मुम्बई। घरेलू शेयर बाजार में सोमवार को भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला, लेकिन दिन के अंत में बाजार लाल निशान में बंद हुआ। शुरुआती गिरावट के बाद भले ही बाजार ने कुछ रिकवरी की, लेकिन कारोबार के अंत तक यह नुकसान की भरपाई नहीं कर सका। बीएसई सेंसेक्स 77 अंकों की गिरावट के साथ 81,373 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 34.10 अंक फिसलकर 24,716.60 पर पहुंचा।
दिन के शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 762 अंकों की बड़ी गिरावट के साथ 80,688.77 के निचले स्तर तक गया था। इसी तरह, निफ्टी भी 212 अंकों की गिरावट के साथ 24,538.45 तक लुढ़क गया था। हालांकि दिनभर की रिकवरी के बाद नुकसान कुछ हद तक सीमित रहा।
इस दौरान निफ्टी पर अडानी पोर्ट्स, एमएंडएम, टाटा कंज्यूमर और पावर ग्रिड जैसे शेयरों में तेजी रही, जबकि हीरो मोटोकॉर्प, टेक महिंद्रा, जेएसडब्ल्यू स्टील और एचडीएफसी लाइफ जैसे दिग्गज शेयरों में गिरावट देखी गई।
सेक्टोरल प्रदर्शन
पीएसयू बैंक और रियल एस्टेट सेक्टर में करीब 2-2 प्रतिशत की तेजी रही, जबकि आईटी, मेटल और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स इंडेक्स में गिरावट दर्ज की गई। बीएसई मिडकैप इंडेक्स 0.6 प्रतिशत चढ़ा, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.4 प्रतिशत की बढ़त देखी गई।
बाजार में गिरावट की मुख्य वजह
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से स्टील और एल्युमिनियम पर टैरिफ दोगुना करने की चेतावनी रही, जो 4 जून से प्रभावी हो सकती है। इस घोषणा से वैश्विक बाजारों में हड़कंप मच गया और इसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा। इसके अलावा, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और घरेलू स्तर पर सकारात्मक संकेतों की कमी से भी बाजार में दबाव रहा।
वैश्विक बाजारों की स्थिति
जापान का निक्केई और हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुए, जबकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी हरे निशान में रहा। चीन के बाजार सोमवार को छुट्टी के चलते बंद रहे। यूरोपीय बाजारों में भी शुरुआती कारोबार में कमजोरी देखने को मिली।
रुपये की स्थिति मजबूत
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया सोमवार को 16 पैसे मजबूत होकर 85.39 (अनंतिम) पर बंद हुआ। अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और रिजर्व बैंक से दरों में कटौती की उम्मीदों के चलते रुपये को समर्थन मिला, हालांकि विदेशी फंड्स की निकासी और महंगे कच्चे तेल ने तेजी को सीमित किया।