न्यूज़
Bigg Boss 19 Tejashwi Yadav Donald Trump Narendra Modi Rahul Gandhi

मध्यप्रदेश: 40 से ज्यादा विधायकों के कटेंगे टिकट, जारी की गई सूची में 3 केन्द्रीय मंत्री, 7 सांसद और राष्ट्रीय महासचिव शामिल

मध्यप्रदेश में इस साल के अंत तक विधान सभा चुनाव होना है। भाजपा इस बार अपने दम पर पूर्ण बहुमत हासिल कर राज्य में फिर से सरकार बनाने के लक्ष्य को लेकर चुनावी मैदान में उतर रही है।

Posts by : Rajesh Bhagtani | Updated on: Thu, 28 Sept 2023 4:54:13

मध्यप्रदेश: 40 से ज्यादा विधायकों के कटेंगे टिकट, जारी की गई सूची में 3 केन्द्रीय मंत्री, 7 सांसद और राष्ट्रीय महासचिव शामिल

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में इस साल के अंत तक विधान सभा चुनाव होना है। भाजपा इस बार अपने दम पर पूर्ण बहुमत हासिल कर राज्य में फिर से सरकार बनाने के लक्ष्य को लेकर चुनावी मैदान में उतर रही है। 2018 की गलतियों से सबक लेते हुए भाजपा ने इस बार अपने रणनीति में व्यापक बदलाव किया है। पार्टी ने इस बार एक तरफ जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा अन्य दिग्गज नेताओं को भी चुनाव प्रचार अभियान में आगे रखा है वहीं, अब एंटी इनकंबेंसी के माहौल को कमजोर करने के लिए पार्टी 40 से ज्यादा विधायकों का टिकट काटने की भी तैयारी कर ली है।

भाजपा सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने राज्य के एक-एक विधान सभा सीट पर जीत हार के समीकरण को लेकर और वर्तमान विधायकों की सक्रियता, लोकप्रियता, उम्र, जनाधार और जीतने की क्षमता को लेकर कई स्तरों पर व्यापक और बड़े पैमाने पर सर्व करवाए हैं। पार्टी ने दूसरे राज्यों के नेताओं और खासकर विधायकों को मध्य प्रदेश में उतार दिया है। हर विधान सभा सीट की ग्राउंड जानकारी एकत्र की है। इस आधार पर पार्टी ने अपने वर्तमान विधायकों को बड़े पैमाने पर बदलने का फैसला किया है।भाजपा ने टिकट चयन के लिए जो प्रक्रिया तय की है, उसमें छवि, जातिगत समीकरण और संगठन के फीडबैक को सबसे अधिक महत्व दिया जा रहा है। सर्वे के आधार पर ऐसे उम्मीदवारों की तलाश की गई है, जो जीतने की ताकत रखते हैं। जो विधायक किसी भी पहलू पर कमजोर साबित होंगे, उन्हें पार्टी टिकट नहीं देगी। पैनल में जगह भी नहीं मिलेगी। प्रदेश स्तर पर दावेदारों के नाम जुटाए गए हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दो एजेंसियों से सर्वे कराया है। इसमें एक पैनल में कम से कम तीन और अधिकतम पांच नामों को शमिल किया गया है। सर्वे में एक विधानसभा क्षेत्र में वोटरों की संख्या के आधार पर दो से पांच हजार लोगों के बीच सर्वे कराया गया है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली से केंद्रीय नेतृत्व प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लगा रहा है।

नए चेहरों और युवाओं को मिलेगा महत्व

प्रदेश में भाजपा पिछले 20 में से 18 साल सत्ता में रही है। कई स्तरों पर सत्ता विरोधी लहर भी दिख रही है। सरकार के कुछ मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ स्थानीय स्तर पर विरोध है। इसे दूर करने के लिए मध्य प्रदेश में पार्टी 40% से अधिक विधायकों के टिकट काटने का मन बना चुकी है। पार्टी की रणनीति ऐसी सीटों पर नए और युवा चेहरों को टिकट देने की तैयारी में है।

इन प्रमुख फेक्टर पर किया सर्वे


जनप्रतिनिधि की इमेजः भाजपा विधायक की क्षेत्र में छवि कैसी है। उस पर कोई गंभीर आरोप तो नहीं है। विधायक के संरक्षण में कहीं उसके लोग आम जनता पर मनमानी या दंबगई तो नहीं कर रहे।

जातिगत समीकरणः प्रत्याशी चयन में विधानसभा क्षेत्र के जातिगत समीकरणों को खास महत्व दिया जा रहा है। लोधी समुदाय की अधिकता वाले क्षेत्रों में लोधी उम्मीदवार को तलाशा जा रहा है। इसी तरह ज्यादातर उम्मीदवार ओबीसी वर्ग से होंगे।

संगठन का फीडबैकः विधायकों समेत सभी दावेदारों को लेकर संगठन से फीडबैक लिया जा रहा है। जिला स्तर पर संगठन के पदाधिकारियों की राय के आधार पर ही किसी नाम पर विचार किया जाएगा।

क्षेत्र में किए विकास कार्यः मौजूदा विधायक का परफॉर्मेंस एक अहम फेक्टर है। उसने क्षेत्र में किस तरह के विकास कार्य करवाए हैं, इसका लेखा-जोखा मांगा जा रहा है। पार्टी के तय मानकों के आधार पर उन्हें परखा जा रहा है।

जनता के बीच उपलब्धताः विधायकों की क्षेत्र में सक्रियता कैसी है, यह भी टिकट का निर्णायक पहलू है। जनता की विधायक तक पहुंच और उसकी उपलब्धता का सवाल भी सर्वे में शामिल रहा है।

सिंधिया समर्थकों को हो सकती है निराशा

पार्टी ने टिकट के लिए जो फेक्टर तय किए हैं, उन पर खरा उतरना जरूरी है। ऐसे में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस से आए नेताओं को भी परखा जा रहा है। ऐसे विधायकों के टिकट कट सकते हैं, जो सिंधिया के साथ भाजपा में आए जरूर, लेकिन अपने आप को भाजपा के अनुरूप ढाल नहीं सके। संगठन से उनका सामंजस्य है या नहीं, यह भी एक अहम पहलू है। सिंधिया के साथ भाजपा में आए कुछ विधायक अब भी भाजपा की रीति-नीति में रच-बस नहीं सके हैं। इस आधार पर उनके टिकटों पर तलवार लटक रही है। संगठन से टकराहट होने पर नेताओं को टिकट से इनकार किया जाएगा।

पहली दो लिस्ट से मिले हैं संकेत

भारतीय जनता पार्टी 2018 की गलती नहीं दोहराना चाहती है। चुनाव प्रचार से लेकर प्रत्याशी के चयन में भी चौंका रही है। पार्टी ने अब तक 79 प्रत्याशियों की सूची जारी की है। तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसद और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को टिकट दिया है। इनमें 76 सीटों पर भाजपा को हार मिली थी। इस वजह से केंद्रीय नेताओं के जरिये न केवल उन सीटों को कांग्रेस से छीनने की तैयारी है बल्कि आसपास के जिलों में भी उनका प्रभाव हो सकता है।

भाजपा 2018 में 109 सीट पर जीती थी


2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 109 और कांग्रेस ने 114 सीटों पर जीत हासिल की थी। 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद हुए उपचुनाव में भाजपा की सीट बढ़कर 127 पहुंच गई थी।

राज्य
View More

Shorts see more

चिया सीड्स के साथ भूलकर भी न खाएं ये 9 चीजें, वरना फायदे की जगह हो सकता है नुकसान

चिया सीड्स के साथ भूलकर भी न खाएं ये 9 चीजें, वरना फायदे की जगह हो सकता है नुकसान

  • चिया सीड्स हेल्दी हैं, सही कॉम्बिनेशन जरूरी
  • कुछ फूड्स के साथ सेवन से असर कम या पाचन खराब हो सकता है
  • डेयरी, शुगर, हाई फाइबर और ठंडी/नशीली चीजें बचें
read more

ताजा खबरें
View More

‘दिल्ली का प्रदूषण तो आसमान छू रहा है, एक सिगरेट से क्या फर्क पड़ेगा’—संसद में स्मोकिंग विवाद पर TMC सांसद का अनोखा जवाब
‘दिल्ली का प्रदूषण तो आसमान छू रहा है, एक सिगरेट से क्या फर्क पड़ेगा’—संसद में स्मोकिंग विवाद पर TMC सांसद का अनोखा जवाब
थरूर की गैरमौजूदगी से कांग्रेस में खलबली, राहुल गांधी की रणनीतिक बैठक में एक और नेता नज़र नहीं आए
थरूर की गैरमौजूदगी से कांग्रेस में खलबली, राहुल गांधी की रणनीतिक बैठक में एक और नेता नज़र नहीं आए
चांदी ने रचा इतिहास, पहली बार ₹2 लाख पार; सोना भी नई ऊँचाइयों पर पहुँचा
चांदी ने रचा इतिहास, पहली बार ₹2 लाख पार; सोना भी नई ऊँचाइयों पर पहुँचा
AAP की नई राजनीतिक कोशिश: गोवा में 50 पंचायत सीटों पर उम्मीदवार उतारे, आतिशी को मिली अहम जिम्मेदारी
AAP की नई राजनीतिक कोशिश: गोवा में 50 पंचायत सीटों पर उम्मीदवार उतारे, आतिशी को मिली अहम जिम्मेदारी
उत्तराखंड में विकास को नई गति: CM धामी ने 210 करोड़ से ज्यादा की परियोजनाओं को दिखाई हरी झंडी, आपदा राहत में शामिल होंगी 71 नई गाड़ियां
उत्तराखंड में विकास को नई गति: CM धामी ने 210 करोड़ से ज्यादा की परियोजनाओं को दिखाई हरी झंडी, आपदा राहत में शामिल होंगी 71 नई गाड़ियां
भारत में मैरिटल रेप की अनदेखी, पत्नी की सहमति के बिना संबंध को बलात्कार माना जाना चाहिए: शशि थरूर
भारत में मैरिटल रेप की अनदेखी, पत्नी की सहमति के बिना संबंध को बलात्कार माना जाना चाहिए: शशि थरूर
बैंकॉक से अमृतसर पहुँचा यात्री, बैग से मिला 3 किलो गांजा; कस्टम विभाग की बड़ी कार्रवाई
बैंकॉक से अमृतसर पहुँचा यात्री, बैग से मिला 3 किलो गांजा; कस्टम विभाग की बड़ी कार्रवाई
सर्दियों में बालों के लिए वरदान साबित होगा यह ‘स्पेशल विंटर ऑयल’, सिर्फ एक महीने में नजर आने लगेगा बदलाव
सर्दियों में बालों के लिए वरदान साबित होगा यह ‘स्पेशल विंटर ऑयल’, सिर्फ एक महीने में नजर आने लगेगा बदलाव
धर्मेंद्र की प्रेयर मीट में  रो पड़ीं हेमा मालिनी, ईशा-अहाना ने मां को दिया सहारा
धर्मेंद्र की प्रेयर मीट में रो पड़ीं हेमा मालिनी, ईशा-अहाना ने मां को दिया सहारा
15000 फीट की ऊँचाई पर मौत से आमना-सामना! प्लेन से उलझा पैराशूट, विमान के नीचे लटकता रहा स्काईडाइवर; वीडियो ने मचाई सनसनी
15000 फीट की ऊँचाई पर मौत से आमना-सामना! प्लेन से उलझा पैराशूट, विमान के नीचे लटकता रहा स्काईडाइवर; वीडियो ने मचाई सनसनी
'10 हजार दो या 1 लाख… ये मुझे वोट नहीं देंगे', हिमंत बिस्वा सरमा का बड़ा बयान
'10 हजार दो या 1 लाख… ये मुझे वोट नहीं देंगे', हिमंत बिस्वा सरमा का बड़ा बयान
क्या BCCI में भी होती हैं सरकारी तरह की नौकरियां? जानें कैसे पता चलता है वैकेंसी का पूरा प्रोसेस
क्या BCCI में भी होती हैं सरकारी तरह की नौकरियां? जानें कैसे पता चलता है वैकेंसी का पूरा प्रोसेस
पिता की चिता को अग्नि देकर बेटी ने किया परंपरा का अंत, मुंडन कर निभाया बेटों जैसा धर्म
पिता की चिता को अग्नि देकर बेटी ने किया परंपरा का अंत, मुंडन कर निभाया बेटों जैसा धर्म
प्रेयर मीट के बाद ईशा देओल का भावुक पोस्ट, शेयर किया वीडियो—जिसमें झलकी प्रकाश कौर और सनी देओल की अनदेखी यादें
प्रेयर मीट के बाद ईशा देओल का भावुक पोस्ट, शेयर किया वीडियो—जिसमें झलकी प्रकाश कौर और सनी देओल की अनदेखी यादें