जयपुर: अतिरिक्त जिला न्यायालय क्रम-2, महानगर प्रथम ने तीन साल पहले खेत में काम करते हुए एक व्यक्ति की बिजली के खंभे के ताण में करंट आने से हुई मौत के मामले में जयपुर डिस्कॉम की लापरवाही साबित न होने के कारण 79.50 लाख रुपए के क्षतिपूर्ति दावे को खारिज कर दिया है।
पीठासीन अधिकारी सुप्रिया जोशी ने श्यामू बाई एवं अन्य द्वारा दायर दावे को खारिज करते हुए कहा कि वादी पक्ष यह साबित करने में असफल रहा कि 16 जुलाई 2022 को मृतक सरदार सिंह की मौत बिजली के खंभे के ताण में करंट आने के कारण हुई। वादी ने दावा किया था कि प्रार्थी का पति सरदार सिंह उसी दिन खेत में काम कर रहा था, जब खेत में लगे बिजली के खंभे के ताण में करंट आ गया और वह उसकी चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौत हो गई। साथ ही उन्होंने ताण की देखभाल की जिम्मेदारी जयपुर डिस्कॉम की बताई और आरोप लगाया कि डिस्कॉम की लापरवाही के कारण यह घटना हुई, इसलिए उनसे 79.50 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति दिलाई जाए।
वहीं, जयपुर डिस्कॉम के अधिवक्ता अरुण शर्मा ने इस वाद का विरोध करते हुए बताया कि केवल मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर डिस्कॉम की लापरवाही साबित नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि यह घटना 16 जुलाई 2022 को हुई थी, जबकि क्षतिपूर्ति का आवेदन 7 अक्टूबर 2022 को प्रस्तुत किया गया था। वादी पक्ष ने ऐसा कोई मौखिक या लिखित प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया जिससे डिस्कॉम की लापरवाही सिद्ध हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि ताण में करंट नहीं आता क्योंकि उसमें इंसुलेटर लगा होता है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने इस क्षतिपूर्ति दावे को खारिज कर दिया।