महुआ मोइत्रा की बढ़ी परेशानियाँ, CBI जाँच के आदेश
By: Shilpa Thu, 09 Nov 2023 7:59:32
नई दिल्ली। पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में फंसी टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि लोकपाल ने उनकी शिकायत के आधार पर आरोपी सांसद मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं।
निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ''लोकपाल ने आज मेऱी शिकायत पर आरोपी सांसद महुआ मोइत्रा के राष्ट्रीय सुरक्षा को गिरवी रखकर भ्रष्टाचार करने पर सीबीआई जांच का आदेश दिया।''
महुआ मोइत्रा ने किया पलटवार
महुआ मोइत्रा ने इस बीच कहा कि मीडिया जो मेरा उत्तर जानने के लिए फोन कर रहे हैं, उनसे कहना है कि सीबीआई को 13 हजार करोड़ रुपये के अडानी कोल स्कैम मामले में पहले एफआईआर दर्ज करनी होगी।
मोइत्रा ने आगे कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा यह है कि कैसे संदिग्ध एफपीआई स्वामित्व वाली (चीनी और संयुक्त अरब अमीरात सहित) अडानी कंपनियां भारतीय बंदरगाहों और हवाई अड्डों को खरीद रही हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सीबीआई आपका स्वागत है। आओ और मेरे जूते गिनो।
लोकपाल ने आज मेरे कम्प्लेन पर आरोपी सांसद महुआ जी के राष्ट्रीय सुरक्षा को गिरवी रखकर भ्रष्टाचार करने पर CBI inquiry का आदेश दिया
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) November 8, 2023
क्या है पूरा मामला?
संसदीय आचार समिति के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने कहा था कि व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी ने टीएमसी सांसद महुआ-मोइत्रा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एथिक्स पैनल को दिए अपने 3 पेज के हस्ताक्षरित हलफनामे में, दर्शन हीरानंदानी ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के साथ अपनी दोस्ती को स्वीकार किया था और दावा किया था कि लोकसभा सदस्य ने अदानी समूह पर हमला करने को प्रसिद्धि के मार्ग के रूप में देखा। उन्होंने आगे कहा, ‘महुआ मोइत्रा लोकसभा चुनाव 2019 में सांसद बनी थी। उसे उसके दोस्तों ने सलाह दी थी कि प्रसिद्धि का सबसे छोटा रास्ता नरेंद्र पर हमला करना। गौतम अदानी और नरेंद्र मोदी दोनों गुजरात से आते हैं। ये पीएम पर हमला करने का सबसे आसान रास्ता।’’
महुआ मोइत्रा का क्या है पक्ष?
महुआ मोइत्रा ने ने आरोपों को खारिज करते हुए इसे भाजपा की साजिश करार दिया था। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा था, ‘आचार समिति के अध्यक्ष मीडिया से खुलकर बात करते हैं। कृपया लोकसभा नियम देखें। एक “शपथ पत्र” मीडिया तक कैसे पहुंचता है? चेयरमैन को पहले इसकी जांच करानी चाहिए कि ये लीक कैसे हुआ। मैं दोहराती हूं – भाजपा का एक सूत्रीय एजेंडा मुझे अडानी पर चुप कराने के लिए लोकसभा से निष्कासित करना है।’