपचारिक शिकायत दर्ज करवाई है। यह घटना ऐसे समय पर सामने आई है जब ऑस्ट्रेलियाई संसद पहले ही यौन उत्पीड़न और भेदभाव जैसे गंभीर आरोपों के चलते आलोचनाओं का सामना कर चुकी है।
सीनेटर फातिमा पेमैन ने बुधवार को सार्वजनिक रूप से इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि उनके एक पुरुष सहयोगी ने उन्हें अनुचित तरीके से ट्रीट किया। उन्होंने आरोप लगाया कि वह जब एक सामाजिक कार्यक्रम में शामिल थीं, तब उनके सहकर्मी ने कई ड्रिंक्स लेने के बाद उनसे कहा, “चलो आपको थोड़ी शराब पिलाते हैं और टेबल पर नाचते हुए देखते हैं।” फातिमा ने साफ किया कि वे शराब नहीं पीतीं और जब उन्होंने मना किया, तो भी उस व्यक्ति ने दुर्व्यवहार किया और दबाव बनाता रहा।
फातिमा पेमैन, जो अफगानिस्तान में जन्मीं और अब ऑस्ट्रेलिया की संसद में हिजाब पहनने वाली पहली सीनेटर हैं, ने कहा कि उन्होंने तुरंत ही उस व्यक्ति को उसकी सीमा याद दिलाई और फिर औपचारिक रूप से शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने यह भी कहा कि घटना के बाद उन्होंने महसूस किया कि अब चुप रहना सही नहीं है, क्योंकि यह मामला न सिर्फ उनके साथ हुआ अन्याय है बल्कि यह इस्लामोफोबिया और मुस्लिम महिलाओं की आज़ादी पर हमले जैसा है।
हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह घटना कब घटी थी और वह पुरुष सहकर्मी कौन था, लेकिन सीनेटर के इन खुलासों ने एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया की संसद में महिलाओं की सुरक्षा और समानता को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह पहली बार नहीं है जब ऑस्ट्रेलियाई संसद को ऐसे आरोपों का सामना करना पड़ा है। इससे पहले 2021 में पूर्व पॉलिटिकल स्टाफर ब्रिटिनी हिगिन्स ने आरोप लगाया था कि एक सहकर्मी ने उनका संसदीय कार्यालय में यौन शोषण किया था। उस घटना के बाद संसद में कामकाज के माहौल को लेकर एक व्यापक समीक्षा की गई थी, जिसमें पाया गया कि वहां अत्यधिक शराब सेवन, उत्पीड़न और अनुचित व्यवहार जैसी समस्याएं आम हैं।