हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत, जिन्होंने हाल ही में सुक्खू सरकार पर भारी भरकम बिजली बिल के मामले में निशाना साधा था, अब खुद बिजली विभाग के शिकंजे में फंस गई हैं। कंगना ने अपनी जनसभा में दावा किया था कि उनका मनाली स्थित घर में 1 लाख रुपये का बिजली बिल आया है, जबकि वह वहां रहती भी नहीं हैं। कंगना ने यह भी आरोप लगाया था कि राज्य सरकार भेड़ियों का झुंड है। लेकिन अब बिजली विभाग ने कंगना के इन आरोपों का खंडन करते हुए उनका बकाया बिल सामने ला दिया है, और बताया कि वह खुद बिजली बिल की डिफॉल्टर हैं।
हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (एचपीएसईबी) के एमडी संदीप कुमार ने शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कंगना के मनाली स्थित आवास का बिजली बिल और संबंधित विवाद पर सफाई दी। उन्होंने बताया कि कंगना के मनाली स्थित घर पर 90,384 रुपये का दो महीने का बकाया बिजली बिल है, और यह दावा गलत है कि यह केवल एक महीने का बिल है।
संदीप कुमार ने बताया कि कंगना को 22 मार्च को बिल जारी किया गया था, जिसमें उनके पुराने बकाया 32,287 रुपये भी शामिल थे। कुल मिलाकर, मार्च में कंगना को 90,384 रुपये का बिल जारी किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि कंगना के घर का कनेक्टेड लोड 94.82 किलोवाट है, जो सामान्य घरों से 1500 प्रतिशत अधिक है। हिमाचल प्रदेश में आमतौर पर घरों का विद्युत लोड 2 से 5 किलोवाट के बीच होता है।
बिजली बिलों का भुगतान समय पर नहीं किया
हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत द्वारा बिजली बिलों के भुगतान में देरी और अधिक खपत के आरोपों के बीच, बिजली विभाग ने मामले पर अपनी सफाई दी है। विभाग ने बताया कि कंगना ने अक्टूबर से दिसंबर तक के बिलों का समय पर भुगतान नहीं किया था। इसके बाद जनवरी और फरवरी के बिल भी समय पर नहीं भरे गए थे। कंगना के घर की बिजली खपत दिसंबर में 6,000 यूनिट और फरवरी में 9,000 यूनिट रही, जिसके बाद उनके बिल क्रमशः 31,367 रुपये और 58,096 रुपये के आए थे। बिजली विभाग के एमडी संदीप कुमार ने बताया कि अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर 2024 के लिए कंगना के घर का कुल बिजली बिल 82,061 रुपये था, जिसे 16 जनवरी 2025 को भुगतान किया गया। वहीं, जनवरी और फरवरी के बिलों का भुगतान 28 मार्च 2025 को हुआ, जिसमें कुल खपत 14,000 यूनिट थी। एमडी ने यह भी स्पष्ट किया कि कंगना के घर की औसत मासिक खपत 5,000 से 9,000 यूनिट के बीच है, जो सामान्य घरेलू कनेक्शन से काफी अधिक है। इसके अलावा, कंगना को बिजली बिल पर सब्सिडी भी मिल रही है, और फरवरी के बिल में उन्हें 700 रुपये की सब्सिडी मिली थी। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने इस विवाद की जांच के आदेश दिए थे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह कंगना की बातों को गंभीरता से नहीं लेते हैं, लेकिन आरोपों के बाद जांच जरूरी थी।